एयरसेल कंपनी से धोखाधड़ी करने वाला आरोपित 10 साल के बाद हुआ गिरफ्तार

एयरसेल कंपनी से धोखाधड़ी करने वाला आरोपित 10 साल के बाद हुआ गिरफ्तार


एयरसेल कंपनी से धोखाधड़ी करने वाला आरोपित 10 साल के बाद हुआ गिरफ्तार 


नई दिल्ली, 08 सितंबर (हि.स.)। एयरसेल कंपनी से धोखाधड़ी कर फरार हुए एक शख्स को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 10 साल बाद गिरफ्तार किया है। आरोपित ने फर्जी दस्तावेज पर 10 सिम कार्ड लेकर रोमिंग कॉल सुविधा में इनका बिल 1.76 करोड़ रुपये पहुंचा दिया था। इसके बाद से वह फरार चल रहा था। कोर्ट ने इस मामले में उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था।

ईओडब्ल्यू के अतिरिक्त आयुक्त आरके सिंह ने बुधवार को बताया कि जनवरी 2010 में टेलीकॉम कंपनी एयरसेल की तरफ से एक शिकायत ईओडब्ल्यू को दी गई थी। उन्होंने बताया कि दीपक रावत ने फर्जी दस्तावेजों पर उनसे 10 सिम कार्ड लिए थे।

इनका इस्तेमाल उसने अंतरराष्ट्रीय रोमिंग कॉल के लिए किया, जिसका बिल लगभग 1.76 करोड़ रुपए था। जांच के दौरान पता चला कि यह सभी सिम कार्ड दीपक रावत के नाम पर दिए गए थे। उसने कंपनी से इंटरनेशनल रोमिंग सुविधा की मांग की थी।

कुछ समय बाद उन्हें नेपाल टेलीकॉम से पता चला कि कोई शख्स इंटरनेशनल रोमिंग फैसिलिटी नेपाल में बड़ी मात्रा में इस्तेमाल कर रहा है। जांच में पता चला कि यह कॉल नेपाल से यूएसए और मालदीव में की जा रही हैं। जांच के दौरान दीपक रावत के बारे में कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था क्योंकि उसने सभी दस्तावेज फर्जी जमा कराए थे।

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि इस शख्स का नाम दीपक रावत नहीं बल्कि चित्रेश है। उसने दीपक रावत बनकर एयरसेल कंपनी के साथ फर्जीवाड़ा किया है। इस मामले में साकेत जिला अदालत के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मनीष खुराना की कोर्ट ने उसे अक्टूबर 2017 में भगोड़ा घोषित कर दिया था।

पुलिस टीम को हाल ही में पता चला कि वह जैतपुर इलाके में मौजूद है। इस जानकारी पर पुलिस टीम ने छापा मारकर वहां से उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे कोर्ट के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे दो दिन की रिमांड पर लिया गया है। आरोपित चित्रेश 12वीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है। उसके खिलाफ ईओडब्ल्यू के अलावा सरिता विहार थाने में भी ठगी का एक मामला दर्ज है। पुलिस फिलहाल पूरे फर्जीवाड़े को लेकर उससे पूछताछ कर रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी

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