कंपनियों की कमाई की संभावनाओं से बाजार में रौनक, जनवरी में एफपीआई की वापसी (राउंडअप)

नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में कंपनियों को होने वाली अच्छी कमाई की उम्मीद में भारतीय शेयर बाजार सोमवार को उत्साह देखा गया और यह कारोबार खत्म होने पर सकारात्मक रूप में बंद हुआ।
कंपनियों की कमाई की संभावनाओं से बाजार में रौनक, जनवरी में एफपीआई की वापसी (राउंडअप)
कंपनियों की कमाई की संभावनाओं से बाजार में रौनक, जनवरी में एफपीआई की वापसी (राउंडअप) नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में कंपनियों को होने वाली अच्छी कमाई की उम्मीद में भारतीय शेयर बाजार सोमवार को उत्साह देखा गया और यह कारोबार खत्म होने पर सकारात्मक रूप में बंद हुआ।

सेंसेक्स और निफ्टी अपने पिछले बंद से क्रमश: 1.09 प्रतिशत और 1.07 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 60,395 अंक और 18,003 अंक पर बंद हुए।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, कमजोर वैश्विक बाजारों और बढ़ते कोविड मामलों के बीच, घरेलू बाजार ने कमाई के मौसम की स्वस्थ शुरूआत की उम्मीदों पर मजबूत गति प्रदर्शित की। पीएसयू बैंकों ने सेक्टोरल रैली का नेतृत्व किया क्योंकि रिपोटरें ने आने वाले बजट में एफपीआई सीमा में वृद्धि का सुझाव दिया, जबकि रियल्टी क्षेत्र ने मजबूत प्रवृत्ति का पालन किया।

नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि एफपीआई ने जनवरी 2022 में अब तक इक्विटी सेगमेंट में 3,695 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

एनएसई के आंकड़ों से पता चलता है कि सोमवार के सत्र के दौरान सभी सेक्टोरल इंडेक्स में तेजी आई।

जिन शेयरों मे तेजी देखी गई उनमें, यूपीएल, हीरो मोटोकॉर्प, टाइटन, एसबीआई और मारुति सुजुकी इंडिया ने क्रमश: 4.6 प्रतिशत, 3.3 प्रतिशत, 3.1 प्रतिशत, 2.8 प्रतिशत और 2.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सबसे अधिक कमाई की।

दूसरी ओर, विप्रो, नेस्ले इंडिया, डिविज लैब्स, एशियन पेंट, पावर ग्रिड कॉपोर्रेशन के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई।

इसके अलावा, वन97 कम्युनिकेशंस-समर्थित पेटीएम के शेयर दिन के दौरान लगभग छह प्रतिशत गिर गए क्योंकि वैश्विक ब्रोकरेज हाउस मैक्वेरी ने स्टॉक के लिए लक्ष्य का मूल्य कम कर दिया।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा, पिछले कुछ दिनों में ओमिक्रॉन वैरिएंट के कम प्रभाव के कारण बाजार में तेजी आई है, जिसके कारण विभिन्न सरकारी अधिकारियों द्वारा कम कड़े प्रतिबंध या लॉक डाउन किए गए हैं। इसने मजबूत कॉपोर्रेट आय की उम्मीद के साथ-साथ आर्थिक सुधार की उम्मीद जगाई है।

--आईएएनएस

आरजेएस

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