यूनेस्को द्वारा भारतीय विश्व धरोहर का हिंदी विवरण गर्व की बात : केंद्रीय शिक्षा मंत्री

नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। यूनेस्को भारत स्थित विश्व धरोहर स्थलों के हिंदी विवरण को अपने वल्र्ड हेरिटेज सेंटर वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा। विश्व हिंदी दिवस पर यूनेस्को द्वारा यह निर्णय लिया गया है। यूनेस्को के इस कदम से वैश्विक मंच पर भारतीय भाषाओं की लोकप्रियता और प्रोत्साहन मिलेगा।
यूनेस्को द्वारा भारतीय विश्व धरोहर का हिंदी विवरण गर्व की बात : केंद्रीय शिक्षा मंत्री
यूनेस्को द्वारा भारतीय विश्व धरोहर का हिंदी विवरण गर्व की बात : केंद्रीय शिक्षा मंत्री नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। यूनेस्को भारत स्थित विश्व धरोहर स्थलों के हिंदी विवरण को अपने वल्र्ड हेरिटेज सेंटर वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा। विश्व हिंदी दिवस पर यूनेस्को द्वारा यह निर्णय लिया गया है। यूनेस्को के इस कदम से वैश्विक मंच पर भारतीय भाषाओं की लोकप्रियता और प्रोत्साहन मिलेगा।

यूनेस्को के इस निर्णय का केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्वागत किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्व हिंदी दिवस पर यूनेस्को द्वारा भारत के विश्व धरोहर स्थलों के हिंदी विवरण को अपने वल्र्ड हेरिटेज सेंटर वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्णय हर भारतीय और हिन्दी प्रेमी के लिए गर्व की बात है। यह वैश्विक मंच पर भारतीय भाषाओं की लोकप्रियता स्वागतयोग्य और प्रोत्साहित करने वाला है।

गौरतलब है कि विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर यूनेस्क वल्र्ड हेरिटेज सेंटर के निदेशक ने सूचित किया है कि यूनेस्को का वल्र्ड हेरिटेज सेंटर भारत स्थित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के हिंदी विवरण को वेबसाइट पर प्रकाशित करने के लिए सहमत हो गया है।

पेरिस में भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल ने 10 जनवरी, 2022 को विश्व हिंदी दिवस के आभासी उत्सव का आयोजन किया।

दरअसल शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि उभरते हुए नई विश्व व्यवस्था में भारत की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक वैभव तब ही सुनिश्चित होगा, जब हम अपनी मूल भाषाओं-मातृभाषा को सर्वोपरि रखेंगे।

मंत्रालय द्वारा राष्ट्र निर्माण के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषागत बाधाओं को दूर करने व मातृभाषा में पढ़ने पर विशेष बल दिया जा रहा है।

इसके तहत सुदूर प्रदेशों के छात्रों और शिक्षकों को भी हिंदी सिखाई जाएगी। मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम जैसे राज्यों केंद्रीय हिंदी संस्थान शुरू किया जा रहा है। यह संस्थान हिंदी के शिक्षकों और भाषा में सीखने और शोध करने के इच्छुक मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों लोगों के लिए काम करेगा। यह नई शिक्षा नीति के तहत की गई एक नई शुरूआत है।

गौरतलब है कि एनईपी की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक यह है कि एनईपी-2020 में प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने पर जोर दिया गया है। अब सरकार निर्धारित समय सीमा के भीतर इस लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास कर रही है।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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