तानाशाही का मतलब क्या होता है | Which Is The World's Largest Democracy?

दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश कौन सा है | Dhruv Rathi Ke Video Ka Expose Kya Hai?

 

क्या भारत एक लोकतांत्रिक देश है?

Bharat Kaisa Desh Hai?

विश्व का तानाशाह कौन है?

बात जब भी तानाशाही की होती है तो हिटलर का नाम खुद-ब-खुद ज़हन में आ जाता है... एक लोकतांत्रिक व्यवस्था को तानाशाही में बदलने के लिए हिटलर ने जो नरसंहार रवैया अपनाया, उसे युगों युगों तक भुलाया नहीं जा सकेगा... खैर, तानाशाही का जिक्र आजकल हमारे भारत में भी खूब हो रहा है... और तानाशाही के इस जिक्र की वजह हैं यूट्यूबर और ब्लॉगर ध्रुव राठी... मामला कुछ यूं है कि ध्रुव राठी ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो डाला जिसके बाद देश की राजनीति में भूचाल ही आ गया... 

क्या भारत एक तानाशाह देश है?

इस खबर में क्या है पहले तो यह जान लीजिए... बता दें की एक वीडियो में ध्रुव राठी ने भारत के लोकतंत्र की बात की है... और उस  वीडियो में ध्रुव राठी ने भारत के लोकतंत्र की तुलना नॉर्थ कोरिया और रूस से कर दी है... इस वीडियो में ध्रुव राठी ने भारत की मौजूदा लोकतांत्रिक व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए हैं... कुल मिलाकर उनकी वीडियो का सार सिर्फ इतना सा है कि उन्होंने पूछा है कि नरेंद्र मोदी के राज में क्या भारत वाकई एक लोकतंत्र रह गया है...?? वैसे अपने इस सवाल पर उन्होंने कई दलीलें भी दी हैं, मसलन... चंडीगढ़ चुनाव में हुई धांधली, पिछले कुछ समय से EVM पर उठ रहे सवाल, कई नेताओं के गाड़ी में अवैध रूप से मिले EVM मशीन, किसानों का आंदोलन वगैरा वगैरा... ध्रुव राठी ने अपने यूट्यूब चैनल पर डाले गए वीडियो में यह कहा है कि मौजूदा समय में देश में जो हो रहा है उसे देखकर तो यही लगता है कि भारत को नॉर्थ कोरिया और रूस बनने में ज्यादा दिन नहीं लगेंगे! चुनाव भी होगा, नेता भी चुने जाएंगे लेकिन लोकतंत्र का अंतिम संस्कार हो चुका होगा... बात करें अगर ध्रुव राठी की शख्सियत की तो उनकी पहचान हमेशा से एक बीजेपी विरोधी के तौर पर होती रही है... कहने को तो वह खुद को निष्पक्ष बताते हैं लेकिन अगर उनकी वीडियोज़ पर गौर करें तो शुरू से आखिर तक उन्होंने सिर्फ एक खास विचारधारा के खिलाफ ही वीडियो बनाए हैं... लेकिन अभी हाल ही में उन्होंने जो वीडियो पोस्ट किया है, उसने देश की राजनीति को ही बदल दिया है... 

तानाशाही क्या है तानाशाही की जीवन शैली कैसी होती है?

ध्रुव राठी को ऐसा लगता है कि हमारा देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है... उनके मुताबिक सिर्फ कहने को ही यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था होगी लेकिन देश तानाशाही से चलेगा... उन्होंने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक तानाशाह की उपाधि दे दी है... वह अपनी सोच को देश के करोड़ों लोगों पर थोपना चाहते हैं... 

हालांकि उन्हें यह नहीं पता कि अगर देश वाकई तानाशाही की तरफ बढ़ रहा होता, तो तानाशाही वाले देश के तानाशाह को उसी के देश में तानाशाह बोलने के बावजूद भी क्या वह अब तक जीवित रह पाते?? उन पर एक आंच तक नहीं आई... वो पूरी तरह से सुरक्षित बैठे हुए हैं... क्या यह तानाशाही होती है? 

ध्रुव राठी ने चंडीगढ़ चुनाव में धांधली की बात कहकर देश के लोकतंत्र पर सवाल उठाया है... सोचिए अगर वाकई तानाशाही होती तो क्या आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार मेयर बन पाता... कभी नहीं... 

ध्रुव राठी ने किसान आंदोलन के मुद्दे को लेकर देश के लोकतंत्र पर सवाल उठाया... सोचिए अगर वाकई तानाशाही होती तो क्या 24 घंटे दिन रात सुबह शाम क्या टीवी चैनलों पर किसान आंदोलन से जुड़ी खबरें दिखाई जातीं... हरगिज़ नहीं...

सोचिए अगर देश वाकई तानाशाही की तरफ बढ़ रहा होता तो एंटी CAA के नाम पर जो देश में महीनों तक बवाल काटा गया क्या ऐसा मुमकिन हो पाता... कभी नहीं...

ध्रुव राठी विवादास्पद क्यों है?

एक और बात जो सबसे अहम है वो है राम मंदिर... ये बात किसी से भी छिपी नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहचान एक हिंदुत्व वादी नेता के रूप में होती है... सोचिए अगर नरेंद्र मोदी वाकई तानाशाह होते तो क्या वो 10 सालों तक अयोध्या में राम मंदिर बनने का इंतजार करते... अगर तानाशाह होते तो 2014 में प्रधानमंत्री की गद्दी पर बैठते ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया होता... लेकिन ऐसा नहीं हुआ... बाकायदा कानूनी रूप से मंदिर का भव्य निर्माण कराया गया... यह सब कुछ एक तानाशाह के राज में कभी ना होता... ध्रुव राठी को यह समझना चाहिए... बहरहाल, ध्रुव राठी ने बड़े आराम से भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल को तानाशाही से जोड़ दिया... लेकिन उनकी नज़र पिछली सरकारों पर क्यों नहीं जाती यह बड़े अचंभे की बात है... आप सोच रहे होंगे कि ऐसा हम क्यों कह रहे हैं, तो आपके सवाल पर हम पिछली सरकारों में हुए कुछ तानाशाही रवैयों को आपके सामने रखते हैं... ध्रुव राठी ने सिर्फ पिछले 10 सालों पर ही रिसर्च करके एक कंट्रोवर्शियल वीडियो बना डाला... लेकिन अगर उनके रिसर्च का पैमाना थोड़ा और पीछे जाता तो शायद उन्हें हकीकत समझ आती... क्योंकि फिर शायद उन्हें 1975 का इमरजेंसी काल भी नज़र आ जाता... जी हां, 25 जून 1975 की आधी रात में अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तानाशाही का ऐसा नमूना पेश किया, जो उस पीढ़ी के लोग अब भी नहीं भूल पाए हैं... रातोंरात देश के तमाम छोटे-बड़े नेताओं की गिरफ्तारी शुरू हो गईं... गिरफ्तारी भी ऐसे वक्त में हुई कि जब कोई गहरी नींद में हो रहा था तो कोई देश में सकारात्मक बदलाव के सपने देख रहा था... मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी गई... देश की जनता को अगले दिन सुबह जब अखबार नहीं मिले, तब जाकर इस सच्चाई आम लोगों तक पहुंची कि देश में इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगा दी है... ध्रुव राठी जी यह तानाशाही नहीं थी तो और क्या थी...

इंदिरा गांधी ने आपातकाल क्यों लगाया था?

इतना ही नहीं, इस इमरजेंसी की सबसे ज़्यादा भयावह यादें तो नसबंदी अभियान से जुड़ी हैं, जिसमें कई लोगों को लालच, धोखे या जबरन नसबंदी करने पर मजबूर कर दिया गया था... इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने जोर-शोर से नसबंदी अभियान चलाया था... इस पर जोर इतना ज्यादा था कि कई जगह पुलिस द्वारा गांवों को घेरने और फिर पुरुषों को जबरन खींचकर उनकी नसबंदी करने की भी खबरें आईं... जानकारों के मुताबिक संजय गांधी के इस अभियान में करीब 62 लाख लोगों की नसबंदी हुई थी... बताया जाता है कि इस दौरान गलत ऑपरेशनों से करीब दो हजार लोगों की मौत भी हुई... अब आप ही बताइए ध्रुव राठी जी यह तानाशाही नहीं तो और क्या थी?? वैसे तानाशाही का एक और उदाहरण है... और वह है साल 1984 का सिख विरोधी दंगा... जी हां, 1 नवंबर, 1984 को भारत के इतिहास की सबसे भयानक घटना घटी थी... इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश भर में सिख विरोधी दंगा फैल गया था और हजारों सिखों को निर्ममता से मौत के घाट उतार दिया गया था... 31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी के दो सिख बॉडीगार्ड ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी... उनकी हत्या के बदले का बहाना बनाकर निर्दोष सिखों को निशाना बना गया था... ध्रुव राठी जी अब तो मान लीजिए कि असल तानाशाही यही सब थी...

खैर, आखिर में हम अपने दर्शकों के लिए एक सवाल छोड़कर जाते हैं... अगर एक तानाशाह के राज में देश सबसे तेजी से एक आर्थिक शक्ति के तौर पर उभर रहा है, अगर एक तानाशाह के राज में पूरे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक पश्चिमी आकार दिया जा रहा है, अगर एक तानाशाह देश के लोगों का स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग बढ़ाना चाह रहा है, अगर एक तानाशाह के राज में दुनिया के बाकी सारे देश भारत का लोहा मान रहे हैं, तो हम अपने दर्शकों से सवाल करना चाहेंगे कि क्या आपको ऐसा तानाशाह चाहिए?? हमें अपना जवाब हमारे कमेंट बॉक्स में जरूर दीजिएगा...