हिंदी रॉ: कन्नड़ फिल्म के साथ साथ किच्चा सुदीप के लिए समर्थन में राजनेता

बेंगलुरु, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। हिंदी विवाद पर कन्नड़ अभिनेता किच्चा सुदीप का राजनीतिक नेताओं ने समर्थन किया है।
हिंदी रॉ: कन्नड़ फिल्म के साथ साथ किच्चा सुदीप के लिए समर्थन में राजनेता
हिंदी रॉ: कन्नड़ फिल्म के साथ साथ किच्चा सुदीप के लिए समर्थन में राजनेता बेंगलुरु, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। हिंदी विवाद पर कन्नड़ अभिनेता किच्चा सुदीप का राजनीतिक नेताओं ने समर्थन किया है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने गुरुवार को कहा कि वह किच्चा सुदीप के बयान से सहमत हैं। मातृभाषा के बारे में हमारा रुख स्पष्ट है। इस मुद्दे को भाषा के आधार पर राज्यों के गठन के समय संबोधित किया गया है। क्षेत्रीय भाषाएं सर्वोच्च हैं। सभी को इसे स्वीकार करना चाहिए और इसका सम्मान करना चाहिए, किच्चा सुदीप ने भी यही कहा है।

विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने अजय देवगन को टैग करते हुए कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा कभी नहीं थी और कभी नहीं होगी। हमारे देश की भाषाई विविधता का सम्मान करना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। प्रत्येक भाषा का अपना समृद्ध इतिहास है, जिस पर लोगों को गर्व है। मुझे कन्नड़ होने पर गर्व है।

पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि कन्नड़, तेलुगु, तमिल, मलयालम और मराठी जैसी राष्ट्र की भाषाओं में से हिंदी भी एक है। भारत कई भाषाओं का बगीचा है। विविधता को बिगाड़ने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।

वहीं कुमारस्वामी ने कहा कि हिंदी, हालांकि अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है, सभी भारतीयों की भाषा नहीं है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक, 9 से कम राज्यों में हिंदी दूसरी या तीसरी भाषा है। इस पृष्ठभूमि में, अजय देवगन के बयान कहां तक मान्य हैं?

उन्होंने कहा कि अजय देवगन ने भाजपा और उसके हिंदी राष्ट्रवाद के मुखपत्र की तरह बात की है।

अभिनेता और कार्यकर्ता चेतन अहिंसा ने अजय देवगन को उनके बयानों के लिए फटकार लगाते हुए कहा कि श्री पान मसाला अजय देवगन, आपके लिए बात करने के बजाय चुप रहना बेहतर है। अपने अहंकार और अज्ञानता को देखें। हिंदी कभी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं थी और न ही होगी।

कन्नड़ नायक सतीश नीनासम ने देवगन को संबोधित करते हुए लिखा कि कर्नाटक में हिंदी फिल्मों ने सालों से पैसा कमाया है। कन्नड़ फिल्मों ने हिंदी क्षेत्र में अपना पैर जमाया है। हमारा सम्मान करें जैसे हमने आपका सम्मान किया है। हिंदी कभी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं थी, किच्छा सुदीप सर हम आपका समर्थन करते हैं।

--आईएएनएस

एमएसबी/एएनएम

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