गणेशोत्सव पर जानें पूजा-अनुष्ठान के नियम जानिए 

Know the rules of worship and rituals on Ganeshotsav
 

गणेशोत्सव : गणेशोत्सव, भारत में हिंदू धर्म के आदिदेव भगवान गणेश के आराधना और समर्पण का एक महत्वपूर्ण उत्सव है। यह 10 दिनों तक चलता है और अधिकतर महाराष्ट्र राज्य में विशेष उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

गणेशोत्सव के दौरान, गणेश पूजा का आयोजन घरों में और सार्वजनिक स्थानों पर किया जाता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण पूजा-अनुष्ठान के नियम दिए जा रहे हैं |

  1. गणपति स्थापना (विग्रह स्थापना): उत्सव की शुरुआत में एक मूर्ति या प्रतिमा को घर में या सार्वजनिक स्थान पर स्थापित किया जाता है।

  2. व्रत और उपवास: कई लोग गणेशोत्सव के दौरान व्रत रखते हैं और विशेष भोजन नहीं करते। यह उनकी भक्ति और समर्पण की भावना को दर्शाता है।

  3. पूजा विधियाँ: गणपति पूजा के लिए विशेष पूजा विधियाँ होती हैं जो धार्मिक शास्त्रों में उपलब्ध हैं। यह विधियाँ आमतौर पर पंडित या धार्मिक विद्वान के मार्गदर्शन में की जाती हैं।

  4. आरती: गणेश आरती भक्तों द्वारा गाई जाती है और पूजा का हिस्सा है।

  5. पुष्पांजलि: फूलों की माला या पुष्पांजलि भगवान गणेश को अर्पित की जाती है।

  6. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद, भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है, जो आमतौर पर मिठाई और फल होता है।

  7. समर्पण और विदाई: गणेशोत्सव के अंत में, भक्त भगवान गणेश को विदाई देते हैं और उन्हें समर्पित करते हैं।

  8. परिवारिक और सामाजिक उत्सव: गणेशोत्सव को परिवार और समुदाय के सदस्यों के साथ मनाने का एक उत्तम तरीका माना जाता है।