कैंसर-रोधी आयुर्वेदिक दवा के क्लिनिकल ट्रायल के लिए कई संस्थानों के साथ करार
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एनआईए द्वारा विकसित वी2एस2 का सूत्र कई औषधीय पौधों के हाइड्रो-अल्कोहलिक अर्क से तैयार किया जाता है।
प्रयोगशाला परीक्षणों में इसके एंटी-कार्सिनोजेनिक गुणों की पुष्टि पहले ही हो चुकी है। यह प्रतिरक्षा बढ़ाने और कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में भी प्रभावी पाया गया है। इसके औपचारिक इन-विवो परीक्षण के लिए नवीनतम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
समझौते पर हस्ताक्षर पर प्रतिक्रिया देते हुए जयपुर स्थित एनआईए के वाइस चांसलर संजीव शर्मा ने कहा कि जानवरों पर दवा का परीक्षण जल्द ही शुरू होगा।
शर्मा ने कहा : ये परीक्षण मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में 9-12 महीने की अवधि में आयोजित किए जाएंगे। परिणामों के आधार पर मनुष्यों पर परीक्षण एनआईए और जम्मू-कश्मीर आयुष विभाग द्वारा किया जाएगा। दवा के निर्माण का कार्य एआईएमआईएल फार्मास्यूटिकल्स को सौंपा गया है, जो इसे सार्वजनिक खपत के लिए बाजार में लॉन्च करेगी।
एआईएमआईएल फार्मास्यूटिकल्स के कार्यकारी निदेशक संचित शर्मा ने समझौते को कैंसर की दवा अनुसंधान की दिशा में मील का पत्थर बताते हुए कहा कि अगले दो-तीन वर्षो में आयुर्वेद मरीजों को प्रभावी कैंसर उपचार विकल्प प्रदान करने में सक्षम होगा।
उन्होंने कहा कि इस दवा के शुरुआती परिणाम बहुत उत्साहजनक थे, जिससे पता चलता है कि यह मनुष्यों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा करता है।
--आईएएनएस
एसजीके/एएनएम