2022 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रैनसमवेयर के जरिए सबसे ज्यादा निशाने पर रहने वाला दूसरा देश भारत : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)। भारत 2022 में एशिया-प्रशांत और जापान क्षेत्र में रैनसमवेयर द्वारा सबसे ज्यादा निशाना बनाया जाने वाला दूसरा देश है, जो 2021 में तीसरे स्थान पर था। मंगलवार को एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
2022 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रैनसमवेयर के जरिए सबसे ज्यादा निशाने पर रहने वाला दूसरा देश भारत : रिपोर्ट
नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)। भारत 2022 में एशिया-प्रशांत और जापान क्षेत्र में रैनसमवेयर द्वारा सबसे ज्यादा निशाना बनाया जाने वाला दूसरा देश है, जो 2021 में तीसरे स्थान पर था। मंगलवार को एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

पालो ऑल्टो नेटवर्क्‍स 2023 यूनिट 42 रैनसमवेयर और एक्सटॉर्शन रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में महाराष्ट्र 36 प्रतिशत रैनसमवेयर हमलों के साथ सबसे अधिक निशाना बनाए जाने वाला राज्य रहा, जबकि दिल्ली दूसरे स्थान पर था।

पालो ऑल्टो नेटवर्क्‍स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और यूनिट 42 के प्रमुख वेंडी व्हिटमोर ने कहा, रैनसमवेयर और जबरन वसूली करने वाले समूह अपने पीड़ितों को भुगतान किए जाने की संभावना बढ़ाने के अंतिम लक्ष्य के साथ प्रेशर कुकर में डाल रहे हैं।

इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि विनिर्माण, निर्माण और पेशेवर और कानूनी सेवाएं सबसे अधिक लक्षित उद्योग थे।

सबसे सक्रिय रैनसमवेयर समूहों में लॉकबिट 2.0, बियानलियन और स्टॉर्मस शामिल हैं।

इसके अलावा, रिपोर्ट में पाया गया कि जबरन वसूली की रणनीति में डेटा चोरी सबसे आम थी, 2022 के अंत तक 70 प्रतिशत समूह इसका उपयोग कर रहे थे - पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत की वृद्धि।

2022 में देखे गए लीक के 42 प्रतिशत के साथ अमेरिका में स्थित संगठन सार्वजनिक रूप से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे, इसके बाद जर्मनी और यूके में लगभग 5 प्रतिशत का हिसाब था।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फोर्ब्स ग्लोबल 2000 की सूची में 30 संगठन 2022 में जबरन वसूली के प्रयासों से सार्वजनिक रूप से प्रभावित हुए थे।

2019 के बाद से इनमें से कम से कम 96 संगठनों के पास जबरन वसूली के प्रयास के हिस्से के रूप में कुछ हद तक गोपनीय फाइलें सार्वजनिक रूप से उजागर हुई हैं।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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