बैंक ऑफ बड़ौदा का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 79.3 प्रतिशत बढ़कर 2,168 करोड़ रुपये हुआ

मुंबई, 30 जुलाई (आईएएनएस)। सरकारी स्वामित्व वाले बैंक ऑफ बड़ौदा ने वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में अपने शुद्ध लाभ में 79.3 प्रतिशत की तेज वृद्धि दर्ज की, जो पिछले साल की समान तिमाही में शुद्ध ब्याज आय में वृद्धि और परिसंपत्ति की गुणवत्ता में सुधार के कारण 1,209 करोड़ रुपये की तुलना में 2,168 करोड़ रुपये है।
बैंक ऑफ बड़ौदा का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 79.3 प्रतिशत बढ़कर 2,168 करोड़ रुपये हुआ
बैंक ऑफ बड़ौदा का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 79.3 प्रतिशत बढ़कर 2,168 करोड़ रुपये हुआ मुंबई, 30 जुलाई (आईएएनएस)। सरकारी स्वामित्व वाले बैंक ऑफ बड़ौदा ने वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में अपने शुद्ध लाभ में 79.3 प्रतिशत की तेज वृद्धि दर्ज की, जो पिछले साल की समान तिमाही में शुद्ध ब्याज आय में वृद्धि और परिसंपत्ति की गुणवत्ता में सुधार के कारण 1,209 करोड़ रुपये की तुलना में 2,168 करोड़ रुपये है।

समेकित इकाई के लिए बैंक का शुद्ध लाभ अप्रैल-जून तिमाही में 1,944 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही में 1,187 करोड़ रुपये था।

वित्त वर्ष 23 में बैंक की शुद्ध ब्याज आय 12 प्रतिशत बढ़कर 8,838 करोड़ रुपये हो गई। जबकि समीक्षाधीन तिमाही में बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन 3.02 प्रतिशत रहा।

राज्य के स्वामित्व वाले ऋणदाता की गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) अनुपात पिछले साल की समान तिमाही में 8.86 प्रतिशत की तुलना में अप्रैल-जून तिमाही में तेजी से बढ़कर 6.26 प्रतिशत हो गया। निरपेक्ष रूप से, बैंक का सकल एनपीए वित्तवर्ष 23 की पहली तिमाही में घटकर 52,591 करोड़ रुपये हो गया, जो गत वित्तीय वर्ष इसी अवधि में 66,671 करोड़ रुपये था।

बैंक का शुद्ध एनपीए अनुपात वितत वर्ष 23 की पहली तिमाही में बढ़कर 1.58 प्रतिशत हो गया, जबकि गत वर्ष इसी अवधि मे यह 3.03 प्रतिशत था। वित्तीय वर्ष 23 की पहली तिमाही में बैंक का प्रावधान कवरेज अनुपात दो सहित 89.38 प्रतिशत और दो को छोड़कर 75.94 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही के लिए स्लिपेज अनुपात घटकर 1.71 प्रतिशत हो गया, जबकि गत वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 3 प्रतिशत था।

तिमाही के लिए शुल्क आधारित आय 15.6 प्रतिशत बढ़कर 1,277 करोड़ रुपये हो गई। दूसरी ओर, वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए परिचालन आय 10,020 करोड़ रुपये है और कोस्ट ऑफ डिपोजिट वित्त वर्ष 23 में घटकर 3.46 प्रतिशत हो गई, जबकि बीते वर्ष इसी अवधि में 3.55 प्रतिशत थी।

--आईएएनएस

आरएचए/एएनएम

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