Bollywood के कामयाब 'उम्रदराज' Stars
 

Bollywood Actors Who Did Not Let Age Become Their Weakness And Became Superstars
 
Bollywood Actors Who Did Not Let Age Become Their Weakness And Became Superstars
क्या कामयाबी की उम्र होती है? क्या लगता है आपको? भई आपका जवाब कुछ भी हो, लेकिन अगर मैं इसका जवाब दूं तो मुझे ऐसा लगता है कि कामयाबी की कोई उम्र नहीं होती... कामयाबी हासिल करने के लिए कोई Deadline या end date नहीं होती... कामयाबी इंसान की कोशिशों, मुश्किलों का सामना करने के caliber, Continuity, Loyalty और Time के साथ आती है... अगर आपको यकीन नहीं होता तो चलिए मैं आपको बॉलीवुड के कुछ ऐसे सितारों के बारे में बताती हूं जिन्होंने कामयाबी अपनी जवानी में नहीं, बल्कि उम्र के उस पड़ाव में पाई जब दूसरों के करियर खत्म हो रहे होते हैं... 

इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आता है पीयूष मिश्रा का... पीयूष मिश्रा में टैलेंट कूट-कूट कर भरा हुआ है... उनकी एक्टिंग तो कमाल है ही, इसके अलावा वो राईटर, सिंगर और म्यूजिशियन के तौर पर भी काफ़ी मशहूर हैं... मगर इतने टैलेंडट होने के बाद भी उन्हें कामयाबी मिलने मे बहुत वक़्त लगा... उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1988 में टीवी सीरियल भारत एक खोज से शुरुआत की थी... मगर उन्हें काफ़ी टाइम तक पहचान नहीं मिली... साल 2009 में गुलाल फ़िल्म में उनके काम को सराहा गया और 2012 में आई गैंग्स ऑफ़ वासेपुर ने उन्हें काफ़ी पॉपुलरटी दिलाई... आपको जानकर हैरानी होगी कि गैग्स ऑफ़ वासेपुर के दौरान उनकी उम्र 50 के क़रीब थी...

कुमुद मिश्रा भी इस लिस्ट में आते हैं... कुमुद थियेटर आर्टिस्ट रहे हैं... उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर की शरुआत 1996 में श्याम बेनेगल की फ़िल्म सरदारी बेग़म से की थी... इस फ़िल्म में ओम पुरी और किरन खेर जैसे दिग्गज कलाकारों के होने के चलते उन्हें ज़्यादा पहचान नहीं मिल पायी... इस बीच उनको फ़िल्में मिलना बंद हो गयीं... लेकिन लम्बे अंतराल के बाद उन्हें असली पहचान साल 2011 में आई रणबीर कपूर की फ़िल्म रॉकस्टार में ख़टाना भाई के किरदार से मिली... इस फ़िल्म के उस किरदार ने कुमुद की किस्मत ही बदल दी... आज कुमुद बॉलीवुड की हर बड़ी फ़िल्म में दिखाई देते हैं... 

बॉलीवुड के लीजेंडरी विलेन अमरीश पुरी भी ऐसे एक्टर हैं जो काफी उम्र के बाद अपनी पहचान बना पाए थे... अमरीश पुरी राज्य बीमा निगम में नौकरी किया करते थे... वो शुरुआत से थियेटर से जुड़े थे, मगर बॉलीवुड में काम नहीं किया... साल 1970 में देवानंद और वहीदा रहमान की फ़िल्‍म प्रेम पुजारी में उन्होंने पहली बार काम किया, तब उनकी उम्र 40 साल से ज़्यादा थी... उसके बाद 1971 में आई फिल्म रेशमा और शेरा और दूसरी फ़िल्मों में उन्होंने काम किया... यहां तक कि 1984 में हॉलीवुड के मशहूर निर्देशक स्‍टीवन स्पीलबर्ग की फ़िल्म इंडियाना जोंस में जबरदस्‍त भूमिका निभाई... मगर 1987 में शेखर कपूर की फ़िल्म मिस्टर इंडिया में उनके किरदार मोगैंबो से बॉलीवुड के सबसे बड़े विलन बन गए...

इस लिस्ट में अगला नाम आता है रोनित रॉय का... रोनित रॉय की पहली फ़िल्म ‘जान तेरे नाम’ साल 1999 में रिलीज़ हुई थी... फ़िल्म सुपरहिट थी, लेकिन फिर भी रोनित रॉय वो स्टारडम न पा सके, जिसकी उन्हें ज़रूरत थी... उन्हें काफ़ी साल कोई काम नहीं मिला... फ़िल्मी दुनिया में काम न मिलने के बाद रोनित रॉय ने 2000 में टीवी की ओर रुख़ किया... टेलीविज़न ने घर-घर पहचान दी और छोटे पर्दे का लोकप्रिय स्टार बना दिया... मगर बॉलीवुड में उन्हें सफ़लता साल 2010 में उड़ान फिल्म से मिली... उस वक़्त उनकी उम्र 40 साल से ज़्यादा थी... उसके बाद वो लगातार फ़िल्मों में नज़र आ रहे हैं...

नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी को भी बॉलीवुड में अपनी पक्की जगह बनाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था... उन्होंने बरसों बॉलीवुड में काम करने के लिए स्ट्रगल किया है... वो कभी साल 1999 में आई आमिर खान की फ़िल्म ‘सरफ़रोश’ में नज़र आए थे... इसमें भी उनका महज़ मिनट भर का ही रोल था... उसके बाद वो ऐसे ही न नज़र आने वाले रोल ही कर पाए... मगर साल 2012 में आई गैंग्स ऑफ़ वासेपुर ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया... हालांकि, उस वक़्त वो क़रीब 38 साल के हो चुके थे...

अब बात कर लेते हैं पंकज त्रिपाठी की... रन, अपहरण, ओमकारा और रावण जैसी फ़िल्मों में कैमियो करने के बाद, अनुराग कश्यप की गैंग्स ऑफ़ वासेपुर ने पंकज त्रिपाठी को भी एक बड़ी पहचान दिलाई... सुल्तान के रोल में उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया... फ़िल्म रिलीज़ के वक़्त उनकी उम्र भी क़रीब 36 साल की थी... और फिर मिर्जापुर वेब सीरीज के बाद तो उन्हें कालीन भइया के नाम से बच्चा-बच्चा जानता है...

बोमन ईरानी ने भी तरक्की हासिल करने के लिए एक लंबा इंतजार किया... उन्होंने फ़िल्मों में काफ़ी लेट एंट्री की और आते ही छा भी गए... उन्होंने राजू हिरानी की मुन्ना भाई एमबीबीएस के साथ 44 साल की उम्र में बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की और तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा... मैं हू न से लेकर थ्री इडियट्स तक वो हर रोल में कमाल करते हैं... आज वो लोगों के मोस्ट फ़ेवरेट एक्टर्स में से एक हैं...

खैर, इस लिस्ट में आखरी नाम संजय मिश्रा का... संजय मिश्रा काफ़ी वक़्त से बॉलीवुड में छोटे-मोटे रोल करते आ रहे हैं... उन्हें हर रोल में पसंद भी किया गया... मगर वो कोई बड़ा नाम नहीं बन पाए... हालांकि, ऑल द बेस्ट में उनकी कॉमेडी ने उन्हें काफ़ी पॉपुलर बना दिया... इससे पहले धमाल में भी उनका क़िरदार काफ़ी पसंद किया गया था... हालांकि, ये सभी फ़िल्में तब आईं, जब संजय की उम्र 40 साल से ज़्यादा हो चुकी थी... फ़िल्म आंखों देखी ने तो संजय को काफ़ी बड़ा एक्टर बना दिया... अब वो हर फ़िल्म की जान नज़र आते हैं

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