Abroad Study Insurance विदेश में पढ़ाई का सपना कैसे होगा पूरा?

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Insurance For Studying Abroad

Why Would You Study Abroad?

What Is Abroad Study?

बिजनेस/एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली।

पढ़ाई लिखाई में हमेशा अव्वल रहने वाले छात्र–छात्राओं का एक सपना होता है। वह सपना विदेश में पढ़ाई करने का होता है। लेकिन अपने बेटे–बेटी के इस सपने को पूरा करने में हर अभिभावक आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होते। इसलिये मजबूर होकर वे अपने बच्चे की उच्च शिक्षा के लिएउसका दाखिला देश के ही किसी स्कूल कालेज में करा देते हैं।

बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए क्या करें?

ऐसा नहीं है कि देश में अच्छे कालेज नहीं हैं या जो कालेज हैं भी‚ वे काफी महंगे हैं। बल्कि देश में एक से बढ़कर एक कालेज हैं लेकिन ज्यादातर कालेज शिक्षण संस्थानों की वैश्विक रैंकिंग में काफी पीछे हैं। इसीलिये बच्चे चाहते हैं कि वे अपनी उच्च शिक्षा विदेश में हासिल करें और कैम्पस प्लेसमेंट के जरिये अच्छी नौकरियां पा सकें। अगर आप आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं कि अपने बच्चे को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेज सकें तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि बैंकों से लिये जाने वाले एजुकेशन लोन के अलावा भी एक ऐसा विकल्प है जिसके जरिये आप अपने बच्चों का विदेश में शिक्षा पाने का ख्वाब आसानी के साथ पूरा कर सकते हैं। निवेश का यह विकल्प है बीमा। आइए इसके बारे में जानते हैं। 

Abroad Study

उच्च शिक्षा का खर्च आजकल आसमान पर पहुंच गया है। भारतीय कालेज हों या विदेशी सभी जगह फीस इतनी ज्यादा हो गई है कि मां–बाप अपने बच्चों की विदेश में पढ़ाई का ख्वाब पूरा करने में अपने को असहाय पा रहे हैं। लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि बीमा के जरिये भी आप अपने बच्चे की विदेश में पढ़ाई का ख्वाब पूरा कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको अपने बच्चे की कम उम्र में ही आपको इससे जुड़े़ बीमा प्लान खरीदने होंगे ताकि जब आपका बच्चा उच्च शिक्षा प्राप्त करने की आयु में पहुंचते तो आप उसके खर्च को उठा सकने में सक्षम हो सकें। 


किन देशों में जाते हैं भारतीय छात्र

भारतीय छात्र आमतौर पर शिक्षा पाने के लिए अमेरिका‚ ब्रिटेन‚ कनाड़ा‚ आस्ट्रेलिया‚ रूस‚ यूक्रेन‚ सिंगापुर‚ जापान और चीन को प्राथमिकता देते हैं। कौन सा छात्र किस देश को प्राथमिकता देता है यह उसकी अपनी सोच पर निर्भर करता है। कोई छात्र शैक्षिक संस्थान को महत्व देता है तो कोई ऐसे देश का चयन करता है जहां की भाषा उसने पहले से सीख रखी है। इसके अलावा भी हर छात्र की अपनी अलग–अलग प्राथमिकताएं होती हैं। 

विदेश में शिक्षा पाने को लें बीमा

बीमा कंपनियों ने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए धन का बंदोबस्त करने के लिए कई तरह की बीमा पालिसी लांच कर रखी हैं। इस तरह की पालिसी आमतौर पर मनी बैक पालिसी की श्रेणी में रखी गई हैं जिनके तहत बच्चों की उच्च शिक्षा तक पहुंचते–पहुंचते यह पालिसी मैच्योर हो जाती है। इस तरह की पालिसी में एक सुविधा और दी गई है वह यह कि बीमा कंपनियां मनी बैक के रूप में हर चार साल पर जो धनराशि आपको देती हैं वह आप न लें और पूरी रकम पालिसी मैच्योर होने के वक्त लें। इस तरह की पालिसी की शुरुआत आप तभी से कर दें जब आपका बच्चा प्राइमरी क्लास में दाखिला ले रहा हो। इससे आपके बेटे की उम्र 20 साल से 25 साल तक होते–होते आप एक बड़़ा फंड़ तैयार कर सकते हैं जिसका इस्तेमाल बच्चे को उच्च शिक्षा के लिएविदेश भेजने में कर सकते हैं। इस तरह की पालिसी में बच्चे की आयु 20 वर्ष या इसके आसपास पहुंचते ही मनी बैक मिलना शुरू हो जाता है। अगर आपको बच्चे के विदेश स्थित किसी शिक्षण संस्थान में दाखिले की तैयारी के लिए पैसों की जरूरत होती है तो आप मनी बैक ले सकते हैं अन्यथा आप बीमा कंपनी को कह सकते हैं कि आप पूरी रकम पालिसी की मैच्योरिटी पर ही लेना चाहते हैं।

प्रीमियम न देने पर बंद नहीं होती पालिसी

इस तरह की बीमा पालिसियां प्रीमियम न जमा कर पाने के कारण बंद नहीं होती हैं बल्कि पालिसीधारक ने जितने साल का प्रीमियम भरा है उसी रकम और समयावधि के आधार पर उसको बीमा कवर मुहैया करा दिया जाएगा। यानी कुछ घटे हुए सम एश्योर्ड़ के साथ आपको बीमित राशि मिल सकती है। इसके लिए हर कंपनी के अपने अलग नियम कायदे हो सकते हैं। 

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कर छूट का फायदा

इस तरह की बीमा पालिसी में पालिसीधारक जितनी रकम प्रीमियम के रूप में भरता है उसको आयकर की धारा 80सी के तहत आयकर में छूट प्राप्त होती है। इसके अलावा इस पालिसी के जोखिम कवर में मैच्योरिटी या डे़थ बेनिफिट के रूप में मिलने वाली रकम को आयकर से पूरी तरह कर मुक्त रखा गया है। लेकिन इसके लिए बीमा कंपनी द्वारा जारी पालिसी वह सभी नियम पूरे करती हो जो कर छूट पाने के लिए जरूरी हैं। इस तरह की कुछ पालिसी में मैच्योरिटी के वक्त मिलने वाला पैसा पूरी तरह कर मुक्त नहीं होता है। इसलिये पालिसी खरीदते वक्त उसके बारे में पूरी जानकारी अवश्य हासिल कर लें। 

किस उम्र तक मिल सकता है प्लान

इस तरह की बीमा पालिसी 90 दिन से लेकर 12 साल तक के बच्चों के नाम से खरीदी जा सकती है। इस तरह की पालिसी की परिपक्वता अवधि बच्चे की आयु से जुड़़ी होती है। जैसे पालिसी की मैच्योरिटी अवधि जानने के लिए आपको २५ में से बच्चे की उम्र को घटा देना होगा। इससे पालिसी की मैच्योरिटी अवधि निकल आएगी। उदाहरण के तौर पर अगर किसी बच्चे की आयु पांच साल है तो उसकी पालिसी 20 साल तक चलेगी। इस तरह की पालिसी में बीमित राशि आपके द्वारा भरे जाने वाले प्रीमियम पर आधारित होगी। आप जितना ज्यादा प्रीमियम भरेंगे जोखिम कवर भी उसी हिसाब से मिलेगा।

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