Joints Pain Treatment In Hindi : बुजुर्गों में जोड़ों में दर्द क्यों होता है? जोड़ों में दर्द के कारण और घरेलू उपचार

Joints Pain Treatment In Hindi
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Joints Pain Home Remedies In Hindi

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Joints Pain Home Remedies In Hindi
हेल्थ डेस्क, नई दिल्ली।
अकसर ओल्ड एज के लोग कई तरह की ज्वाइंट प्रॉब्लम्स को फेस करते हैं। सर्दी के मौसम में ऐसी प्रॉब्लम्स और बढ़ जाती हैं। ऐसे में जरूरी है कि बोंस को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए।

बुजुर्गों के जोड़ों में दर्द कब होता है?

सर्दी के मौसम में बुजुर्गों को कई स्वास्थ्य समस्याओं के साथ ज्वाइंट पेन और हड्डियों की चोट का खतरा बढ़ जाता है। ठंडी हवाएं और कम तापमान वाला मौसम हड्डियों और जोड़ों की समस्या को बढ़ा देता है, खासकर उन लोगों में जो पहले से ही बोंस प्रॉब्लम्स से ग्रस्त हैं या 55-60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। 

क्या कहता है टी स्कोर ?

बढ़ती उम्र में कैल्शियम का रिसाव शुरू हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप बोन मास कम होने लगता है। इसलिए बोन डेंसिटी को बनाए रखना जरूरी होता है। बोन डेंसिटी को टी स्कोर लेवल में मापा जाता है, जो हड्डियों की मजबूती की पहचान करता है। -1 और उससे ऊपर का टी स्कोर सामान्य माना जाता है। -1 और -2.5 के बीच का स्कोर ऑस्टियोपीनिया का संकेत होता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें बोन डेंसिटी सामान्य से कम होती है, और ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। -2.5 या उससे नीचे का टी स्कोर ऑस्टियोपोरोसिस को दर्शाता है। 

जोड़ों में दर्द के कारण क्या है?

जब वातावरण का तापमान कम हो जाता है तो हमारे शरीर के जोड़ों के ऊतक सूज जाते हैं, उनमें उस क्षेत्र की मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के विपरीत खिंचाव बढ़ता है, जो दर्द का कारण बनता है। सर्दियों में बुजुर्ग लोगों की सक्रियता कम हो जाती है, जो जोड़ों की समस्याओं को और अधिक बढ़ाता है।

बुजुर्गों के जोड़ों में दर्द क्यों होता है?

बुज़ुर्ग लोगों को सर्दियों के दौरान आर्थराइटिस पेन का सामना भी करना पड़ता है। इसके अलावा अगर ओल्ड एज के लोग फ्रेक्चर का शिकार हो चुके हैं तो सर्दियों में उनका पेन बढ़ सकता है। वास्तव में फ्रेक्चर, ऑस्टियोपोरोसिस (खोखली हड्डी रोग) या लो बोन डेंसिटी या वीक बोंस का परिणाम हो सकता है। 

जोड़ों के दर्द का इलाज क्या है?

बोन वीकनेस एक गंभीर समस्या है, जो पूरे देश में आबादी के एक बड़े वर्ग को प्रभावित कर रही है। बोंस डेंसिटी कम न हो इसके लिए, सभी को डेयरी उत्पादों और ऐसे खाद्य पदार्थों की पर्याप्त मात्रा लेनी चाहिए, जो कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर होते हैं।

इससे बचने के लिए धूप सेंकने के अलावा रेाजाना व्यायाम करना, मांसपेशियों, जोड़ों और हड्डियों की समस्याओं को कम करने या इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी उपायों में से एक है। रोजाना व्यायाम करने से बोंस को स्ट्रेंथ, बैलेंस, और फ्लेग्जिबिलिटी को बनाए रखने में मदद कर सकता है। 

इसके अलावा कैल्शियम से भरपूर डाइट का सेवन आवश्यक होता है। विशेष रूप से महिलाओं और बुजुर्गों को बढ़ती उम्र के साथ पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार जरूर करना चाहिए। 

ऑस्टियोपोरोसिस की वृद्धि को रोकने में एक इंजेक्शन (बिस्फोस्फॉनेट) भी प्रभावशाली साबित हुआ है। इसके अलावा भी अन्य दवाएं और स्प्रे उपलब्ध हैं, जो इस स्थिति की रोकथाम में मददगार हो सकते हैं।
 

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