पहली तिमाही में भारत के स्मार्टफोन शिपमेंट में गिरावट दर्ज

नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। इस साल मार्च तिमाही में पुर्जो की कमी और मांग में गिरावट के चलते भारत के स्मार्टफोन शिपमेंट में 1 प्रतिशत (ऑन-ईयर) की गिरावट आई है। इसी के साथ यह 38 मिलियन यूनिट से अधिक तक पहुंच गया। गुरुवार को एक नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।
पहली तिमाही में भारत के स्मार्टफोन शिपमेंट में गिरावट दर्ज
पहली तिमाही में भारत के स्मार्टफोन शिपमेंट में गिरावट दर्ज नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। इस साल मार्च तिमाही में पुर्जो की कमी और मांग में गिरावट के चलते भारत के स्मार्टफोन शिपमेंट में 1 प्रतिशत (ऑन-ईयर) की गिरावट आई है। इसी के साथ यह 38 मिलियन यूनिट से अधिक तक पहुंच गया। गुरुवार को एक नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।

तीसरी कोविड-19 लहर के कारण तिमाही की शुरुआत धीमी रही। हालांकि, काउंटरप्वाइंट रिसर्च के अनुसार जनवरी के चौथे सप्ताह में मांग में तेजी आई।

वरिष्ठ शोध विश्लेषक पाचीर सिंह ने कहा, पुर्जे की समस्या इस गिरावट का एक प्रमुख कारण थी जिन्होंने लगभग सभी ब्रांडों को प्रभावित किया। ओईएम आपूर्ति के मुद्दों से निपटने के लिए विभिन्न रणनीतियों जैसे कि आपूर्तिकर्ता पोर्टफोलियो का विस्तार और स्थानीय सोर्सिग बढ़ाने को अपना रहे हैं।

उन्होंने कहा, हालांकि, चीन में कोविड-19 की स्थिति से उत्पन्न आपूर्ति में व्यवधान के कारण 2022 की दूसरी तिमाही में भी बाजार सामान्य रहने की उम्मीद है।

2022 की पहली तिमाही में चीनी ब्रांडों की 74 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

एप्पल ने प्रीमियम स्मार्टफोन बाजार (30,000 रुपये और उससे अधिक) का नेतृत्व किया, उसके बाद सैमसंग का स्थान रहा।

शोध विश्लेषक शिल्पी जैन ने कहा, सैमसंग ने ऑफलाइन चैनलों में उपभोक्ता मांग को बढ़ाने के लिए अपनी गैलेक्सी ए सीरीज को नया रूप दिया। साथ ही, गैलेक्सी एस22 सीरीज के लिए उपभोक्ता प्रतिक्रिया काफी सकारात्मक रही है।

सैमसंग ने साल-दर-साल 1 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2022 की पहली तिमाही में दूसरे स्थान पर फिर से कब्जा कर लिया।

यह लगातार दूसरी तिमाही में भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला 5जी स्मार्टफोन ब्रांड भी बना रहा।

भारत के समग्र मोबाइल हैंडसेट बाजार में 2022 की पहली तिमाही में 16 प्रतिशत (ऑन-ईयर) की गिरावट आई है।

फीचर फोन बाजार में (ऑन-ईयर) 39 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आपूर्ति के मुद्दे, उच्च इन्वेंट्री स्तर और उच्च मुद्रास्फीति के कारण उपभोक्ता मांग में नरमी इस गिरावट के प्रमुख कारण थे।

--आईएएनएस

एसकेके/एसकेपी

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