मप्र में बीते साल कोरोना काल के दो माह में सवा लाख लोगों के अंतिम संस्कार हुए : कमल नाथ

भोपाल, 6 मई (आईएएनएस)। कोरोना महामारी से हुई मौतों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट को लेकर मध्य प्रदेश की कांग्रेस इकाई के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश सरकार पर एक बार फिर निशाना साधते हुए दोहराया है कि बीते साल मार्च-अप्रैल माह में सवा लाख से ज्यादा लोगों के अंतिम संस्कार हुए थे।
मप्र में बीते साल कोरोना काल के दो माह में सवा लाख लोगों के अंतिम संस्कार हुए : कमल नाथ
मप्र में बीते साल कोरोना काल के दो माह में सवा लाख लोगों के अंतिम संस्कार हुए : कमल नाथ भोपाल, 6 मई (आईएएनएस)। कोरोना महामारी से हुई मौतों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट को लेकर मध्य प्रदेश की कांग्रेस इकाई के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश सरकार पर एक बार फिर निशाना साधते हुए दोहराया है कि बीते साल मार्च-अप्रैल माह में सवा लाख से ज्यादा लोगों के अंतिम संस्कार हुए थे।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट आने के बाद कमल नाथ ने बयान जारी कर कहा, मैं शुरू से ही कहता रहा हूं कि कोरोना से देश में लाखों लोगों की मौत हुई है , जबकि भाजपा सरकार लोगों की जान बचाने व सच्चाई स्वीकारने की बजाय आंकड़े दबाने- छिपाने में ही लगी रही।

उन्होने आगे कहा, मैंने मध्यप्रदेश को लेकर भी कहा था कि यहां भी शिवराज सरकार के कुप्रबंधन के कारण मार्च और अप्रैल के महीने में श्मशान और कब्रिस्तानों में 1,27503 लोगों के अंतिम संस्कार हुये , इसमें से अगर 80 फीसदी भी कोरोना से मौतें हुईं हैं तो वो तादाद एक लाख दो हजार होती है। सरकार ने मुझे झूठा बताकर मेरे खिलाफ शिकायतें दर्ज करवा दी। जबकि हमने लोगों को इलाज, बेड ,आक्सीजन ,जीवन रक्षक दवाइयों व इजेक्शन के अभाव में तड़प-तड़प कर दम तोड़ते हुए देखा है।

अपनी बात को सच बताते हुए कमल नाथ ने कहा, अब तो डब्ल्यूएचओ भी कह रहा है कि भारत में कोविड से सबसे ज्यादा मौतें हुई है और सरकारी आंकड़े से 10 गुना ज्यादा मौतें हुई है और मौतों का आंकड़ा 47 लाख से भी ज्यादा है। इसी से समझा जा सकता है कि भाजपा सरकार किस प्रकार झूठ परोसती रही , झूठे आंकड़े परोसती रही।

कमल नाथ ने सरकार द्वारा घोषित किसी भी योजना का पीड़ितों को लाभ नहीं मिलने का दावा करते हुए कहा कि, अब सच्चाई सामने है। जिन लोगों ने अपनो को खोया है वो भाजपा सरकार को कभी माफ नही करेंगे।

--आईएएनएस

एसएनपी/आरएचए

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