रामायण की कहानी पर आधारित कार्यक्रम का हुआ आयोजन | Rampark Me Aayojit Ho Rhe Karykram In Hindi

अयोध्या में आयोजित हुआ कार्यक्रम | Ayodhya Me Hua Bhajan Ka Aayojan

 

Ram Mandir Ayodhya

श्री राम से हमें क्या सीख मिलती है

Ram Bhajan Ka Aayojan

राम कथा पार्क अयोध्या में रामोत्सव के सांस्कृतिक मंच पर असमिया लोक गायन से लेकर लोक नृत्य और शास्त्रीय नृत्य के द्वारा भगवान राम के जीवन के प्रसंगों ने श्रोताओं को अभिभूत कर दिया । अपराहन सत्र में मानस मर्मज्ञ कथा व्यास कृष्ण प्रताप त्रिपाठी की सुंदर मानस कथा के बाद आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र के भक्तिमय संचालन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की पहली प्रस्तुति मिठाई लाल गौतम और उनके दल के कलाकारों ने बिरहा से की।

 रामकथा पार्क में "असम" के "दिहनाम" से "उत्तराखंड" के "लोकनृत्य" तक बने आकर्षण

जय मां जगदंबा परम भवानी के बोलो से अपने ओजपूर्ण शैली में भगवती की आराधना के बाद अपने बिरहा गायन के प्रवाह को आगे बढ़ाते हुए इन कलाकारों ने भगवान राम और भगवती सीता की स्तुति में एक के बाद एक बिरहा गाया और श्रोताओं ने जमकर आनंद लिया। इसके बाद मंच पर भरतनाट्यम शैली में  सूर्पनखा प्रसंग का मंचन भरतश्री नवनीत रस्तोगी और उनके दल ने  किया ।

नाक कान कटने के बाद शूर्पनखा का रावण के दरबार में जाना, राम और लक्ष्मण की शिकायत करना,रावण का छल से भगवती सीता का हरण करना, जटायु मोक्ष और राम लक्ष्मण का भगवती सीता को ढूंढते हुए माता शबरी के आश्रम तक आना, इन सारे प्रसंग में कलाकारों का अभिनय,नृत्य और अंग संचालन अद्भुत था। माता शबरी से भगवान राम के मिलन के दृश्य ने सभी की आंखें सजल कर दी भाव में डूबे दर्शन तालियां बजाते ही रहे।

रामकथा पार्क में शास्त्रीय नृत्यों ने मोहा,बिरहा की खुशबू से महका रामकथा पार्क

भरतनाट्यम के बाद कथक शैली में वाराणसी की सुनिधि पाठक ने रामस्तुति के बाद सरगम पर शुद्ध कथक और तराना प्रस्तुत करके दर्शकों के समक्ष कथक की बारीकियां प्रस्तुत की। रामायण के प्रसंगों के  प्रस्तुति नृत्य नाटिका रामायण के माध्यम से करके कलाकारो ने जय जय सियाराम के उद्घोष से पांडाल गूंजा दिया।  आसाम से आए दल ने श्रीमंत शंकरदेव के कीर्तन घोष से पारंपरिक भजन गायन "दिहानाम" की प्रस्तुति की।

महिलाओं के द्वारा ही गाए जानी वाली इस भजन शैली मे नगाड़ा,पावरी,मंजीरे,झांझ और तालियों का प्रयोग होता है,दर्शकों ने तालियों से कलाकारो का साथ पूरे प्रस्तुति के समय देकर पांडाल में अनूठा भक्तिमय वातावरण बना दिया। इसके बाद मंच पर नितेश कुमार और दल ने उत्तराखंड के लोकगीत पर नृत्य करके आरंभ किया और अगले लोक भजन आय गए राम घर पर कलाकारो ने रामोत्सव के उल्लास को व्यक्त किया।  गहराती रात में राम भजनों के क्रम में नोएडा से आए दीपक अरोरा के दल ने कथक नृत्य के माध्यम से शिव स्तुति की प्रस्तुति करके रामजी के आराध्य का ध्यान किया तो अगली प्रस्तुति में रामजी की स्तुति करके सभी को भावमय कर दिया।

गोविंद बोलो हरी गोपाल बोलो भजन पर दर्शक बरबस उठ कर नृत्य करने लगे। देर रात्रि तक चले इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय रामायण एवम वैदिक शोध संस्थान के निदेशक डा लवकुश द्विवेदी के निर्देशन में कलाकारो का सम्मान समन्वयक अतुल कुमार सिंह ने किया।