Health Tips for Summer : हीट स्ट्रोक से कैसे बचें? जानें लू लगने के कारण, लक्षण और घरेलु इलाज

Side Effect of Heat Stroke
Heat Stroke Kya Hota Hai
Heat Stroke Treatment
Health Tips for Summer : भाई इस समय तो भीषण गर्मी पड़ रही है. जला देने वाली धूप और गर्म हवाओं से लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है. कई राज्यों में तो पारा 45 - 50 तक पहुंच चुका है. और ऐसी जानलेवा गर्मी में घर से बाहर जाने पर सबसे ज्यादा हीट स्ट्रोक होने का खतरा रहता है. बता दें की हीट स्ट्रोक गर्मी से रिलेटेड एक सीरियस सिचुएशन है. और अगर इसका तुरंत इलाज नहीं हुआ तो इससे आपकी डेथ भी हो सकती है... तो चलिए जानते हैं फिर की हीट स्ट्रोक क्या है, इसके symptoms क्या हैं और इसका घर रहते Treatment क्या होगा...
लू लगने के लक्षण व उपचार
वैसे हीट स्ट्रोक को आम भाषा में 'लू लगना' कहते हैं. और ऐसा तब होता है, जब आपका शरीर अपने tempreature को कंट्रोल नहीं कर पाता. हीट-स्ट्रोक होने पर शरीर का तापमान लगातार बढ़ता है, और जब किसी को लू लग जाती है तो शरीर का स्वेटिंग मैकेनिज्म भी फेल हो जाता है यानि इंसान को पसीना आना ही बंद हो जाता है.. वहीँ हीट-स्ट्रोक की चपेट में आने पर 10 से 15 मिनट के अंदर शरीर का तापमान 106°F या इससे ज्यादा भी हो सकता है. और टाइम से इलाज नहीं हुआ तो इंसान की मौत या ऑर्गन फेल हो सकता है.
लेकिन हीट-स्ट्रोक के लक्षण अगर पहचान लिए जाएं तो इलाज में काफी मदद मिल सकती है. जैसे सिर दर्द, तेज बुखार, होश खोना, मानसिक स्थिति बिगड़ना, वोमिटिंग होना, रेड स्किन, हार्ट रेट बढ़ना, स्किन ड्राई होना और डिमेंशिया इसके कॉमन symptoms हैं. और ऐसा तब होता है जब आप ज्यादा टाइम तक गर्म जगह पर रहेंगे, या एकदम से ठन्डे मौसम से बहुत गर्म जगह जायेंगे, तो भी आपको हीटस्ट्रोक के चान्सेस हैं.. वहीँ गर्मियों में ज्यादा एक्सरसाइज करना भी हीट-स्ट्रोक का main reason है. साथ ही गर्मी में ज्यादा पसीना आने के बाद प्रॉपर पानी न पीने से, और अधिक शराब के सेवन से, शरीर अपना टेम्प्रेचर सही करने की ताकत खो देता है.
इसलिए जिस व्यक्ति को लू लगी है उसे धूप में बिलकुल न बिठायें, और साथ ही उसके शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए कूलर या पंखे में बैठाएं, ठंडे पानी से नहलाएं, शरीर को ठंडे पानी के कपड़े से पोछें, सिर पर आइस पैक या कपड़े को ठंडे पानी से गीला करके रखें और ठंडे पानी में भीगे तौलिये को सिर, गर्दन, बगल और कमर पर लगातार रखें.. ऐसा करके आप हीटस्ट्रोक के शुरुआती स्टेज को कम कर सकते हैं लेकिन पेशेंट अगर ज्यादा सीरियस है तो इन सबके साथ साथ तुरंत डॉक्टर को भी दिखाएँ..