असम नंदिनी लोकमित्र शिविर की शुभ मंगल हो गाकर की गई शुरुआत

उद्घाटन भाषण में प्रो अमिया राजवंशी ने कहा कि नंदिनी का अर्थ होता है, जीवन में आनंदित करना,आनंदित रहना, आनंद में जीना और आनंद बिखेरना ही है। बहनें सबला की ही प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसा कौन सा काम है जो बहनें नहीं कर सकती हैं।समाज में बहनों की शक्ति को। जगाने का सुंदर काम देश में किया जा रहा है।
उन्होंने असम की बहनों द्वारा किए गए कामों की भी चर्चा की। कस्तूरबा गांधी स्मारक ट्रस्ट की प्रतिनिधि शरणीया आश्रम की कुसुम मोकासी दीदी ने बताया कि यह अदभुत स्थान सन 1955 से कल्याण का कार्य कर रहा है। बाबा के आशीर्वाद से यह स्थान पवित्र बन गया है। विनोबा विचार प्रवाह के सूत्रधार रमेश भइया ने बताया कि यह चौदहवां शिविर जिस स्थान पर आयोजित हो रहा है उसका नामकरण बाबा विनोबा ने किया है।
यही बात महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई की धारा बदलने की जरूरत है।पढ़ने के बाद केवल नौकरी नहीं काम के लिए भी सोचें। उन्होंने कहा कि आज युवक युवती सभी एक्सीलेटर अर्थात गति को ही बढ़ाना चाहते हैं।स्टीयरिंग की पर्याप्त आवश्यकता को नहीं।समझ रहे हैं।उसके अभाव में जो नुकसान होना है।वह हो रहा है। आबिदा बहन ने शिविर।की बहनों को शिविर की उपयोगिता बताई।संजय राय ने मंगल प्रभात पढ़ने का निवेदन किया। अंत में चंपा बहन ने आभार व्यक्त किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में बिहू नृत्य हुआ।