1965 के भारतऔर पाकिस्तान युद्ध में जानिए आपसी समझौते क्या हुए थे 

Know what were the mutual agreements made in the India-Pakistan war of 1965
 
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच भंग की गई आपसी समझौतों के विरुद्ध हुआ था। यह युद्ध 5 अगस्त से 23 सितंबर 1965 तक चला यह युद्ध कई कारणों से उत्पन्न हुआ था, जिनमें कश्मीर के मसाले, जलवायु और सीमा सम्बंधी विवाद शामिल थे। उत्तर भारत ने पाकिस्तान के आक्रमणों का पालन नहीं किया और जवाब दिया।

1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच भंग की गई आपसी समझौतों के विरुद्ध हुआ था। यह युद्ध 5 अगस्त से 23 सितंबर 1965 तक चला यह युद्ध कई कारणों से उत्पन्न हुआ था, जिनमें कश्मीर के मसाले, जलवायु और सीमा सम्बंधी विवाद शामिल थे। उत्तर भारत ने पाकिस्तान के आक्रमणों का पालन नहीं किया और जवाब दिया।

युद्ध के दौरान, भारतीय सेना ने कई ठोस कार्रवाईयों को उचित कारणों पर किया और कई स्थानों पर सफलतापूर्वक अपना अधिग्रहण किया। हालांकि, इसके बाद एक आपसी समझौता हुआ, जिसे तब्बला समझौता कहा जाता है, और युद्ध उसके बाद समाप्त हुआ तब्बला समझौता के बाद, दोनों देशों के बीच सीमा शांति बायां हुई और कई सीमा बिंदुओं पर समझौते हुए। यह युद्ध कार्यवाही का एक उदाहरण बन गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच समस्याओं का समाधान वार्ता और आपसी समझौतों के माध्यम से किया जा सकता है। यह समझौता न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में तब्बला नगर वार्ता कक्ष (Conference Room) में हुआ था।

तब्बला समझौते के मुख्य अंश निम्नलिखित थे

  1. सीमा स्थितियाँ और त्रुटियाँ : युद्ध के बाद, भारत और पाकिस्तान ने सीमा पर आक्रमण रोकने के लिए समझौता किया। इसके परिणामस्वरूप, सीमा की नई स्थिति को "वे" लाइन कहा गया और यह बाद में "लाइन ऑफ़ कंट्रोल" (LoC) के रूप में जानी गई।

  2. गाती-जाती समझौता  :यह समझौता विश्वसनीयता और आक्रमण निषेध के मामले में विचार करता है और दोनों देशों को युद्ध की जानकारी देने और आक्रमण से बचने के लिए सीमा क्षेत्र में विशेष व्यवस्थाओं को स्थापित करने की सलाह देता है।

  3. कैदियों का विनिर्माण  : यह विचार करता है कि युद्ध से संबंधित कैदियों को जल्द से जल्द रिहा कर दिया जाना चाहिए।

तब्बला समझौते के बाद, भारत और पाकिस्तान ने सम्बंधित क्षेत्रों में शांति बायां की और विशेष रूप से कश्मीर में शांति बनाई। यह समझौता एक महत्वपूर्ण कदम था जो दोनों देशों के बीच युद्ध को समाप्त करने के लिए उठाया गया था और वे सीमा सम्बंधों को सुलझाने के लिए समय देने का प्रतीक बना।