bollywood latest hindi news : आधी रोटी खाकर Bollywood के Legend बने दो दोस्तों की कहानी
मनोज बाजपेयी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में टैलेंट के पावर हाउस हैं
आज की डेट में मनोज बाजपेयी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में टैलेंट के पावर हाउस हैं. अपने तीन दशक के करियर में उन्होंने तमाम शानदार फिल्में की हैं और अपनी ज़बरदस्त अदाकारी से हर किसी का दिल जीता है. मनोज बाजपेयी का डंका बॉलीवुड से लेकर ओटीटी पर खूब बजता है. उनकी अदाकारी का पैमाना आप इस बात से ही माप सकते हैं कि उन्हें एक नहीं बल्कि दो-दो नेशनल अवार्ड्स मिल चुके हैं.
ये तो रही मनोज बाजपेई की बात, अब चलिए बात कर लेते हैं अनुभव सिन्हा की. अनुभव सिन्हा ने अलग अलग समय पर अपनी अलग अलग फिल्मों के जधरिये ऑडियंस का ध्यान अपनी तरफ खींचा और अपना एक अलग ब्रांड हिंदी सिनेमा में बनाया. अनुभव सिन्हा का बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट कार्ड बताता है कि वो हिट और फ्लॉप के चक्रव्यूह के सिनेमाई अभिमन्यु साबित हुए हैं. आर्टिकल 15, मुल्क और थप्पड़ जैसे सामाजिक सरोकारों के मुद्दों पर फिल्म बनाने के लिए पहचाने जाने वाले डायरेक्टर अनुभव सिन्हा को बॉलीवुड के बेहतरीन डायरेक्टर्स की फेहरिस्त में शुमार किया जाता है
कुल मिलाकर बात इतनी सी है कि मनोज बाजपेई और अनुभव सिन्हा मौजूदा वक्त में बॉलीवुड के पिलर्स की तरह काम कर रहे हैं. आज ये जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, उसकी डगर इतनी आसान नहीं थी. चलिए आपको इन दोनों दोस्तों के संघर्ष की कहानी सुनाते हैं.मनोज और अनुभव की दोस्ती की शुरुआत साल 1989 से हुई... ये वो दौर था जब खाने के नाम पर उनके पास सिर्फ दो रोटी का आटा हुआ करता था. स्ट्रगलिंग के दिनों में अनुभव सिन्हा और मनोज बाजपेयी ने काफी बुरे दिन साथ में गुज़ारे हैं. अनुभव सिन्हा ने एक दफा बताया था कि मनोज बाजपेयी ज़मीन पर बैठकर हमारे लिए रोटियां सेंका करता था. अनुभव बताते हैं कि हम कॉलेज के दिनों में भुखमरी के दिन साथ देखा करते थे. मैं और मनोज साथ में रहा करते थे. मनोज हमारा अन्नदाता था. मुझे आज भी वो सीन आंखों से नहीं भुलाया जाता जिसमें मनोज नीचे ज़मीन पर बैठकर रोटियां बेल रहा होता है और हम 3-4 दोस्त बैठकर रोटियां तोड़ रहे होते हैं.
ज़रा सोच कर देखिए, दो रोटी का आटा, और खाने वाले तीन-चार दोस्त. सोचिए ज़रा कितनी रातें उन्होंने भूखे पेट गुज़ारी होंगी. कितने ऑडिशंस उन्होंने भूखे पेट दिए होंगे. तब जाकर वो आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं.अनुभव सिन्हा ने बताया था कि द कंधार हाईजैक उनके दोस्त मनोज बाजपेई को इतनी ज़्यादा पसंद आई थी कि उन्होंने अनुभव को रात में कॉल करके द कंधार हाईजैक की तारीफ की और सुबह उठने के बाद भी उन्होंने सेम यही काम किया. वैसे ये तारीफ सिर्फ एक तरफ से नहीं बल्कि दोनों तरफ से होती है. अनुभव सिन्हा बताते हैं कि वो मनोज बाजपेई की एक्टिंग के बहुत बड़े फैन हैं. वो कहते हैं कि मनोज बाजपेई ने आज तक जितना भी काम किया है, वो उन पर प्राउड फील करते हैं. अनुभव कहते हैं कि मनोज बाजपेई एक ऐसे एक्टर हैं जिन्हें ऑडियंस चाहती है कि वो हर फिल्म में दिखाई दें... तो ये होती है दो दोस्तों के बीच एक म्युचुअल रिस्पेक्ट. कि दोनों एक दूसरे के काम के दीवाने हैं.
वैसे एक कमाल की बात बताऊं मैं आपको. अनुभव सिन्हा और मनोज बाजपेई की दोस्ती को पूरे 35 साल हो चुके हैं..लेकिन आज तक दोनों ने साथ काम नहीं किया है. अनुभव सिन्हा बताते हैं कि मैंने मनोज बाजपेई को कई फिल्में ऑफर की हैं लेकिन उन्होंने आज तक मेरी कोई फिल्म नहीं की. पिछले साल यानी 2023 में अनुभव सिन्हा की मूवी भीड़ तो आपको याद ही होगी, पहले ये फिल्म मनोज बाजपेई को ही ऑफर हुई थी लेकिन न जाने वो क्या वजहें रहीं कि बात नहीं बन पाई.हम as a audience दोनों के बहुत बड़े फैन हैं, हमारी भी ये ख़्वाहिश है कि दोनों किसी मूवी में एक साथ काम करें. अनुभव सिन्हा अपनी दमदार डायरेक्शन स्किल्स और मनोज बाजपेई अपनी इंटेंस एक्टिंग के ज़रिए हम ऑडियंस को एक ऐसी लीजेंडरी मूवी दें जो बॉलीवुड के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो