गौरव भित्ति का लोकार्पण कुलपति  प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने किया
 

Vice Chancellor Professor Alok Kumar Rai inaugurated the Gaurav wall
 
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ(आर एल पाण्डेय). लखनऊ विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में एक गौरव भित्ति को स्थापित किया गया है, जिसमें उर्दू विभाग के पूर्व शिक्षक और पूर्व विद्यार्थियों के छाया चित्र सम्मिलित हैं।
आज इस गौरव भित्ति का लोकार्पण कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने किया। इस गौरव भित्ति में निम्न के छाया चित्र सम्मिलित हैं-

1. मसूद हसन रिजवी-  यह उर्दू एवं फारसी के संस्थापक विभागाध्यक्ष रहे    । जिनका कार्यकाल 130 से 1954 तक रहा 
2. प्रो नूर उल हसन हाशमी- वर्ष 1973 से 1975 तक उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष रहे। उर्दू के प्रख्यात साहित्यकारों थे  उर्दूशब्दकोश के संकलन कर्ता भी रहे ।
3. प्रो एहतेशाम हुसैन- उर्दू विभाग के  विभागाध्यक्ष रहे , उर्दू साहित्य में प्रगतिशील आलोचना के स्तंभ थे। 
4. प्रोफ़ेसर शबीहुल हसन - 1975 से 1991 तक विभागाध्यक्ष एवं कुछ समय के लिए अधिष्ठाता कला संकाय रहे।  यह मनोवैज्ञानिक आलोचना के विशेषज्ञ माने जाते थे। 
5. शुजात अली सनदेलवी - उर्दू के नामचीन साहित्यकार एवं उर्दू विभाग के आचार्य  रहे। 
6. डॉ सय्यद अहमद- उर्दू विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र थे जो झारखंड एवं मणिपुर राज्य के राज्यपाल रहे।
7. सिब्ते रजी - उर्दू विभाग लखनऊ यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र थे जो मणिपुर एवं झारखंड राज्य के राज्यपाल रहे।
8. कुर्तउल ऐन हैदर- उर्दू साहित्य जगत की विश्व-प्रसिद्ध साहित्यकार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा स्त्री विमर्श की अग्रणी लेखिका रही हैं।9.  पंडित बृजनारायण चकबस्त - उर्दू के प्रसिद्ध कवि थे। उनकी प्रसिद्ध कविता  रामायण का एक सीन समस्त विश्वविद्यालय में उर्दू पाठ्यक्रम में सम्मिलित है।

इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रोफेसर अरविंद अवस्थी, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर संगीता साहू एवं अन्य शिक्षक उपस्थित थे।