वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन का दौर, इंजीनियरिंग संस्थानों में ईवी टेक्नोलॉजी पढ़ाने पर जोर

नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)। भारत में सार्वजनिक व निजी परिवहन प्रणाली में एक नया बदलाव शुरू हो गया है। यह बदलाव वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन का दौर लेकर आया है। ऊर्जा के इस नए स्रोत को व्यवहारिक बनाने में प्रशिक्षित कार्य बल और उन्नत टेक्नोलॉजी से लैस इंजीनियर्स की बड़ी भूमिका है।
वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन का दौर, इंजीनियरिंग संस्थानों में ईवी टेक्नोलॉजी पढ़ाने पर जोर
वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन का दौर, इंजीनियरिंग संस्थानों में ईवी टेक्नोलॉजी पढ़ाने पर जोर नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)। भारत में सार्वजनिक व निजी परिवहन प्रणाली में एक नया बदलाव शुरू हो गया है। यह बदलाव वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन का दौर लेकर आया है। ऊर्जा के इस नए स्रोत को व्यवहारिक बनाने में प्रशिक्षित कार्य बल और उन्नत टेक्नोलॉजी से लैस इंजीनियर्स की बड़ी भूमिका है।

इलेक्ट्रिक वाहनों की इस नई प्रौद्योगिकी की मांग ने भारत और पूरी दुनिया में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर के नए द्वार भी खोले हैं। भविष्य की इन्हीं मांगों को देखते हुए अब देश भर के आईआईटी व अन्य शिक्षण संस्थान इलेक्ट्रिक वाहन से जुड़े एडवांस पाठ्यक्रम विकसित कर रहे हैं।

इन जरूरतों को पूरा करने के लिए आईआईटी दिल्ली, ईवी प्रौद्योगिकी में एडवांस प्रोग्राम लेकर आया है। आईआईटी-दिल्ली के मुताबिक, इसके अंतर्गत छात्र आईआईटी-दिल्ली में ई-मोबिलिटी में उद्योग-प्रासंगिक कौशल-सेट में अपस्किलिंग करके ईवी क्रांति का हिस्सा बन सकते हैं। आईआईटी दिल्ली का यह एडवांस कार्यक्रम केवल 6 महीने की अवधि में पूरा किया जा सकता है। आईआईटी में यह बैच 7 अगस्त से शुरू होगा।

आईआईटी-दिल्ली के एडवांस कार्यक्रम में इलेक्ट्रिक वाहन की मूल योजना, वाहन की गतिशीलता और ड्राइव चक्र की अवधारणा जैसे विषय छात्रों को सिखाए जाएंगे। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहन और इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी ट्रेंड की रेंज, ईवी के लिए चार्जर उसके स्तर स्तर और मानक, चार्जर के प्रकार और भारतीय मानक बैटरी प्रबंधन प्रणाली के विषय में छात्रों को जानकारी दी जाएगी।

आईआईटी-दिल्ली के इस एडवांस प्रोग्राम में ई-वाहन चार्जिग के विभिन्न पहलू, ई-वाहन गतिशीलता में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के चार्जर के बारे में जाना जा सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां छात्र उद्योग प्रासंगिक विषय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में उद्योग 4.0 की अवधारणाएं सीखेंगे।

इसके साथ साथ इलेक्ट्रिक ट्रांसर्पोटेशन अब बतौर 2 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम के अंतर्गत भी आईआईटी में छात्रो को पढ़ाया जाएगा। आईआईटी मंडी इलेक्ट्रिक ट्रांसर्पोटेशन में मास्टर प्रोग्राम यानी एमटेक शुरू कर रहा है।

इलेक्ट्रिक ट्रांसर्पोटेशन में मास्टर प्रोग्राम की अवधि दो वर्ष है। इस कोर्स का पहला बैच भी अगस्त 2022 से शुरू होगा। इसका संचालन आईआईटी-मंडी के स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (एससीईई) और स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग (एसई) मिल कर करेंगे।

प्रोग्राम की अहमियत बताते हुए आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के अध्यक्ष डॉ. समर और प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ. नरसा रेड्डी तुम्मुरु ने कहा, इलेक्ट्रिक ट्रांसर्पोटेशन में एम.टेक इलेक्ट्रिक परिवहन उद्योग में कुशल कर्मियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत सरकार की पहल को ध्यान में रख कर डिजाइन किया गया है। इसका लाभ नए और मौजूदा दोनों उद्यमियों को मिलेगा।

उधर ईवी वाहनों की चार्जिग सर्व सुलभ बनाने के उद्देश्य से दिल्ली में सभी सुविधाओं से लैस देश के पहले सात ईवी चार्जिग स्टेशन हाल ही में शुरू किए गए हैं। यहां स्लो चार्जिग पर तीन रुपये और फास्ट चार्जिग पर 10 रुपये प्रति यूनिट शुल्क लिया जाएगा। गौरतलब है कि दिल्ली में पहले से ही दो हजार चार्जिग प्वाइंट्स चालू हैं।

दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के आंकड़े बताते हैं कि दिल्लीवालों ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अपनाना शुरू कर दिया है। दिल्ली बड़ी तेजी से देश की ईवी कैपिटल भी बन रही है। अब इस क्षेत्र में लोगों की सहूलियत के लिए एक एप भी बनाया गया है। इसकी मदद से लोगों को अपने आसपास स्थित चार्जिग स्टेशन को तलाशने में मदद मिलेगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, पिछले दो साल में दिल्ली में करीब 60,846 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जा चुके हैं। 2020 में जब ईवी पॉलिसी बनाई थी, तब यह उम्मीद नहीं थी कि इतना जबरदस्त रिस्पॉस मिलेगा। पिछले साल 25,809 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे गए थे, जबकि इस साल बीते सात महीने में ही 29,848 ईवी खरीदे जा चुके हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 115 फीसद की वृद्धि हुई है।

दिल्ली सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 2022 में दिल्ली में जितने वाहन खरीदे गए हैं, उनमें 9.3 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन थे। इसमें सबसे ज्यादा दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जा रहे हैं।

पिछले साल के मुकाबले इस साल दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में 57 फीसद की वृद्धि हुई है। दिल्ली में करीब 150 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें भी खरीदी जा चुकी हैं। अगले हफ्ते 75 इलेक्ट्रिक बसें और आ रही हैं। इसके अलावा, 2023 के अंत के दो हजार और इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली में आ जाएंगी।

इलेक्ट्रिक वाहनों को और अधिक बढ़ावा देने के लिए दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसी) 10 अगस्त को दिल्ली ईवी फोरम की मेजबानी भी करेगा। यह दिल्ली की ईवी पॉलिसी के प्रभावी और सहयोगी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सरकारी एजेंसियों, उद्योग प्रतिनिधियों, स्टार्ट-अप, शिक्षाविदों, थिंक टैंक, आरडब्ल्यूए समेत दिल्ली भर में ईवी इको सिस्टम में 200 से अधिक हितधारकों को एक साथ लाने की एक अनूठी पहल है।

--आईएएनएस

जीसीबी/एसजीके

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