क्या है स्पर्म क्वालिटी, इसे कैसे बढ़ाएं? जानिए सबकुछ
 

स्पर्म क्वालिटी का सम्बन्ध आपके वीर्य गाढ़ा एवं सफेद रंग से होता है। वीर्य का पतला होना Low Sperm Quality यानी कम शुक्राणुओं के होने का लक्षण होता है।
Sperm Quality

पुरुषों में शुक्राणु संख्या कम होने के कारण उन्हें बांझपन, नपुंसकता या नामर्दी कहा जाता है। जब पुरुष की शुक्राणु संख्या कम होती है, तो उनकी शुक्राणुओं की गतिशीलता भी कम होती है, जिससे वे महिला के अंडे को फर्टिलाइज नहीं कर पाते हैं। यह महिला को गर्भधारण में परेशानियों का सामना करने के लिए कारण बनता है। नपुंसकता की स्थिति में, स्पर्म की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों ही प्रभावित होती है, जिससे पुरुष पिता बनने में असमर्थ होते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए विभिन्न तरह की एलोपैथी, आयुर्वेदिक और होम्योपैथी दवाइयाँ उपलब्ध हैं।

क्या होती है स्पर्म क्वालिटी 

स्पर्म क्वालिटी का सम्बन्ध आपके वीर्य गाढ़ा एवं सफेद रंग से होता है। वीर्य का पतला होना Low Sperm Quality यानी कम शुक्राणुओं के होने का लक्षण होता है। इससे पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कहा जाता है कि अच्छा स्पर्म क्वालिटी आपके सेक्स लाइफ को हेल्दी बना सकता है।  

स्पर्म की क्वालिटी कैसे चेक करें?

स्पर्म क्वालिटी की जांच करने के लिए आपको किसी डॉक्टर को अपना वीर्य का सेंपल देना होता है। स्खलन द्वारा निकाले गए वीर्य को एक सेंपल कप में डालकर उसे जाँच के लिए ले जाया जाता है।

स्पर्म की क्वालिटी कैसे बढ़ाए?

विकिपीडिया के अनुसार, पुरुषों की स्पर्म में क्वालिटी होना बेहद जरुरी है। अगर आपकी स्पर्म क्वालिटी कम है तो आपको सेक्स लाइफ में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, अगर आप केले का सेवन करें तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। नियमित रूप से रोजाना सुबह और शाम में दो दो केला का सेवन करने से आपकी स्पर्म क्वालिटी बढ़ सकती है।     

पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता?

WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि पुरूष के स्पर्म में शुक्राणु की संख्या 15 मिलियन प्रति एमएल से अधिक है तो यह सामान्य है लेकिन किसी पुरूष के स्पर्म 15 मीलियन से कम हैं तो उसे गर्भधारण के दौरान समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

मैं घर पर अपने शुक्राणु की जांच कैसे कर सकता हूं?

घर में अपने शुक्राणु की जाँच के लिए आप एक छोटे कप में स्खलन करके वीर्य का नमूना एकत्र कर सकते हैं। लेकिन इसकी जाँच के लिए आपको किसी स्वास्थ्य लैब सेम्पल देना पड़ेगा। 

स्पर्म कितना गाढ़ा होना चाहिए?

इसकी कोई सटीक मात्रा या कोई उचित जानकारी तो नहीं है लेकिन कहा जाता है कि पुरुषों में वीर्य की मात्रा 0.8 मिलीलीटर से 7.6 मिलीलीटर के बीच होती है। पुरुषों की उम्र के हिसाब से ये मात्रा बदलती रहती है। वीर्य की अधिकतम मात्रा 30-35 वर्ष की आयु के बीच होती है। वहीं, 40-42 साल के बाद पुरुषों में इसकी मात्रा कम होने लगती है।

30 दिन में कितना स्पर्म बनता है?

पुरुषों में एक दिन में लाखों शुक्राणुओं का उत्पादन होता है। शुक्राणुओं के उत्पादन की प्रक्रिया को सेकेंडों में देखें तो हरेक सेकंड में 1500 शुक्राणु पैदा होते हैं।

 

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