हमारे बारह शर्मीले इंडिया की पापुलेशन की कहानी 

The story of the population of our twelve shy India
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कहते हैं कि हम इंडियन्स बड़े शर्मीले किस्म के होते हैं, लेकिन बावजूद इसके, हमारे देश की पॉप्युलेशन दुनिया भर में सबसे ज्यादा है... यही वजह है कि चाहे कहीं भी चले जाओ, वहां आपको बस भीड़ ही भीड़ नज़र आएगी... सड़क पर निकलो तो भीड़, पार्क जाओ तो भीड़, मॉल जाओ तो भीड़, यहां तक की अस्पताल जाओ तो वहां भी भीड़... सच पूछो तो हमारे देश में जितनी भी प्रॉब्लम्स हैं, वो सारी कहीं न कहीं बढ़ती पॉप्युलेशन की वजह से ही हैं... लेकिन जब जनसंख्या रूपी समस्याओं को लेकर फिल्में बनाई जाती हैं, तो उस पर कंट्रोवर्सी छिड़ जाती है...

फिल्म को लेकर जितनी कंट्रोवर्सी हो रही है

अन्नू कपूर, मनोज जोशी और परितोष त्रिपाठी स्टारर फिल्म 'हमारे बारह' के साथ यही तो हो रहा है... अनाउंसमेंट के समय से ही अपनी अनोखी कहानी के चलते ये मूवी चर्चा में बनी हुई है... फिल्म को लेकर जितनी कंट्रोवर्सी हो रही है, उतना ही ज्यादा लोग इसे देखने के लिए एक्साइटिड भी हो रहे हैं... हाल ही में फिल्म का टीजर रिलीज किया गया था, जिसके बाद से इस फिल्म को लेकर क्रेज और भी बढ़ गया...कंट्रोवर्सी ये है कि इस फिल्म पर एक धर्म विशेष के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप है... हमारे बारह फिल्म का विरोध कर रहे लोग एक्टर और बाकी कास्ट को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं...

Hamare Baarah का ट्रेलर रिलीज किया था, जिसे 24 घंटे के अंदर ही डिलीट कर दिय गया

यही वजह है कि मेकर्स ने Hamare Baarah का ट्रेलर रिलीज किया था, जिसे 24 घंटे के अंदर ही डिलीट कर दिय गया... मूवी की ट्रेलर रिलीज़ होने से मूवी की कहानी के बारे में बेहतर तरीके से समझने का मौका मिल रहा है... फिल्म में महिलाओं को लेकर बोले गए कुछ ऐसे डायलॉग भी हैं जिन पर विवाद हो रहा है... कहा जा रहा है कि आखिर सेंसर बोर्ड ने ऐसी फिल्म को कैसे पास कर दिया... 

विवादों पर एक्टर अन्नू कपूर ने अपना बयान दिया

हमारे बारह मूवी को लेकर हो रहे विवादों पर एक्टर अन्नू कपूर ने अपना बयान दिया है,  जिसमे उन्होंने खुद को नास्तिक बताया है और कहा कि मैं सिर्फ अपना काम कर रहा हूं, जिसके लिए मुझे पैसे मिले हैं...फिल्म की कहानी उत्तर प्रदेश के बैकड्राप पर आधारित है, जहां बढ़ रही आबादी के मुद्दे को मेनस्ट्रीम सिनेमा के जरिए उठाने की कोशिश पहली बार की गई है... फिल्म में अश्विनी कालसेकर, अभिमन्यु सिंह, पार्थ समथान, अदिति भटपहरी और इशलिन प्रसाद जैसे स्टार्स भी हैं... 

अपना भौकाल जमाने के लिए विरोध करना है

तो मामला यहीं आकर थमता है कि फिल्म तो रिलीज होकर ही रहेगी... चाहे कोई कितना भी विरोध क्यों ना करें... भई हकीकत को अब कैसे कोई झुठलाया सकता है... इस फिल्म का विरोध करने वालों को यह समझना चाहिए कि ऐसी मूवी तो हमें इंस्पायर करती है अपनी गलतियों को समझने की... लेकिन नहीं उन्हें तो अपना भौकाल जमाने के लिए विरोध करना है...खैर, विरोध करने वालों की छोड़िए, हम अपने दर्शकों से पूछते हैं कि आपको इस मूवी के रिलीज का कितना और क्यों इंतजार है?

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