..इस वजह से शबनम के प्रेमी सलीम ने कहा- मुझे अभी नहीं होगी फांसी

..इस वजह से शबनम के प्रेमी सलीम ने कहा- मुझे अभी नहीं होगी फांसी

देश में साल 2008 में 14-15 अप्रैल को एक ऐसी घटना हुई थी जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। यह घटना यूपी के अमरोहा जिले के हसनपुर थाना इलाके के बावनखेड़ी गांव में हुई थी। जो फिर से पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। 12 साल पहले 14-15 अप्रैल को बावनखेड़ी में शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने माता-पिता सहित परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया था। इस वारदात को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने शबनम और सलीम को फांसी की सजा सुनाई। शबनम को अब मथुरा जेल में फांसी देने की खबरें हैं, हालांकि अभी शबनम की फांसी की तारीख तय नहीं हुई है। वहीं शबनम का प्रेमी सलीम फांसी की सजा सुनाए जाने पर भी बेफिक्र है। उसका कहना है कि साहब ! काहे परेशान हो रहे हो, इतनी जल्दी मुझे फांसी-वासी नहीं होगी, यहां ऐसे ही थोड़े फांसी लग जाती है। इतने विकल्प खुले हैं कि हमको फांसी लगते-लगते अभी सालों बीत जाएंगे।

शायरी भी लिखता है सलीम

दरअसल, नवंबर में सलीम को उसकी दया याचिका पर साइन कराने के लिए नैनी जेल से हाई सिक्योरिटी से कार्यालय लाया गया था। जहां पर जेल के एक अधिकारी ने सलीम से कहा कि अब तो तुम्हारी फांसी होकर ही रहेगी। जिसके जवाब में सलीम ने कहा था- मुझे इतनी जल्दी फांसी-वासी नहीं होने वाली। यहां इतनी जल्दी फांसी नहीं होती। हमारे पास अभी बहुत से विकल्प हैं। सालों बीत जाएंगे फांसी लगते-लगते। हालांकि जब उसे पता चला कि उसकी प्रेमिका शबनम की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है तो वह काफी बेचैन हो उठा था, लेकिन जैसे ही उसकी फांसी की तारीख एक बार फिर से आगे बढ़ी तो वह फिर अपने पुराने तरीके से रहने लगा और शायरी लिखने लगा।

जेल में सलीम का है अच्छा व्यवहार

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सलीम न तो पहले कोई पश्चाताप था न ही आज है। हालांकि जेल में उसका व्यवहार सबसे बहुत अच्छा रहता है उसकी वजह से किसी को कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ती। वह पांच वक्त का नमाजी है। सलीम शबनम को जरूर याद करता रहता है। सलीम को सबसे पहले बरेली जेल में बंद किया गया था, लेकिन यहां फांसी की सुविधा न होने पर उसे 27 सितंबर 2028 को प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया। सलीम एक प्रशिक्षित कारीगर है। उसने जेल में ही लकड़ी के काम की ट्रेनिंग ली। जेल में उसने लकड़ी के बेहतरीन फर्नीचर बनाए हैं।

बता दें, सलीम और शबनम एक-दूसरे से प्यार करते थे और शादी करना चाहते थे, लेकिन शबनम के घर वाले इसके सख्त खिलाफ थे। प्यार और शादी में बाधा बनते देख शबनम ने परिवार को अपने रास्ते से हटाने की साजिश रची थी। पहले शबनम ने परिवार के सातों सदस्यों को से पहले चाय में नशे की गोलियां डालकर उन्हें सुला दिया था फिर सलीम ने अपनी प्रेमिका शबनम के कहने पर इसके परिवार के सात सदस्यों को कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला था। सलीम ये सारी बातें आज भी जेल में अपने साथी कैदियों को सुनाता है।

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