डीजीसीए को 3 स्पाइसजेट विमानों का पंजीकरण रद्द करने का अनुरोध मिला

नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। विमानन नियामक महानिदेशक नागरिक उड्डयन (डीजीसीए) को बजट वाहक स्पाइसजेट के तीन विमानों का पंजीकरण रद्द करने के लिए पट्टेदार से अनुरोध प्राप्त हुआ है।
डीजीसीए को 3 स्पाइसजेट विमानों का  पंजीकरण रद्द करने का अनुरोध मिला
डीजीसीए को 3 स्पाइसजेट विमानों का  पंजीकरण रद्द करने का अनुरोध मिला नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। विमानन नियामक महानिदेशक नागरिक उड्डयन (डीजीसीए) को बजट वाहक स्पाइसजेट के तीन विमानों का पंजीकरण रद्द करने के लिए पट्टेदार से अनुरोध प्राप्त हुआ है।

लीजिंग फर्म आवास आयरलैंड लिमिटेड ने 29 जुलाई को तीन बोइंग 737 विमानों के खिलाफ अनुरोध दायर किया।

विमान- वीटी-एसवाईडब्ल्यू, वीटी-एसवाईएक्स और वीटी-एसवाईवाई वाराणसी और अमृतसर में तैनात हैं।

उड़ानों के पंजीकरण को रद्द करने का अनुरोध अपरिवर्तनीय विपंजीकरण और निर्यात अनुरोध प्राधिकरण (आईडीईआरए) के तहत दायर किया गया है। सूत्रों ने कहा कि यह आमतौर पर तब दायर किया जाता है, यदि कोई पट्टादाता और एयरलाइन भुगतान तक पहुंचने में विफल रहता है।

आम तौर पर एविएशन रेगुलेटर द्वारा जांच के बाद डीरजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की अनुमति दी जाती है कि क्या विमान पर कर अधिकारियों और हवाई अड्डों से कोई बकाया है।

सरकार ने भारत में विमान पट्टे पर देने और वित्तपोषण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के उपाय किए हैं। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण अधिनियम 2019 के तहत, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण की स्थापना अप्रैल, 2020 में की गई थी।

इससे पहले, 27 जुलाई को डीजीसीए ने स्पाइसजेट एयरलाइन को आठ सप्ताह के लिए अपनी 50 फीसदी उड़ानों का संचालन करने का आदेश दिया था।

डीजीसीए ने एक आदेश में कहा, विभिन्न स्पॉट चेक, निरीक्षण के निष्कर्षो और स्पाइसजेट द्वारा प्रस्तुत कारण बताओ नोटिस के जवाब के मद्देनजर, सुरक्षित और विश्वसनीय हवाई परिवहन सेवा के निरंतर निर्वाह के लिए स्पाइसजेट के प्रस्थान की संख्या 50 फीसदी तक सीमित है।

डीजीसीए ने कहा कि इन आठ हफ्तों के दौरान, एयरलाइन को बढ़ी हुई निगरानी के अधीन लाया जाएगा।

विमानन नियामक ने कहा कि सितंबर 2021 में डीजीसीए द्वारा किए गए वित्तीय मूल्यांकन से पता चला है कि स्पाइसजेट कैश एंड कैरी पर काम कर रही है और आपूर्तिकर्ताओं को नियमित आधार पर भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिससे पुर्जो की कमी हो रही है।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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