अयोध्या में आयोजित हुआ कार्यक्रम | Ram Mandir Ayodhya

अयोध्या में कौन सा प्रोग्राम चल रहा है | Ayodhya Ke Ram Park Me Hua Ram Bhajan

 

Ayodhya Ka Karyakram

Ram Bhajan Ka Aayojan

Ram Mandir Ayodhya Update

रामकथा पार्क में रामोत्सव के अंतर्गत लखनऊ से आई पर्णिका श्रीवास्तव के दल ने कथक और लोक नृत्यों के साथ अशोक वाटिका में सीता हनुमान के मिलन,लंका दहन के दृश्य से अपनी नृत्य नाटिका का आरंभ किया।लंका में राम रावण का युद्ध और फिर भगवान राम का अयोध्या वापस आने पर राज्याभिषेक का मंचन करके संगीत के लोक और शास्त्र के अनूठे संगम से सभी को प्रभावित किया। इस नृत्य नाटिका के सह कलाकार ऋतिका,दिव्या,प्रज्ञा,पूजा,अंश,अभिषेक, अपूर्वा,अभिषेक और अमन थे।

हिमाचल के लोक नृत्य और कथक नृत्य नाटिकाओं से हुई रामकथा/दिल्ली की रामलीला ने मोहा

अगली प्रस्तुति में हिमांचल प्रदेश से आए चंद्र मोहन ठाकुर के दल ने अपने पारंपरिक लोक गीतों और नृत्यों से समां बांध दिया ।मांगलिक अवसरों पर किए जाने वाले सिरमौर नाटी नृत्य के अलावा कलाकारो ने सर पर जलते हुए दीपक रखकर नृत्य करते हुए जमीन पर रखे रूमाल को होंठो से उठाया तो लोग अचंभित होकर तालियां बजाने लगे।इसके बाद सुदर्शन चक्र की तरह उंगलियों पर परात नचाते हुए,हवा में उछालते हुए नृत्य किया तो एकबार फिर सभी हैरान हो गए। हिमाचल की सादगी और भोलापन उनके माला नृत्य में छलक रहा था।सवाल जवाब शैली में महिला कलाकारो का लोक गायन वातावरण में मिठास घोल गया।

शिव स्तुति और हनुमत भक्ति से गूंजा रामकथा पार्क

बनारस घराने के उदय शंकर मिश्र ने ड्रम और ओम सहाय ने सारंगी की जुगलबंदी से  सम्मोहन बिखेरा तो उसी ताल।पर रुद्र शंकर मिश्र ने स्नेहा,आयुषी, श्रेया, रत्नप्रिया, श्रेया और श्रीजा के साथ शिव स्तुति कथक शैली में करके भारतीय और पाश्चात्य शैली का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। कलाकारो नेशुद्ध कथक के अलावा रघुनंदन राघव राम हरे पर नृत्य करके सभी की वाहवाही लूटी। सृजन शक्ति वेलफेयर सोसाइटी लखनऊ के कलाकारो ने बम भोले बम भोले पर नृत्य किया।अपनी अगली प्रस्तुति में शिव के कल्याणकारी स्वरूप को शक्ति के साथ पूर्णता के कथानक को नृत्य नाटिका के रूप में प्रस्तुत किया

मानस में सुंदरकांड का प्रसंग भक्त हनुमान के गुणों का गान है और इसे मंच पर बेहद सधे अंदाज़ में प्रस्तुत किया प्रख्यात कथक नृत्यांगना सुरभि सिंह ने। चौपाइयों और दोहों से सजी इस प्रस्तुति में सुरभि का नृत्य और अभिनय बेहद जीवंत था। सीता जी को मुद्रिका देकर प्रभु का दूत बताकर परिचय देना और चूड़ामणि लेकर लंका विजय का आश्वासन देकर जाना दोनो दृश्य दर्शकों को भावुक कर गए। मंच पर सभी कलाकारो का अभिनय व नृत्य बेहद प्रभावी था। दिल्ली से आए नरेश कुमार के दल ने राम लक्ष्मण के विद्याभ्यास से लेकर राज्याभिषेक का प्रसंग मंचित किया। संगीत की धुनों और प्रभाव के साथ प्रकाश के संयोजन से पूरी प्रस्तुति चलचित्र सरीखी थी। कलाकारो की वेशभूषा,अभिनय,नृत्य,पार्श्व सज्जा,कथानक सब कुछ दर्शकों को अपने साथ बांधे था।पुष्प वाटिका और सीता स्वयंवर के दृश्य को मधुरता और पंचवटी प्रवास के दृश्य बेहद मनोरम थे। स्वर्णमृग और जटायु के रूप में कलाकार वास्तविक लग रहे थे तो राम के पात्र में उमेद पवार,सीता वंशिका लक्ष्मण संदीप और रावण अभिषेक ने भी सभी को प्रभावित किया।

कार्यक्रम का संचालन प्रस्तुतियों के अनुरूप देश दीपक मिश्र ने किया। अंतरराष्ट्रीय रामायण एवम वैदिक शोध संस्थान के निदेशक डा लवकुश द्विवेदी ने कलाकारो का सम्मान स्मृति चिह्न देकर किया।इस अवसर पर समन्वयक अतुल कुमार सिंह,शिवांश त्रिवेदी, जिंगल बेल स्कूल की प्रधानाचार्य बीना अग्रवाल,राजेंद्र अग्रवाल,विकास,सुनील समेत संतजन और दर्शक देर रात्रि तक उपस्थित रहे।