किसी भी चीज को छूने से करंट क्यों लगता है? | Why Do I Keep Getting Electric Shocks When I Touch Metal

मेरा शरीर मुझे बिजली के झटके क्यों देता है? Why Do I Get Shocked By Everything I Touch

 

Why Do I Get Shocked By Everything I Touch

एक दूसरे को छूने से करंट क्यों लगता है?

शरीर में करंट जैसा क्यों लगता है?

कई बार जब भी काम कोई सामान या किसी इंसान को छूते हैं तो बिजली का एक झटका या करंट सा महसूस होता है। जिसका असर कुछ सेकेंड तक हमे महसूस होता रहता है। सर्दियों में कई बार जब हम ऊनी कपड़ों छूते हैं या निकालते हैं तो ये ज्यादा महसूस होता है। आपको बता दें कि ऐसा सिर्फ आपके साथ ही नहीं होता बल्कि दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जिनके साथ ऐसा होता है। यह एक आम कंडीशन है, इसके लिए हैरानी या कोई चिंता करने की बात नहीं होती है। इस प्रकार किसी चीज़ या व्यक्ति को छूने से लगने वाले करंट के पीछे कुछ और नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण होता है। इस स्थिति को 'स्थैतिक धारा' के रूप में जाना जाता है। 

क्यों महसूस होता है करंट 

इस दुनिया में हर एक चीज जो भी मौजूद है वो एटम्स से मिलकर बनी हुई है जिसमें हमारा शरीर भी शामिल है। एटम्स यानी सभी में इलेक्ट्रॉन, प्रोट्रोन और न्यूट्रॉन्स होते हैं। हमारे शरीर में भी इलेक्ट्रॉन और प्रोट्रोन होते हैं। अधिकतर हमारे शरीर में इन इलेक्ट्रॉन और प्रोट्रोन की मात्रा बराबर यानी संतुलित ही रहती है। लेकिन कभी-कभी इनकी संख्या शरीर में ज्यादा हो जाती है। ऐसे में हमारे शरीर के अंदर मौजूद इलेक्ट्रॉन में काफी हलचल होने लगती है। विज्ञान का नियम है जिसके अनुसार इलेक्ट्रॉन की संख्या जितनी ज्यादा होगी यह उतनी ही ज्यादा नेगेटिव चार्ज बनाएंगे। इलेक्ट्रॉन के इस प्रवाह के कारण की शरीर में करंट लगता है। 

इलेक्ट्रॉन फ्लो डिसबैलेंस होता है तो बनता है निगेटिव चार्ज

दरअसल, जब हमारे शरीर में मौजूद इलेक्ट्रॉन फ्लो डिसबैलेंस होता है और ये निगेटिव चार्ज बनाने लगते हैं। ऐसे में जब हम किसी व्यक्ति या चीज को छूते हैं तो इससे हमारे शरीर से इलेक्ट्रॉन बाहर निकलने लगते हैं। क्योकि शरीर से जो इलेक्ट्रॉन निकलता है वह नेगेटिव चार्ज का होता है, ऐसे में बाहर जिस चीज को हम छूते हैं उसके अंदर मौजूद इलेक्ट्रॉन यदि पॉजिटिव चार्ज का होता है तो यह दोनों जब आपस में टकराते हैं तो हमें करंट जैसा अनुभव होता है। कभी-कभी बिना छुये मात्र पास से निकलने पर भी करंट महसूस होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उस समय हमारे शरीर में इलेक्ट्रॉन की संख्या काफी ज्यादा मात्रा में होती है। 

ऐसे समझें 

इसे आप एक गुब्बाड़े के माध्यम से समझ सकते हैं। इसे फुलाकर जब आप अपने सूखे बालों पर रगड़ते हैं तो यह गुब्बाड़े को निगेटिव चार्ज कर देता है यानी उसके एटम में मौजूद इलेक्ट्रॉन को नेगेटिव चार्ज हो जायेगा। ऐसे में आप जैसे ही इस गुब्बाड़े को दीवाल पर चिपकाने की कोशिश करेंगे तो यह चिपक जाएगा। क्योंकि जहां इस गुब्बारे को ले जाकर आप चिपका रहे हैं वहां से पॉजिटिव चार्ज वाले इलेक्ट्रॉन निकल रहे होते हैं कारण दोनों एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। इसे स्टेटिक एनर्जी कहते हैं। हालांकि यह चार्ज थोड़ी देर के बाद फैल जाएगा जिसके बाद गुब्बारा नीचे गिर जाएगा।