दो बड़े बिल्डरों की संपत्तियां हुई कुर्क
संजय छाबड़िया की कुर्क की गई जमीन मुंबई के सांताक्रूज में है, जिसकी कीमत 116.5 करोड़ रुपये है। इसके अलावा छाबड़िया की कंपनी के 25 फीसदी इक्विटी शेयर बेंगलुरु स्थित लैंड पार्सल में 115 करोड़ रुपये के हैं। मुंबई के सांताक्रूज में स्थित एक फ्लैट जिसकी कीमत 3 करोड़ रुपये है। दिल्ली एयरपोर्ट के पास स्थित छाबड़िया के एक होटल से 13.67 करोड़ रुपये का मुनाफा और 3.10 करोड़ रुपये की तीन महंगी लग्जरी कारें भी कुर्क कर ली गई हैं।
अविनाश भोसले की संलग्न संपत्ति मुंबई में 102.8 करोड़ रुपये डुप्लेक्स फ्लैट, पुणे में 14.65 करोड़ रुपये का भूमि पार्सल, पुणे में ही एक और जमीन जिसकी कीमत 29.24 करोड़ रुपये है, 15.52 करोड़ रुपये के नागपुर में स्थित एक लैंड पार्सल और 1.45 करोड़ रुपये का जमीन का टुकड़ा शामिल है जो नागपुर में ही है।
ईडी ने यस बैंक के राणा कपूर और डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन और धीरज वधावन के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 420 और पीसी एक्ट की धारा 7, 12 और 13 (2) के तहत जांच शुरू की थी।
यह आरोप लगाया गया था कि राणा कपूर ने कपिल वधावन, और अन्य के साथ मिलकर डीएचएफएल को वित्तीय सहायता देने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी, जिसके बदले में खुद को और अपने परिवार के सदस्यों को कंपनियों के माध्यम से पर्याप्त अनुचित लाभ दिया गया।
राणा कपूर ने यस बैंक लिमिटेड के माध्यम से डीएचएफएल में 3,700 करोड़ रुपये और डीएचएफएल के मसाला बॉन्ड में 283 करोड़ रुपये का निवेश किया।
डीएचएफएल में यस बैंक द्वारा किए गए इस निवेश के साथ, कपिल वधावन ने डीएचएफएल के माध्यम से राणा कपूर की लाभकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में से एक डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट को ऋण की आड़ में 600 करोड़ रुपये का किकबैक दिया।
जांच से पता चलता है कि यस बैंक द्वारा डीएचएफएल को 3,983 करोड़ रुपये के कथित हस्तांतरण के तुरंत बाद, संजय छाबड़िया के रेडियस ग्रुप को ऋण का मूल्यांकन और स्वीकृत ऋण के रूप में डीएचएफएल से 2,317 करोड़ रुपये का धन प्राप्त हुआ। ईडी ने कहा कि सांताक्रूज, मुंबई में अपनी परियोजना एवेन्यू 54 के विकास के नाम पर संजय छाबड़िया ने पैसे लिए और इसे डायवर्ट कर दिया।
एजेंसी को यह भी पता चला कि संजय छाबड़िया ने अविनाश भोसले के साथ साठगांठ की और धन को उनकी विभिन्न लाभकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में डाल दिया।
इसके अलावा, भोसले ने वधावन के साथ मिलकर डीएचएफएल और अन्य संस्थाओं को कुछ सेवाएं प्रदान करने की आड़ में डीएचएफएल से 71.82 करोड़ रुपये प्राप्त किए।
अधिकारी ने कहा, हालांकि, ये सेवाएं कभी नहीं दी गईं और इसका उपयोग भोसले ने अपने लाभकारी उपयोग के लिए किया।
इससे पहले, ईडी ने वधावन की 1,412 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
इस मामले में कपिल वधावन और धीरज वधावन, संजय छाबड़िया, भोसले को गिरफ्तार किया गया है। सभी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
इस कार्रवाई से इस मामले में अब कुल कुर्की 1,827 करोड़ रुपये हो गई है।
आगे की जांच जारी है।
--आईएएनएस
एसकेपी