ओड़िशा के मुख्यमंत्री ने अधिशेष चावल उठाने में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की

भुवनेश्वर, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आगामी खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) 2021-22 में राज्य से अनुमानित अतिरिक्त पके चावल उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
ओड़िशा के मुख्यमंत्री ने अधिशेष चावल उठाने में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की
ओड़िशा के मुख्यमंत्री ने अधिशेष चावल उठाने में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की भुवनेश्वर, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आगामी खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) 2021-22 में राज्य से अनुमानित अतिरिक्त पके चावल उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में, उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग 14 लाख किसानों ने केएमएस 2020-21 के दौरान 77.33 लाख मीट्रिक टन धान (52.35 मीट्रिक टन चावल के बराबर) बेचा है और लगभग 14,444 करोड़ रुपये के एमएसपी बकाया को हस्तांतरित किया गया है। 24 से 48 घंटों के भीतर इन किसानों के बैंक खाते, और इससे न केवल किसानों को लाभ हुआ है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है, खासकर चल रहे कोविड-19 महामारी के दौरान।

उन्होंने कहा, हालांकि, केंद्र ने 31 अगस्त को एक पत्र के माध्यम से सूचित किया कि अगले केएमएस के लिए भारतीय खाद्य निगम द्वारा ओडिशा से कोई अधिशेष चावल स्वीकार नहीं किया जाएगा।

आगामी केएमएस 2021-22 में, ओडिशा में 52 लाख मीट्रिक टन चावल की खरीद का अनुमान है। पटनायक ने कहा कि सभी योजनाओं के तहत राज्य की अपनी आवश्यकता लगभग 24 लाख मीट्रिक टन है, और इसका मतलब 28 लाख मीट्रिक टन का अधिशेष होगा, जिसमें से केवल 4 लाख मीट्रिक टन कच्चे चावल होंगे।

इससे राज्य के पास एफसीआई द्वारा निकासी के लिए 24 लाख मीट्रिक टन उबले हुए चावल का शेष बचा है। लेकिन, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के नवीनतम निर्णय ने राज्य से उक्त अधिशेष चावल को उठाने पर प्रश्नचिह्न् लगा दिया है।

चूंकि ओडिशा मुख्य रूप से चावल की खपत करने वाला राज्य है, इसलिए राज्य में चावल मिल उद्योग भारी मात्रा में चावल का उत्पादन करता है। इसलिए उन्होंने कहा, राज्य लगाए गए अधिशेष चावल वितरण प्रोफाइल में एक आदर्श बदलाव के कारण उत्पन्न स्थिति का सामना करने की स्थिति में नहीं है।

पटनायक ने कहा, डीएफपीडी द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण राज्य से अतिरिक्त पके चावल की उपरोक्त मात्रा को नहीं उठाने से राज्य के धान खरीद कार्यो को गंभीर रूप से प्रभावित करने की संभावना है। इससे लगभग 10 लाख किसान प्रभावित होंगे और वे विशेष रूप से कोविड महामारी के दौरान गंभीर संकट में पड़ जाएंगे।

उन्होंने पीएम से अगले केएमएस 2021-22 के लिए राज्य से अनुमानित अधिशेष चावल को स्वीकार करने के लिए डीएफपीडी को एक निर्देश जारी करने का अनुरोध किया।

--आईएएनएस

एसजीके

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