ओडीओपी की तर्ज पर ओडीओडी बढ़ाएगा उत्तर प्रदेश का पर्यटन

लखनऊ, 30 जुलाई(आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने का के लिए जिलास्तरीय रणनीति बना रही है। इसके लिए सरकार वन डिस्ट्रिक्ट वन डेस्टिनेशन (ओडीओडी) योजना लाने रही है। इसके तहत हर जिले में कम से कम एक पर्यटन स्थल को विकसित करने पर काम किया जाएगा। इस विकेंद्रीकृत मॉडल से प्रदेश के पर्यटन उधोग को नए आयाम देने की तैयारी है।
ओडीओपी की तर्ज पर ओडीओडी बढ़ाएगा उत्तर प्रदेश का पर्यटन
ओडीओपी की तर्ज पर ओडीओडी बढ़ाएगा उत्तर प्रदेश का पर्यटन लखनऊ, 30 जुलाई(आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने का के लिए जिलास्तरीय रणनीति बना रही है। इसके लिए सरकार वन डिस्ट्रिक्ट वन डेस्टिनेशन (ओडीओडी) योजना लाने रही है। इसके तहत हर जिले में कम से कम एक पर्यटन स्थल को विकसित करने पर काम किया जाएगा। इस विकेंद्रीकृत मॉडल से प्रदेश के पर्यटन उधोग को नए आयाम देने की तैयारी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वन विभाग प्रदेश के हर जिले से ऐसे संभावनाओं वाले क्षेत्रों को चिह्न्ति कर रहा है जिनको वन डिस्ट्रिक्ट, वन डेस्टिनेशन (ओडीओडी) के अंतर्गत विकास किया जाएगा, जिससे यह जगह पर्यटन से कदमताल मिला सकें। अब तक 56 जिलों में ऐसे स्थल चिह्न्ति किए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार ने अपना ध्यान हर जिले की विशिष्टताओं उभार उसको रोजगार व आय के साधन के तौर पर विकसित करने पर केंद्रित किया है। इसी कड़ी में ओडीओपी के तहत हर जिले से एक उत्पाद चिह्न्ति कर उसके उत्पादन, पैकेजिंग एवं बैंडिंग पर ध्यान दिया गया।

उत्पादों के साथ ही हर क्षेत्र की पर्यटन व सांस्कृतिक विशेषताओं को भी बाजार व आय से जोड़ने की कवायद शुरू की गई है। ओडीओडी इसका ही हिस्सा है।

वन मंत्री अरुण सक्सेना का कहना है कि यूपी में इको टूरिज्म के लिए भी अपार संभावनाएं हैं। हर जिले का स्थान विशेष प्राकृतिक, पर्यावरणीय या वन्य पर्यटन के लिहाज से मुफीद है। इन स्थलों को आपस में जोड़ा जाए तो यह पिकनिक या वन-डे-टूअर के तौर पर पर्यटकों को लुभा सकते हैं। वहीं, स्थानीय स्तर भी पिकनिक आउटिंग की मुफीद जगह के तौर पर विकसित हो सकते हैं। ऐसे में ओडीओडी या तहत ऐसे ही जगहों को चयनित कर उन्हें विकसित किया जाएगा। इसके लिए इको टूरिज्म बोर्ड भी बनाया जा रहा है।

अब तक मऊ, शाहजहांपुर, बस्ती, हाथरस, हमीरपुर, अमेठी, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या, फतेहपुर, जौनपुर, कौशांबी, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, कानपुर, गोरखपुर सहित 56 जिलों से स्थल चिह्न्ति कर उसके प्रस्ताव शासन विभाग और वन विभाग विकास को भेजे जा चुके हैं। इन स्थलों का पर्यटन चयनित स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं मसलन रेस्ट रूम, सड़क, बिजली, पानी, शौचालय, रेस्ट रूम के साथ ही सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे। इसके बाद इन्हें पर्यटन डायरेक्ट्री में शामिल किया जाएगा।

चयनित पर्यटन चयनित स्थल हैं :

लखीमपुर खीरी- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान

चंदौली-चंद्रप्रभा वन्य जीव विहार

बहराइच- कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार

चित्रकूट-रानीपुर वन्य जीव विहार

ललितपुर- महावीर स्वामी वन्य जीव विहार

आगरा- सूरसरोवर पक्षी विहार

मिजार्पुर- कैमूर वन्य जीव विहार

मेरठ-हस्तिनापुर वन्य जीव विहार

बिजनौर-अमानगढ़ टाइगर रिजर्व

बलरामपुर- सोहेलवा वन्य जीव विहार

वाराणसी- कछुआ प्रजनन केंद्र

पीलीभीत-पीलीभीत टाइगर रिजर्व

उन्नाव- नवाबगंज पक्षी विहार

रायबरेली-समसपुर पक्षी विहार

कन्नौज-लाखबहोसी पक्षी विहार

हरदोई-साण्डी पक्षी विहार

संतकबीरनगर-बखीरा पक्षी विहार

गौतमबुद्ध नगर-ओखला पक्षी विहार

मैनपुरी- समान पक्षी विहार

गोंडा-पार्वती अरगा पक्षी विहार

महोबा-विजय सागर पक्षी विहार

एटा- पटना पक्षी विहार

प्रतापगढ़-डॉ. भीमराव अंबेडकर पक्षी विहार

अलीगढ़-शेखा झील अलीगढ़

लखनऊ-लखनऊ प्राणि उद्यान

कानपुर- कानपुर प्राणि उद्यान

गोरखपुर-गोरखपुर प्राणि उद्यान

इटावा-लॉयन सफारी इटावा

बरेली-मिनी जू इज्जत नगर

अम्बेडकरनगर-दखन झील

आजमगढ़-बढेला ताल

औरैया- खानपुर वन ब्लाक

कानपुर देहात-मगही झील

कौशाम्बी- अलवारा वेटलैंड

जौनपुर-शाहगंज वेटलैंड (घूमर ताल)

फतेहपुर- अखनई झील

फरुर्खाबाद-नकुठिला झील

अयोध्या- समदा झील

देवरिया- सिंधुवा ताल

बांदा- दियाबानी मंदिर पैलानी

बाराबंकी-भगहर वेटलैंड

भदोही- समधा ताल

मथुरा- जोधपुर ताल

सहारनपुर- एलिफेंट रिजर्व

सिद्धार्थनगर-मझौली सागर

सीतापुर- अज्जैपुर झील

सोनभद्र- कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी

अमेठी- कांदूनाला वन ब्लाक

हमीरपुर-मौदहा बांध

हाथरस- नगला शेखा वेटलैंड

बस्ती- संत रविदास वन विहार

मऊ- वन देवी मंदिर

शाहजहांपुर- नगर निगम बायोडायवर्सिटी पार्क

कासगंज-चंदनपुर घटियारी बायोडायवर्सिटी पार्क

प्रयागराज- चांद खम्हरिया कृष्ण मृग संरक्षण क्षेत्र, बलिया- जय प्रकाश नारायण पक्षी विहार (सुरहाताल)।

--आईएएनएस

विकेटी/एसजीके

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