संचार माध्यम के रूप में मन की बात: जामिया विश्वविद्यालय ने किया शोध अध्ययन

विश्वविद्यालय का कहना है कि है कि जामिया द्वारा किए गए शोध अध्ययनों से पता चलता है कि इस शक्तिशाली पहल के माध्यम से प्रधानमंत्री ने भारत के नागरिकों के साथ दो-तरफा संचार प्रक्रिया विकसित की है। मन की बात एक ऐसे मंच में तब्दील हो गया, जहां प्रधानमंत्री देश की जनता से सीधे संवाद करते हैं। यह सरल, फिर भी अविश्वसनीय रूप से प्रभावी है, और इसने प्रधानमंत्री को पूरे देश में ग्रामीण से शहरी और अमीर से गरीब तक लगभग एक अरब लोगों के साथ व्यक्तिगत संबंध विकसित करने में सक्षम बनाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिष्ठित रेडियो कार्यक्रम मन की बात जिसमें वे विभिन्न मुद्दों पर देश के लोगों को संबोधित करते हैं, 30 अप्रैल, 2023 को अपने 100वें एपिसोड को पूरा करेगा। इस कार्यक्रम प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के जागररुक नागरिकों के बीच असाधारण संबंध विकसित किया है।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने कुलपति प्रो. नजमा अख्तर के नेतृत्व में यह मन की बात पर यह अध्ययन किए गए हैं। 100वें एपिसोड से पहले जामिया 28 अप्रैल को मन की बात पर एक संगोष्ठी और एक कला प्रदर्शनी का आयोजन भी कर रहा है। प्रदर्शनी में छात्र विभिन्न कला कृतियों के माध्यम से मन की बात के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करेंगे। मन की बात के 100वें एपिसोड के प्रसारण के बाद यूनिवर्सिटी मोनोग्राफ भी लाएगी। जामिया सामुदायिक रेडियो 90.4 एफएम चैनल पर मन की बात के सभी एपिसोड प्रसारित करने की भी योजना बना रहा है।
माखनलाल चतुर्वेदी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन (एमसीयू), भोपाल द्वारा प्रकाशित प्रतिष्ठित जर्नल मीडिया मीमांसा के विशेष संस्करण में मात्रात्मक और गुणात्मक टूल्स का उपयोग करके जामिया के विभिन्न विभागों और शोधकतार्ओं द्वारा किए गए शोध अध्ययन प्रकाशित किए जा रहे हैं। जामिया में होने वाली संगोष्ठी के दौरान जामिया और एमसीयू, भोपाल के कुलपतियों द्वारा संयुक्त रूप से जर्नल का विशेष संस्करण जारी किया जाएगा।
जामिया मिलिया इस्लामिया का कहना है कि जर्नल में प्रकाशित होने वाले शोध अध्ययनों के परिणाम भारत के परिवर्तन पर कार्यक्रम के प्रभाव को उजागर करेंगे। यह मन की बात की शक्ति और इस देश के लोगों पर इसके अविश्वसनीय प्रभाव का एक वसीयतनामा होगा।
--आईएएनएस
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