What Is Credit Score: क्या है क्रेडिट स्कोर, कैसे और किसे मिलता है फायदा

What Is The Meaning Of Credit In Hindi

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What Is Credit Score

Credit Score Benefits


बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली।

प्रॉपर्टी का संभावित निवेशक हमेशा अपने पास उपलब्ध राशि और क्षमता के अनुरूप विकल्प की तलाश और चयन करता है लेकिन कई बार ऐसा भी हो जाता है कि कुछ रकम कम पड़ जाने की वजह से उसे लोन का विकल्प अपनाना पड़ता है। कुछ मामलों में लोन आसानी से मिल जाता है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि न सिर्फ बैंक बल्कि नान बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन भी उस व्यक्ति को लोन देने से इनकार कर देते हैं। ऐसी परिस्थितियों में निवेशक के हाथ से एक अच्छी संपत्ति निकल भी जाती है। 

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वैसे इस पर आपने भी जरूर गौर किया होगा कि कुछ मौकों में यदि निवेश क्षमता थोड़ी सी ज्यादा रही होती तो उस निवेश से मिलने वाला आपका मुनाफा भी बढ़ गया होता। निवेश की क्षमता बढ़ जाने वाली यह स्थिति काफी कुछ वैसी ही है जैसे किसी कुंए के प्यासे के पास आ जाना। य्ह स्थिति आपके साथ भी बन सकती है लेकिन इसके लिए आपको अपने क्रेडिट स्कोर पर ध्यान देना होगा और अपनी क्रेडिट वैल्यू में सुधार लाना होगा। 

क्या है क्रेडिट स्कोर

क्रेडिट स्कोर एक ऐसा हथियार है जो आपको निवेश के बाजार का विजेता बना सकता है। अब सवाल है कि कैसेॽ इसे जानने से पहले यह जान लेते हैं कि क्रेडिट वैल्यू आखिर है क्याॽ क्रेडिट स्कोर या वैल्यू वह मानक है जिसे वित्तीय संस्थान या फिर बैंक निर्धारित करते हैं। इसके लिए ये वित्तीय संस्थान आपकी आय के स्रोतों को जांचते हैं। साथ ही इसमें आपकी आÌथक वचनबद्धता और देनदारियों की परख भी की जाती है। इसके लिए उनका अपना एक अलग मापदंड होता हैं। यह आवश्यक नहीं है कि अगर आपकी मासिक या सालाना आय अच्छी हो तो आपका क्रेडिट स्कोर भी अच्छा रहेगा। संभव है कि अच्छी आय के बावजूद आपकी क्रेडिट लिमिट को कम आंका जाए ऐसा होने पर आपके निवेश के विकल्प सीमित हो सकते हैं इसलिए एक समझदार निवेशक बनने के लिए जरूरी है कि क्रेडिट वैल्यू का निर्धारण करने वाले मुख्य कारकों पर आप जरूर ध्यान दें। 

बैंक स्टेटमेंट का महत्व

बैंक स्टेटमेंट वह रिपोर्ट कार्ड है जो आपकी आमदनी और खर्च का ब्यौरा बताता है। क्रेडिट लिमिट तय करने के लिए बैंक और वित्तीय संस्थान किसी भी व्यक्ति के बैंक अकाउंट का पिछले छह महीनों की अकाउंट स्टेटमेंट मांगते हैं। इससे किसी व्यक्ति के आय के स्रोतों और खर्च के तरीकों का पता लग जाता है। इसी आमदनी और खर्च के आधार पर व्यक्ति को दिये जाने वाले लोन के बारे में अपनी धारणा बैंकों द्वारा बनाई जाती है॥। कैश ट्रांजेक्शन से बचें॥ अगर आपकी आय किसी ऐसे स्रोत से होती है जिसे आप नकदी के रूप में प्राप्त करते हैं तो बैंकिंग संस्थानों की गणना के आधार पर आप चूक जाएंगे। ऐसे में जहां तक हो सके रकम का लेन–देन चैक‚ बैंक ड्राफ्ट‚ बैंकर्स चेक या भुगतान के डिजिटल माध्यमों का विकल्प चुनें। कोई शक नहीं कि नकदी के जरिए होने वाले लेन–देन से आप अपने टैक्स में तो बचत कर सकते हैं लेकिन इस वजह से आप बहुमूल्य क्रेडिट लिमिट को नुकसान भी पहुंचाते हैं। 

बैंक स्टेटमेंट

आर्थिक वचनबद्धता

कई बार कुछ कारणों से किसी को भुगतान के लिए दिया गया चेक बाउंस हो जाता है। ऐसे विवरण की जानकारी बैंक की पास बुक या स्टेटमेंट से मिल जाती है‚ चेक का बाउंस होना आपकी आÌथक वचनबद्धता में कमी लाने के साथ आÌथक कमजोरी का प्रतीक भी बनता है इसलिए इसे भी गंभीरता से लें क्योंकि क्रेडिट स्कोर की गणना करते वक्त बैंक और वित्तीय संस्थान इसे नकारात्मक तौर पर देखेंगे। 

आयकर जरूर दाखिल करें

क्रेडिट वैल्यू बढ़ाने के लिए सही रिटर्न जमा कराना जरूरी है। अगर आप व्यवसायी हैं तो केवल आयकर रिटर्न द्वारा ही अपनी आय का सही ब्योरा दे सकते हैं। आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने की स्थित में फार्म 16ए की आवश्यकता पड़ती है लेकिन इसका आधार आपकी तरफ से घोषित की गई आय को माना जाता है। आपको यह जानकर हैरत हो सकती है कि अच्छी बैंक स्टेटमेंट और सही टैक्स रिटर्न आपके निवेश में आपकी बड़ी मदद कर सकते हैं।

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इसकी वजह यह है कि इससे आपको एक अच्छी क्रेडि़ट रेटिंग मिल जाती है जो आपकी निवेश क्षमता को करीब 10 गुना तक बढ़ा सकती है। उदाहरण के लिए मात्र 2 लाख रु पये की पूंजी से अपने निवेश को 15 से 20 लाख रु पये तक पहुंचाया जा सकता है। यही बढ़ी हुई निवेश की क्षमता समय बीतने पर आपके लाभ प्रतिशत को निश्चित तौर पर बढ़ाने वाली साबित होगी।

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