ब्रिक्स देशों के नेताओं का आपस में परिवार की तरह सीधी बात करना बहुत महत्वपूर्ण : स्वर्ण सिंह
उन्होंने कहा कि उनकी नजर में ब्रिक्स देशों के नेता वर्तमान स्थिति में आर्थिक बहाली और हेल्थकेयर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर बल देंगे। यह भी ध्यानाकर्षक होगा कि ब्रिक्स देशों के बीच किन-किन मुद्दों पर सहमति कायम होती है और कौन-कौन से नये कार्यक्रम शुरू किए जाते हैं। इसके अलावा बैठक में चीन और भारत के पड़ोस में अफगानिस्तान और म्यांमार के अस्थिर माहौल तथा आतंकवाद के विरोध समेत अन्य मुद्दों पर भी विचार विमर्श होगा।
प्रो. सिंह ने बताया कि ब्रिक्स देशों की शिखर बैठक का एजेंडा पहले की तुलना में काफी विस्तृत हो गया है। ब्रिक्स देशों के नेता सभी मुद्दों पर समानताएं तो नहीं बना सकते, लेकिन आपस में सीधी बात होना अच्छी बात है ,जो तालमेल बिठाने में बहुत सहायक है । इस शिखर बैठक से पहले ब्रिक्स देशों ने विभिन्न क्षेत्रों की 50 से अधिक बैंठकें की हैं जैसे कलाकारों , शिक्षकों , पत्रकारों और नौकरशाहों के बीच चर्चा व आदान-प्रदान आदि।
स्वर्ण सिंह ने बताया कि ब्रिक्स देशों में चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा आर्थिक समुदाय है। कोरोना महामारी के दौरान भारत और चीन दोनों ने पूरे विश्व में सहायता करने की कोशिश की ।पर चीन और भारत के बीच तालमेल में थोड़ी मुश्किलें आयी हैं। सीमा सवाल एक मुख्य कारण है। सीधी बात होने से चीन और भारत का तालमेल वापस आ सकता है, जो कि अच्छी बात होगी। महामारी जैसी विश्वव्यापी चुनौतियों के निपटारे में चीन और भारत व्यापक योगदान कर सकते हैं।
उन्होंने आखिर में कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच तालमेल और अच्छे सहयोग से न सिर्फ ब्रिक्स देशों, बल्कि इस क्षेत्र, यहां तक कि पूरे विश्व पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
( वेइतुंग, चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
--आईएएनएस
एएनएम