महाराष्ट्र में बाघिन ने महिला वन रक्षक को मार डाला (लीड-1)

चंद्रपुर (महाराष्ट्र), 20 नवंबर (आईएएनएस)। यहां ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व (टीएटीआर) में शनिवार सुबह एक दुखद खबर सामने आई है। टीएटीआर में एक महिला वन रक्षक को एक बाघिन ने मार डाला। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
महाराष्ट्र में बाघिन ने महिला वन रक्षक को मार डाला (लीड-1)
महाराष्ट्र में बाघिन ने महिला वन रक्षक को मार डाला (लीड-1) चंद्रपुर (महाराष्ट्र), 20 नवंबर (आईएएनएस)। यहां ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व (टीएटीआर) में शनिवार सुबह एक दुखद खबर सामने आई है। टीएटीआर में एक महिला वन रक्षक को एक बाघिन ने मार डाला। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

टीएटीआर के मुख्य वन संरक्षक डॉ जितेंद्र रामगांवकर ने कहा कि यह घटना तब घटी जब महिला अधिकारी - स्वाति डुमाने - टीएटीआर के कोलारा वन रेंज के तीन अन्य बीट सहयोगियों के साथ, आसपास के क्षेत्र में बाघों की गिनती कर रही थी।

उन्होंने कहा कि सुबह 7 बजे के आसपास, डुमाने और उनके तीन बीट हेल्पर्स ने अखिल भारतीय बाघ अनुमान-2022 अभ्यास के हिस्से के रूप में एक संकेत सर्वेक्षण शुरू किया था, जो वर्तमान में चल रहा है।

टीएटीआर कोर क्षेत्र के अंदर कोलारा गेट से कम्पार्टमेंट नंबर 97 तक लगभग 4 किमी की दूरी तय करने के बाद, टीम ने एक बाघिन को उनके आगे के रास्ते पर, मुश्किल से 200 मीटर दूर बैठे देखा।

रामगांवकर ने कहा कि उन्होंने बाघिन के हिलने-डुलने का लगभग आधे घंटे तक इंतजार किया, लेकिन बाद में जंगल के घने हिस्से से होकर जाने का फैसला किया।

इंसानों की हरकतों को देखते हुए, बाघिन ने उनका पीछा किया और डुमाने पर पीछे से हमला किया, क्योंकि वह तीन बीट हेल्पर्स के ठीक पीछे चल रही थी।

जब आगे की तिकड़ी को एहसास हुआ कि क्या हो रहा है, तब भी बाघिन ने डुमाने को बुरी तरह से घसीट कर जंगल के अंदर खींच लिया।

बीट हेल्पर्स ने जंगल के बाहर सीनियर्स को सूचित किया, जो मौके पर पहुंचे और डुमाने के शव को घने जंगल से बाहर निकालने में कामयाब रहे, जहां उसे बाघिन ने छोड़ दिया था।

रामगांवकर ने कहा, चिमूर के सरकारी अस्पताल में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। एआईटीई-2022 साइन सर्वे और पैदल चलने की कवायद को टीएटीआर में अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है और ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सावधानी बरती जा रही है।

महाराष्ट्र वनरक्षक-वनपाल एसोसिएशन, चंद्रपुर के अध्यक्ष प्रदीप कोडपे ने आईएएनएस को बताया डुमाने पास के गढ़चिरौली जिले की रहने वाली थी और उनके परिवार में उनके पति और एक 4 साल की बेटी है। वह 2011 में वन विभाग की सेवा में शामिल हुई थीं। टीएटीआर फाउंडेशन ने उनके परिवार के लिए 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि जारी की है।

वन विभाग शोक संतप्त परिवार को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है।

--आईएएनएस

एचके/एएनएम

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