फेड के आक्रामक रुख का पीली धातु पर रहेगा दबाव

नयी दिल्ली , 2 मई (आईएएनएस)। आमतौर पर अक्षय तृतीया त्योहार पर पीली धातु के दाम बढ़ जाते हैं, लेकिन इस बार अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख ने कीमतों पर दबाव बनाया हुआ है।
फेड के आक्रामक रुख का पीली धातु पर रहेगा दबाव
फेड के आक्रामक रुख का पीली धातु पर रहेगा दबाव नयी दिल्ली , 2 मई (आईएएनएस)। आमतौर पर अक्षय तृतीया त्योहार पर पीली धातु के दाम बढ़ जाते हैं, लेकिन इस बार अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख ने कीमतों पर दबाव बनाया हुआ है।

देश में तीन मई को अक्षय तृतीया है और इस दिन सोने-चांदी की खरीद शुभ मानी जाती है। अक्षय तृतीया को मांग में तेजी को देखते हुये सोने-चांदी के भाव बढ़ जाते हैं।

मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक इस बार बाजार का हाल बदला हुआ है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने महंगाई पर काबू पाने के लिये तेजी से ब्याज दर बढ़ाने की बात की है, जिससे पीली धातु पर दबाव बना हुआ है।

फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में बढोतरी करने से बांड यील्ड में तेजी आती है, जिससे निवशेकों का रुझान सुरक्षित निवेश में घट जाता है और वे बांड में निवेश करने लगते हैं। निवेश रूझान के घटने से सोने की मांग प्रभावित होती है, जिससे इसकी कीमतें नरम हो जाती हैं।

सोने की कीमतों पर कई चीजों का प्रभाव पड़ता है। इन दिनों भू-राजनीतिक तनाव, महंगाई की चिंता और केंद्रीय बैंक की नीतियां सोने के रुख को तय कर रही हैं।

कोरोना महामारी ने सुरक्षित निवेश को बढ़ावा दिया था। कोरोना की तीसरी लहर के कमजोर पड़ने पर इसके दाम गिरने ही शुरू हुये कि यूक्रेन पर रूस के हमले ने भू-राजनीतिक तनाव को हवा दे दी , जिससे एक बार फिर सुरक्षित निवेश को बढ़ावा मिल गया।

रूस और यूक्रेन के बीच होने वाली शांति वार्तायों नाकाम साबित हुई हैं, जिससे भू-राजनीतिक अनिश्चितता बनी हुई है। इधर कोरोना महामारी ने भी दोबारा सिर उठाना शुरू कर दिया है। चीन में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिये लगाये गये लॉकडाउन का असर भी सोने की कीमतों पर रहेगा।

मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी किये जाने की संभावना, रूस-यूक्रेन युद्ध तथा चीन में जारी लॉकडाउन पीली धातु की कीमतों को प्रभावित करते रहेंगे।

रिपोर्ट में बताया गया है कि अनिश्चितता के कारण पीली धातु को बढ़ावा मिलेगा लेकिन यह ज्यादा दिनों तक ऊंचे स्तर पर टिक नहीं पायेगी।

रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद सोना हाजिर मुनाफावसूली के दबाव में आ गया और यह 1,900 डॉलर प्रति औंस के आसपास है। हालांकि, फेड के तेवर को देखते हुये यह अनुमान लगाया जा सकता है कि अगली कुछ तिमाहियों तक इसमें नरमी रहेगी।

अगले 12 माह के दौरान कोमेक्स पर सोने के दाम 1,800 से 2,050 डॉलर प्रति औंस के बीच रह सकते हैं।

घरेलू बाजार में इसकी कीमतें 46,500 रुपये से 50,000 रुपये प्रति दस ग्राम रहेंगी जबकि इसका उच्चतम स्तर 55,000 रुपये प्रति दस ग्राम रह सकता है।

--आईएएनएस

एकेएस/एएनएम

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