रामकथा पार्क में हुआ कार्यक्रम अयोध्या | Ayodhya Me Karyakram Ka Hua Aayojan 

अयोध्या में कार्यक्रम का हुआ आयोजन  | Ayodhya Ram Mandir: Latest News Today

 

Ram Mandir Ayodhya

रामकथा पार्क अयोध्या

Ayodhya Ram Mandir Photo

सरयू के समानांतर "रामकथा पार्क" में बह रही रामभजनो और नृत्य के रसधार में  अयोध्या आने वाले श्रद्धालु आनंद की डुबकियां लगा रहे है।

सरयू के समांतर बही रामरसधार

रामोत्सव के अंतर्गत हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आरंभ अवधी के लोक भजन गायक सुरेंद्र कुमार पांडेय ने "रामा रामा रटते रटते बीती रे   उमरिया" गाकर किया। इस पारंपरिक भजन के बोल को श्रद्धालुओं ने ताल देकर खुद भी गाने लगे। आह्लादित श्रोताओं के भावों के अनुसार "तेरी मंद मंद मुस्कानिया" गाकर सुरेंद्र पांडे ने मानो भक्तो को भगवान से जोड़ दिया ।अगले भजन में अयोध्या में छाए उल्लास के कारण को व्यक्त करते हुए गया "बन गया है राम का मंदिर" तो श्रोता उत्साहित होकर झूमने लगे। मंच से श्रोताओं को जोड़ते हुए "बिन भजन जीवन किस काम का" गाया जय सियाराम के जयघोषों के मध्य मंच पर रंजना त्रिपाठी के दल ने अपना गायन प्रस्तुत किया। आकाशवाणी दूरदर्शन की ग्रेडेड कलाकार ने श्रोताओं के मांग पर रामभजन,विवाह गीत, गारी से लेकर हनुमान जी और शंकर भगवान के भजन सुनाए तो ऐसा प्रतीत हुआ की प्राण प्रतिष्ठा से सिर्फ इहलोक ही नही परलोक भी मुदित है।

अयोध्या के सरयू तट में आयोजित हुआ कार्यक्रम

लखनऊ घराने की जुड़वां बहनों ईशा रतन और मीशा रतन ने अपने कार्यक्रम का आरंभ श्रीराम स्तुति "नमामी भक्त वत्सलम" से किया। कथक की शैली,कलाकारो का कथन,सधा हुआ नृत्य एक ओर जहां कलाकारो के समर्पण को दिखा रहा था वही दूसरी ओर भगवान की भक्त वत्सलता से सभी को विभोर भी कर रहा था। इसके बाद ईशा मीशा रतन ने "हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की,ये रामायण है पुण्य कथा श्रीराम की" पर नृत्य करके पूरी राम कथा कथक नृत्य के माध्यम से मंच पर जीवंत कर दिया।अस्वित रतन ने इसके बाद काल से ईश्वर का संवाद प्रस्तुत करके सभी को अचंभित कर दिया। ढलती रात के साथ साथ श्रोताओं का उत्साह अपने चरम पर पहुंच रहा था इसी मध्य मुरादाबाद से आई नमिता अग्रवाल के दल "समिता लोक नाट्य कला संस्था" ने नृत्य नाटिका से सीता जन्म के प्रसंग का मंचन किया।लोक नाट्य विधा के संगीत के साथ कलाकारो का अभिनय बेहद प्रभावी था। अपनी प्रजा को वर्षा ना होने से तड़पता देखकर राजा जनक का संताप और फिर वैदेही का धरती की कोख से मिलना इतना जीवंत था कि दर्शक सब कुछ भूल कर खो गए और थोड़ी देर बाद तालियों की गूंज से पूरे पांडाल को गूंजा दिया।

रामकथा पार्क में भक्ति में झूमे लोग  

भक्तिमय हो चुके इस वातावरण में भोपाल से आए बृजेश बैरागी के दल ने रामलीला में पंचवटी का दृश्य मंचित किया जिसमे शूर्पनखा का प्रणय निवेदन,लक्ष्मण द्वारा नाक कान काटा जाना,रावण के दरबार में सूर्पनखा का जाना और रावण द्वारा जानकी हरण का दृश्य मंचित किया गया। पात्रों की वेश भूषा और संवाद अदायगी पर श्रोता रह रह कर तालियां बजाते रहे। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने प्रभावी ढंग से किया।

अंतरराष्ट्रीय रामायण एवम वैदिक शोध संस्थान के निदेशक डा.लव कुश द्विवेदी ने कलाकारो का सम्मान स्मृति चिह्न देकर और रामनाम पट्टिका प्रदान करके किया।