Income Fund Benefits Investment Plan In Hindi: इनकम फंड क्या होता है? म्यूचुअल फंड़ से किनता अलग है और कैसे होती है कमाई?

Benefits Of Income Fund Investment Plan In Hindi
Benefits OF Income Fund Investment Plan In Hindi
इनकम फंड क्या होता है?  इनकम फंड के फायदे क्या हैं

Benefits Of Income Fund Investment Plan In Hindi: बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद से म्यूचुअल फंड़ में निवेश करने वालों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। कोरोना के दौरान कार्यालय व कारोबार बंद होने से बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां चली गई थीं जिससे उनकी आमदनी बंद हो गई थी। महामारी का दौर बीत जाने के बाद से भविष्य की आर्थिक सुरक्षा के मद्देनजर लोगों की दिलचस्पी निवेश उत्पादों की तरफ बढ़ी जिससे शेयर बाजारों और म्यूचुअल फंड़ में भी निवेश बढ़ा। 

इनकम फंड़ के फायदे क्या हैं?
म्यूचुअल फंड़ में निवेश करने वालों का ज्यादातर ऐसे निवेश उत्पादों की तरफ था जिनके जरिए कुछ आय अर्जित की जा सके। म्यूचुअल फंड़ कंपनियों ने लोगों की इसी जरूरत को समझते हुए इनकम फंड़ को बाजार में बिक्री के लिए पेश किया। हालांकि इनकम फंड़ पहले से ही बाजार में थे लेकिन कोरोना के बाद से म्यूचुअल फंड़ कंपनियों ने कई नई तरह के इनकम फंड़ को बाजार में उतारा। आज हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि इनकम फंड़ क्या हैं और इनके क्या फायदे हैं। 

किसे कहते हैं इनकम फंड़?
इनकम फंड को डे़ब्ट फंड़ की श्रेणी में रखा गया है। यह फंड़ लंबी अवधि के लिए डिबेंचर‚ कारपोरेटबांड़ एवं सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं। बाजार नियामक द्वारा इनकम फंड़ को ऐसे डे़ब्ट फंड़ के तौर पर परिभाषित किया गया है जिनकी अवधि चार साल या उससे ज्यादा होती है। इनकम फंड़ को हम दो श्रेणियों में बांट सकते हैं। इनमें से पहली श्रेणी में मध्यम से दीर्घ अवधि वाले फंड़ रखे जाते हैं जिनकी अवधि चार से सात साल की होती है। जबकि दूसरी श्रेणी में दीर्घावधि वाले इनकम फंड़ को रखा गया है। इन फंड्स की अवधि सात साल से ज्यादा होती है। 

कैसे काम करते हैं इनकम फंड़?
म्यूचुअल फंड़ कंपनियां इनकम फंड़ श्रेणी के तहत अपने ग्राहक को हमेशा बेहतर रिटर्न दिलाने का प्रयास करती हैं। इस तरह के फंड़ में ब्याज दरें बढ़ने या घटने का कोई असर नहीं होता है और फंड़ मैनेजर का पूरा प्रयास रहता है कि ग्राहकों को बढ़िया से बढ़िया रिटर्न दिलाया जा सके। इस तरह के फंड़ में फंड़ मैनेजर द्वारा मौका मिलने पर ब्याज आय तो अर्जित की ही जाती है साथ ही बाजार के उतार–चढ़ाव का फायदा भी निवेशकों को दिलाया जाता है। इनकम फंड़ उच्च सुरक्षा और कम ब्याज दर जोखिम वाले ऋण साधनों में निवेश को प्राथमिकता देते हैं। 

किसके लिए बेहतर हैं यह फंड़?
यह फंड़ ऐसे निवेशकों के लिए निवेश का अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं जो मध्यम अवधि के निवेश पर जोखिम उठाने में सक्षम होते हैं। अर्थात हम यह कह सकते हैं कि कम जोखिम का निवेश तलाश करने वाले निवेशकों के लिएइनकम फंड़ एक अच्छा विकल्प हैं। इनकम फंड के लिए व्यय अनुपात की ऊपरी सीमा 2.25% तय की गई है। अर्थात फंड़ मैनेजर द्वारा शुल्क व कमीशन के रूप में अधिकतम 2.25 फीसद राशिकी कटौती की जा सकती है। चूंकि यह फंड़ डे़ट फंड़ की श्रेणी में होते हैं इसलिये इनका रिटर्न बहुत अधिक नहीं होता। ऐसे में अगर फंड़ मैनेजर द्वारा शुल्क इत्यादि के रूप में तय दर की अधिकतम वसूली की गई तो रिटर्न प्रभावित होता है। लेकिन फिर भी जोखिम तो कम ही होता है और घाटा भी नहीं उठाना पड़ता। 

इनकम फंड में अधिकतम कितना जोखिम होता है?
डे़ब्ट फंड़ होने की वजह से इनकम फंड़ में बाजार का जोखिम और ब्याज दरों का जोखिम दोनों ही होते हैं। लेकिन फंड़ मैनेजर द्वारा अपने ग्राहकों को फिर भी बेहतर रिटर्न दिलाने का प्रयास किया जाता है। इनकम फंड का फंड मैनेजर बेहतर रिटर्न हासिल करने के लिए कम क्रेडिट क्वालिटी रेटिंग वाली प्रतिभूतियों में भी निवेश कर सकता है। इससे पोर्टफोलियो का जोखिम बढ़ता है। आमतौर पर जब ब्याज दरें नीचे की ओर होती हैं तो इनकम फंड का रिटर्न सात से नौ फीसद के दायरे में हो सकता है लेकिन जब सब कुछ सामान्य होता है तो दस से बारह फीसद का रिटर्न हासिल करना आसान होता है। 

लंबी अवधि का निवेश फायदेमंद कैसे होगा?
इनकम फंड ऐसे लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है जो लंबी अवधि का निवेश करना चाहते हैं। इस तरह के फंड़ को डेब्ट सिक्योरिटीज में निवेश करके निवेशक की आय को बढ़ाने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जब ब्याज दरें नीचे की तरफ जा रही हों तब इस तरह के फंड़ में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर ब्याज दरें ऊपर की ओर हों और आप फायदे में हों तो आपके लिए इस निवेश से बाहर निकलना बेहतर हो सकता है। वैसे आपका फंड़ मैनेजर इन सारी बातों का ध्यान खुद रखता है और समय–समय पर आपकी राय भी जानने की कोशिश करता है। 

इनकम फंड़ पर कितना टैक्स मिलता है?
इनकम फंड़ पर पूंजीगत लाभ कर लगाया जाता है। यह टैक्स होल्डिंग अवधि के अनुसार लगाया जाता है यानी आप जितनी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं उसके अनुसार यह टैक्स तय किया जाता है। अगर होल्डिंग अवधि तीन साल की होगी तो आपके द्वारा अर्जित पूंजीगत लाभ को अल्पकालिक पूंजीगत लाभ या एसटीसीजी कहा जाता है। एसटीसीजी को आपकी कर योग्य आय में जोड़ा जाता है और लागू आयकर स्लैब के अनुसार कर लगाया जाता है। यदि होल्डिंग अवधि तीन वर्ष से अधिक है‚ तो आपके द्वारा अर्जित पूंजीगत लाभ को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कहा जाता है। दीर्घकालिक पूंजीगत लाभपर इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20% कर लगाया जाता है।
 

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