सार्स-सीओवी-2 जैसा डेल्टा वैरिएंट महामारी की गंभीरता को बढ़ा सकता है
जर्नल सेल में प्रकाशित अध्ययन ने संकेत दिया है कि केवल बढ़ी हुई ट्रांसमिसिबिलिटी वाला एक वैरिएंट एक ऐसे वैरिएंट की तुलना में ज्यादा खतरनाक होगा जो आंशिक रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली से बच सकता है।
फिर भी दोनों लक्षणों वाला एक वैरिएंट अकेले किसी भी विशेषता वाले वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रमण, दोबारा संक्रमण होने का कारण बन सकता है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता मैरी बुशमैन ने कहा, अब तक, प्रतिरक्षा से बचने के सबूत प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने और दोबारा संक्रमण का कारण बनने की क्षमता रखता है।
बुशमैन ने कहा, हमारे निष्कर्ष कहते हैं कि यह शायद अपने आप में इतना बड़ा सौदा नहीं है। लेकिन जब इसे बढ़ी हुई ट्रांसमिसिबिलिटी के साथ जोड़ा जाता है, तो यह वास्तव में एक बड़ी बात हो सकती है।
डेल्टा वैरिएंट के लक्षणों में बढ़ी हुई संप्रेषण क्षमता और उन लोगों को संक्रमित करने की क्षमता शामिल है जिनके पास पिछले संक्रमण/टीकाकरण था।
विश्लेषण ने यह भी बताया कि कैसे मास्किंग/शारीरिक दूरी या टीकाकरण, महामारी के प्रक्षेपवक्र को प्रभावित करेंगे।
सभी परिदृश्य के लिए, टीम ने संक्रमणों की कुल संख्या के साथ-साथ टीकाकरण द्वारा टाले गए संक्रमणों की संख्या/प्रतिशतका विश्लेषण किया।
--आईएएनएस
एसएस/एएनएम