NEET क्यों नहीं है NEAT? सब कुछ जानिए

Why is NEET not NEAT  Know everything
 

साल 2003 में संजय दत्त की एक फिल्म आई थी- मुन्ना भाई एमबीबीएस! बहुत अच्छी फिल्म थी आज हम आपको इस फिल्म से जुड़ी एक रियल स्टोरी बताने जा रहे हैं हम उस देश के निवासी हैं जहां इलेक्शन तो बिना किसी हिंसा या गड़बड़ी के कराए जा सकते हैं लेकिन युवाओं का भविष्य संवारने वाली परीक्षाएं बगैर किसी फर्जीवाड़े या गड़बड़ी के नहीं कराई जा सकतींUnfortunately ये हमारे देश की एक ऐसी हकीकत है

जिस पर चाह कर भी पर्दा नहीं डाला जा सकता नीट परीक्षा इन दिनों विवादों में है या यूं कहें कि विवाद की जड़ नीट परीक्षा का रिज़ल्ट है जो पिछली 4 जून को जारी हुआ है इसमें कई तरह की गड़बड़ियों के आरोप लग रहे हैं इसको लेकर कई अदालतों में याचिकाएं दाखिल की गई हैं इस मुद्दे पर सियासत अलग हावी है. ऐसे में ये जानना ज़रूरी है कि नीट के रिजल्ट का पूरा विवाद आखिर है क्या और इसमें किन-किन बिंदुओं पर सवाल उठ रहे हैं

परीक्षा आयोजित करवाने की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA पर होती

चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं कि आखिर नीट परीक्षा होती क्या है. राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा को अंग्रेजी में National Eligibility cum Entrance Test कहते हैं जिसका शॉर्ट फॉर्म NEET हो जाता है.हमारे देश के सरकारी या प्राइवेट, किसी भी तरह के मेडिकल कॉलेज में Admission के लिए ये परीक्षा पास करना compulsory है. इसके जरिए ही MBBS, डेंटल, आयुष, होम्योपैथी और बाकि मेडिकल कोर्स में एडमिशन मिलता है परीक्षा आयोजित करवाने की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA पर होती है. तो ये आपकी समझ में आ गया है कि नीट परीक्षा होती क्या है, अब चलिए जान लेते हैं कि इस पर कंट्रोवर्सी क्यों हो रही है.

दरअसल, इस साल देशभर में NEET (UG) 5 मई को आयोजित किया गया था. NTA ने इसका रिजल्ट 4 जून को जारी किया था. हालांकि NTA ने रिजल्ट जारी किए जाने की तारीख पहले 14 जून अनाउंस की थी. तय वक्त से 10 दिन पहले रिजल्ट आना भी कोई आम बात नहीं है. अमूमन इस तरह के रिजल्ट तय तारीख पर ही आते हैं. हालांकि असल विवाद रिजल्ट की तारीख नहीं बल्कि बहुत सी हैं जिन्हें हम आपको एक-एक करके बताते हैं.

67 उम्मीदवारों ने हासिल किए 720 में से 720 अंक

NEET में ऐसा रिजल्ट पहली बार आया है जब 720 में 720 अंक लाने वाले परीक्षार्थियों की तादाद अचानक बढ़कर 67 तक पहुंच गई, जो एक बेहद चौंकाने वाला आंकड़ा है. बताया तो ये भी जा रहा है कि इनमें से 8 छात्र हरियाणा के एक ही एग्जामिनेशन सेंटर से हैं.आपको यहां बताते चलें कि साल 2023 में 720 में से 720 अंक सिर्फ दो उम्मीदवारों ने हासिल किए थे.वहीं, साल 2022 में तो ऐसा कारनामा कोई कर ही नहीं पाया था. 2022 में मैक्सिमम स्कोर 715 था, जो 4 स्टूडेंट ने हासिल किया था. हां 2021 में ज़रूर 3 स्टूडेंट को 720 में 720 नंबर्स मिले थे.

718, 719 अंक आना नामुमकिन

इस बार के नीट रिजल्ट में एक स्टूडेंट को 718 और एक को 719 अंक दिए गए हैं, जो कि NEET के मार्किंग सिस्टम में बिल्कुल भी पॉसिबल नहीं है. दरअसल, इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग चलती है. इसमें एक सही उत्तर के लिए 4 नंबर मिलते हैं, जबकि एक गलत आंसर पर एक नंबर काट लिए जाते हैं. इसके अलावा सवाल टच न करने पर कोई नंबर नहीं मिलता है. ऐसे में किसी को 720 के बाद या तो 716 नंबर मिल सकते हैं या 715 फिर 718, 719 नंबर कैसे आए? ये सवाल बड़ा है NTA का कहना है कि कुछ परीक्षार्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने की वजह से ऐसा हुआ है. लेकिन ये ग्रेस मार्क्स का चक्कर क्या है? चलिए इसे भी समझ लेते हैं.

नीट एग्जामिनेशन कंडक्ट कराने वाली NTA का कहना है कि कुछ एग्जामिनेशन सेंटर्स पर छात्रों को परीक्षा में कम समय दिए जाने के चलते या गलत मीडियम का question paper दिए जाने की वजह से उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं.NCERT की किताब के नए और पुराने एडिशन में अलग-अलग जवाब थे इस वजह से बहुतों को बोनस मार्क्स भी मिले हैं. एजेंसी ने माना कि कुल 1563 स्टूडेंट को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. जानकारों का मानना है कि ग्रेस मार्क्स की वजह से मेरिट लिस्ट बुरी तरह प्रभावित हुई है.

खैर, अब NTA चाहे कुछ भी कहे, लेकिन उसने ग्रेस मार्क्स देने के लिए जो फॉर्मूला अपनाया है, वो Controversial है. ये वही फॉर्मूला है, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर CLAT 2018 में छात्रों को दिए गए थे.जानकारों का मानना है कि CLAT का फॉर्मूला NEET में लागू नहीं किया जा सकता.सकी वजह ये कि CLAT ऑनलाइन होता है, जबकि NEET ऑफलाइन. दोनों परीक्षाओं के पैटर्न और मार्किंग सिस्टम अलग-अलग हैं.साथ ही तब कोर्ट का निर्देश था कि इस ग्रेस सिस्टम को मेडिकल या इंजीनियरिंग एंट्रेस टेस्ट में लागू नहीं किया जा सकता है

रैंकिंग का बेस Application Number

NTA ने NEET में same numbers लाने वाले Examinees को जिस base पर रैंक दी है, वह भी विवादों में है... एजेंसी का कहना है कि same numbers लाने वालों के बीच रैंक Application Number यानी आवेदन संख्या के आधार पर दी गई है. इसका मतलब ये होता है कि जिसने सबसे पहले आवेदन किया, वो रैंक में सबसे ऊपर रहेगा. जैसे, 67 स्टूडेंट को 720 अंक आए, अब इनके बीच रैंक में वो ऊपर हो जाएगा, जिसने पहले आवेदन किया. अब सवाल उठ रहे हैं कि अगर NTA को ऐसा करना ही था, तो उसने brochure में इस बात का जिक्र क्यों नहीं किया?

NEET EXAM से ठीक 1 दिन पहले पेपर हुआ लीक?

मीडिया में इस तरह की तमाम रिपोर्ट्स सामने आईं, जिसमें आरोप लगाया गया कि 5 मई को परीक्षा शुरू होने से पहले, कुछ परीक्षा केंद्रों पर NEET UG का पेपर लीक हो गया था... अलग-अलग जगहों पर ऐसे मामले दर्ज कराए गए हैं... हालांकि NTA ने पेपर लीक होने के दावे को सिरे से खारिज किया है. एजेंसी का कहना है कि उसके पास हर question paper का पूरा हिसाब-किताब है.

लेकिन छात्र संगठन अड़े हुए हैं कि NEET EXAMINATION को रद्द करके दोबारा से एग्जाम कंडक्ट करवाएं जाएं.छात्र संगठनों के साथ ही पॉलिटिकल पार्टियां भी अड़ गई हैं परीक्षा रद्द करवाने को, वो बात अलग है कि वो नीट परीक्षा के बहाने केंद्र सरकार पर हावी होने की कोशिश कर रहे हैं.

बहरहाल, परीक्षा में गड़बड़ी के विरोध के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि सरकार छात्रों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और पारदर्शिता यानी Transparency से कोई समझौता नहीं किया जाएगा... हालांकि पेपर रद्द करने की मांग को लेकर उनकी तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया है.

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