श्याम बहार गुटखा कम्पनी के मालिक का फर्जीवाड़ा करोड़ों की सम्पत्ति के लालच में विधवा बहू की हत्या की साज़िश रचने का आरोप

श्याम बहार गुटखा कम्पनी के मालिक का फर्जीवाड़ा करोड़ों की सम्पत्ति के लालच में विधवा बहू की हत्या की साज़िश रचने का आरोप
फर्जी रजिस्ट्री व फर्जी वसीयतनामा बनाकर सम्पत्ति हड़पने की कोशिश, उपजिलाधिकारी की जांच मे मामला उजागर, एफ़.आई.आर. दर्ज पीड़िता का एक मकान भी तोड़ा, अलीगंज पुलिस नहीं दर्ज कर रही मुकदमा लखनऊ। शहर के प्रतिष्ठित गुटखा कम्पनी के मालिक द्वारा निबन्धन कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से अपनी सगी विधवा बहू की संम्पत्ति, फर्जी वसीयत व बयनामा तैयार हड़पने का मामला प्रकाश में आया है। विधवा बहू की शिकायत पर करोड़ों के इस फर्जीवाड़े की जांच, आई.जी. स्टाम्प द्वारा करायी गयी तो पूरा फर्जीवाड़ा खुल गया। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर मामले में एक एफ़आई.आर. वजीरगंज थाने में दर्ज हो चुकी है तो दूसरी दर्ज होने के अंतिम चरण में है। अपने खिलाफ तय कार्यवाई से बौखलाए गुटखा कम्पनी के मालिक द्वारा पीड़िता को जान से मारने की धमकी मिल रही है। ज्ञात हो कि कुण्डरी रकाबगंज निवासी मीनाक्षी मिश्रा के पति संजीव मिश्रा की मृत्यु 11 फरवरी 2014 में हो चुकी थी, मीनाक्षी मिश्रा ने बताया कि उनके ससुर शहर के प्रतिष्ठित गुटखा कम्पनी श्याम बहार के मालिक हैं, उसके पति की मौत के बाद उनके ससुराल वालों का बर्ताव एकदम से बदल गया। मीनाक्षी ने बताया कि हद तो तब हो गयी जब उन्हें पता चला कि उनके ससुर सुबोध मिश्रा, सास मालती मिश्रा व देवर राहुल मिश्रा द्वारा दबंगों, भू-माफियाओं एवं निबन्धन कार्यालय लखनऊ के अधिकारियों की मिलीभगत से उनकी सम्पत्ति हथियाने के लिए उसके पति की फर्जी रजिस्टर्ड वसीयतनामा तैयार करके निबन्धन कार्यालय के अभिलेखों में स्थापित करवाकर करोड़ों रूपये की सम्पत्ति को उन्हें बिना बताए ही बेच दिया। इस फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद उपजिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) द्वारा जांच की गयी। जांच में वसीयतनामा पूरी तरह फर्जी पाया, लेकिन तब तक उसके ससुर ने इसी फर्जी वसीयत के आधार पर उसकी तीन सम्पत्तियां बेच दीं। इस मामले में जांचकर्ता ने जांच में पाया कि दिनांक 26.02.1999 को बही संख्या-3, खण्ड संख्या-45, पृष्ठ संख्या-91/98 पर क्रमांक-67 दर्ज वसीयत फर्जी व कूटरचित है। रजिस्ट्रार कार्यालय में मौजूद राम गोपाल विश्वकर्मा नाम की असली वसीयत को गायब करके उसके स्थान पर उसके पति की फर्जी वसीयत स्थापित की गई। जांचकर्ता ने उसे निरस्त करने एफ.आई.आर. लिखे जाने के आदेश दिए, जिस पर थाना वजीरगंज में मु0अ0स0 401/2016 दिनंाक 27 जून 2016 धारा-406, 420, 467, 468, 471 आई.पी.सी. के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इतना ही नहीं उसके अलीगंज स्थित बी-57 के मकान की फर्जी रजिस्ट्री भी इसी प्रकार से कूट रचना करके बनाई गई और रजिस्ट्रार कार्यालय में मौजूद वरूण भटनागर नाम की असली रजिस्ट्री को गायब करके उसके स्थान पर यह फर्जी रजिस्ट्री स्थापित की गई। इसी फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर उसका मकान किसी और को बेच दिया गया। अब दबंगई के दम पर मकान को तोडकर मैदान बना दिया गया है, गुहार लगाने के बाद भी अलीगंज पुलिस द्वारा दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। इस फर्जी रजिस्ट्री की जांच में भी अधिकरियों ने एफ.आई.आर. दर्ज करने के आदेश दिए हैं। पूरे मामले में पीड़िता ने मुख्यमंत्री, राज्यपाल समेत उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता

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