यूआईडीएआई - आईआईटी बॉम्बे ने टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम के लिए मिलाया हाथ

यूआईडीएआई - आईआईटी बॉम्बे ने टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम के लिए मिलाया हाथ
नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आईआईटी-बॉम्बे के साथ हाथ मिलाया है, ताकि लोगों द्वारा कभी भी, कहीं भी आसान उपयोग के लिए एक मजबूत टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम विकसित किया जा सके।

इसके तहत यूआईडीएआई और आईआईटी बॉम्बे कैप्चर सिस्टम से जुड़े लाइवनेस मॉडल के साथ फिंगरप्रिंट के लिए एक मोबाइल कैप्चर सिस्टम बनाने के लिए संयुक्त रूप से अनुसंधान करेंगे।

इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने इस विषय में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम, एक बार विकसित और चालू होने के बाद, घर से चेहरे के प्रमाणीकरण की सुविधा के साथ साथ फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी। मंत्रालय के मुताबिक उम्मीद की जाती है कि नई प्रणाली एक बार में उंगलियों के कई निशान लेगी और प्रमाणीकरण की सफलता दर में और सहायता करेगी। एक बार नई प्रणाली लागू हो जाने के बाद आधार इकोसिस्टम में उपलब्ध मौजूदा सुविधाओं में वृद्धि होगी।

इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय का कहना है कि इस तरह की प्रणाली एक अच्छे उपयोगकर्ता के रूप में अनुभव वाले अधिकांश नागरिकों के लिए उपलब्ध एक सामान्य मोबाइल फोन के साथ सिग्नल इमेज प्रोसेसिंग और मशीन लनिर्ंग डीप लनिर्ंग के एक बुद्धिमान संयोजन का उपयोग करेगी। मंत्रालय के मुताबिक यूनिवर्सल ऑथेंटिकेटर को वास्तविकता बनाने की दिशा में यह एक अगला कदम होगा।

यूआईडीएआई और आईआईटी बॉम्बे के बीच अपने राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र (एनसीईटीआईएस) के सहयोग से यूआईडीएआई के लिए एक प्रणाली के विकास के लिए अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) में संयुक्त जुड़ाव होगा। इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने बताया कि एनसीईटीआईएस अपने प्रमुख डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत आईआईटी बॉम्बे और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है। एनसीईटीआईएस का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण के व्यापक क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा बलों के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करना है।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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