कोविड महामारी अभी खत्म नहीं हुई है: डब्ल्यूएचओ

जेनेवा, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि भले ही वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के मामलों और मौतों की संख्या में गिरावट जारी है, लेकिन महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।
कोविड महामारी अभी खत्म नहीं हुई है: डब्ल्यूएचओ
कोविड महामारी अभी खत्म नहीं हुई है: डब्ल्यूएचओ जेनेवा, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि भले ही वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के मामलों और मौतों की संख्या में गिरावट जारी है, लेकिन महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।

कोविड-19 के मामलों में कमी का कारण बड़े पैमाने पर परीक्षण दरों (टेस्टिंग रेट्स) में गिरावट भी बताया जा रहा है।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस एडनॉम घेब्येयिसस ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में बताया कि पिछले हफ्ते, डब्ल्यूएचओ को सिर्फ 15,000 से अधिक कोरोना वायरस से संबंधित मौतों की सूचना मिली है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे कम साप्ताहिक संख्या है।

उन्होंने कहा कि हालांकि इस उत्साहजनक प्रवृत्ति की सावधानी से व्याख्या की जानी चाहिए, क्योंकि कई देशों ने टेस्टिंग पर वापस कदम रखा है और इसके परिणामस्वरूप डब्ल्यूएचओ को ट्रांसमिशन और सीक्वेंसिंग के बारे में कम जानकारी मिल रही है।

ट्रेडोस ने कहा कि यह हमें संचरण और इसके फैलाव (ट्रांसमिशन एंड एवोलूशन) के पैटर्न के प्रति अंधा बना देता है, लेकिन यह वायरस सिर्फ इसलिए नहीं जाएगा, क्योंकि देशों ने इसकी तलाश करना बंद कर दिया है। यह अभी भी फैल रहा है, यह अभी भी बदल रहा है और यह अभी भी जान ले रहा है।

उन्होंने चेताते हुए कहा कि जब एक घातक वायरस की बात आती है, तो अज्ञानता सही नहीं है। डब्ल्यूएचओ सभी देशों से निगरानी बनाए रखने का आह्वान करता रहता है।

कोविड-19 महामारी के एक नए आपातकाल के बाद के चरण में प्रवेश करने के यूरोपीय संघ के हालिया फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, डब्ल्यूएचओ स्वास्थ्य आपात कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक, माइक रयान ने आगाह किया कि यह समय वायरस पर से ध्यान हटाने का नहीं है और न ही इसके विकसित होने की क्षमता को हल्के में लिया जाना चाहिए।

उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि तथ्य यह है कि हम अभी तक इससे बाहर नहीं निकले हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ के हेल्थ इमर्जेंसी प्रोग्राम की टेक्निकल लीड मारिया वैन केरखोव ने कहा कि हाल के पॉजिटिव मामलों में रुझानों के बावजूद, उन्हें टेस्टिंग से जुड़ी रणनीतियों में बड़े पैमाने पर बदलाव और दुनिया भर में किए जा रहे परीक्षणों की संख्या में भारी कमी के कारण विश्व भर में रिपोर्ट किए जा रहे मामलों की संख्या में कम ही विश्वास है।

उन्होंने कहा, सकारात्मक पक्ष की बात की जाए तो हम एक बदलाव जरूर देख रहे हैं। हम निश्चित रूप से इस महामारी के एक अलग चरण में हैं, लेकिन हम अभी भी इस महामारी के बीच ही हैं और यह अभी भी एक वैश्विक समस्या बनी हुई है।

उन्होंने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हमने जो किया है उसे वास्तव में मजबूत करें और यह सुनिश्चित करें कि हम लोगों को सलामत रखें और हम अपनी अर्थव्यवस्थाओं को पटरी पर लाएं और हम लोगों की आजीविका बचाएं।

--आईएएनएस

एकेके/एसकेके

Share this story