Childrens Day 2023 : 14 नवंबर को ही बाल दिवस क्यों मनाया जाता है

चाचा नेहरू बच्चों की शिक्षा और अधिकारों के प्रबल समर्थक थे। वह एक समावेशी शिक्षा में विश्वास करते थे | उनकी दृष्टि ने देश के भविष्य और समाज की नींव के रूप में बच्चों केके ऊपर ध्यान दिया।1955 में, उन्होंने भारत के बच्चों का प्रतिनिधित्व करने के लिए Children's Film Society India की स्थापना की।
भारत में बाल दिवस की शुरुआत कब हुई?
भारत में बाल दिवस की शुरुआत 1959 में हुई थी। यह दिन जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन, जो 14 नवंबर को होता है, को याद करते हुए चुना गया था। नेहरू जी बच्चों के प्रति अपनी विशेष मोहब्बत के लिए जाने जाते थे, और इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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बाल दिवस का महत्व क्या है?
बाल दिवस का महत्व बच्चों के हक़ों की जागरूकता और समर्थन को बढ़ाने में है। यह दिन बच्चों के अधिकारों, सुरक्षा, और विकास के महत्व को उजागर करता है। बाल दिवस के माध्यम से समाज में बच्चों के लिए उन्नत शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और समर्थन की जरूरत को जानकारी पहुंचाई जाती है।
इस दिन पर विशेष कार्यक्रम और आयोजन किए जाते हैं जो बच्चों को शिक्षित, सक्षम, और समर्थित बनाने का संकेत देते हैं। विभिन्न स्कूलों और संगठनों में बाल दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं, कविता पाठ, नाटक, और अन्य आयोजन किए जाते हैं जिनसे बच्चों का मनोरंजन होता है और उन्हें समझाया जाता है कि उनके अधिकारों का महत्व क्या है इस दिन का महत्व यह भी है कि बच्चों को समाज में सम्मान और सुरक्षा के साथ जीने का संदेश दिया जाता है। यह एक समर्थ समाज बनाने का हिस्सा है जो हर बच्चे को उनके पूर्ण पोतेंशियल तक पहुंचने में सहायता करता है।