Border Gavaskar Trophy : 6 भारतीय खिलाडी जिनका टेस्ट करियर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में हुआ खत्म
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के नाम से जाना जाता है। न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के बाद रोहित शर्मा, विराट कोहली, आर अश्विन और रविंद्र जडेजा के करियर पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन उनका करियर खत्म कर सकता है। भारत के दिग्गज खिलाड़ी ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में ही अपने करियर का आखिरी टेस्ट खेला।
हम आपको 5 ऐसे ही नाम बताने जा रहे हैं।अनिल कुंबले टेस्ट इतिहास में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। 2008 में उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेला था। कुंबले ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के बीच में ही संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया था। उनकी फॉर्म भी अच्छी नहीं थी।सौरव गांगुली ने भी अपना आखिरी टेस्ट बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में ही खेला था। गांगुली ने 2008 में घरेलू मैदान पर सीरीज शुरू होने से पहले ही कह दिया था कि यह उनकी आखिरी सीरीज होगी।
नागपुर में गांगुली ने अपने करियर का आखिरी मैच खेला।भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ का भी आखिरी टेस्ट बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में था। 2011-12 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर द्रविड़ के बल्ले से 4 टेस्ट की 8 पारियों में सिर्फ 194 रन निकले थे. इसी सीरीज के बाद उन्होंने संन्यास ले लिया था।ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वीवीएस लक्ष्मण का रिकॉर्ड हमेशा से ही शानदार रहा। हालांकि 2011-12 सीरीज में वह सिर्फ 155 रन ही बना पाए। उनका औसत 20 से भी कम का था।
इसके बाद लक्ष्मण ने भारत के लिए कोई और मैच नहीं खेला।भारतीय टीम के विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग को 2013 बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के शुरुआती दो मैच के बाद टीम से बाहर कर दिया गया था। उसके बाद वह कभी भारतीय टेस्ट टीम में नहीं लौट पाए और फिर संन्यास ले लिया। भारत के सबसे सफल कप्तानों में शामिल महेंद्र सिंह धोनी का टेस्ट करियर भी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के बीच में ही खत्म हुआ। 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज हारने के बाद धोनी ने बीच में ही संन्यास का ऐलान कर दिया।