क्या ब्रेन कैंसर हमेशा के लिए ठीक हो सकता है | Cancer Se Kaise Bacha Ja Sakta Hai ?

कैंसर से बचने के लिए क्या करें | Kis Test Se Brain Tumor Ka Pata Ho Sakta Hai ?

brain tumor ko kaise theek kiya ja sakta hai

Brain Tumor Symptoms In Hindi

सिर में ट्यूमर होने के क्या लक्षण है

Kya Brain Tumor Ka Ilaj Sambhav Hai

by supriya singh 

कैंसर, पूरी दुनियस भर में मौत के सबसे प्रमुख कारणों में से एक है, हर साल कई प्रकार के कैंसर की वजह से लाखों लोगों की मौत भी हो जाती है। और रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनियाभर में पिछले एक दशक में ब्रेन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

क्या कोई ब्रेन ट्यूमर से ठीक हो सकता है?

हमारे माइंड में कैंसरयुक्त जो एबनॉर्मल सेल्स की  वृद्धि होती है, वही ट्यूमर का कारण बनती है.  जिससे ब्रेन कैंसर का खतरा हो सकता है.  और ये सबसे जानलेवा प्रकार के कैंसर में से एक है.  हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, कैंसर के कारण मृत्युदर ज्यादा होने का प्रमुख कारण समय से रोग का निदान न हो पाना है. और ज्यादातर लोगों में कैंसर का पता ही तब चल पाता है जब वह काफी फ़ैल चुका होता है. और पूरी दुनियाभर में बढ़ते कैंसर के खतरे की वजह से लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है.  और हाल ही में ब्रेन कैंसर को जल्दी ठीक करने के उपायों की खोज कर रही वैज्ञानिकों की एक टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी  है. कई सर्जनों और वैज्ञानिकों ने ब्रेन कैंसर के लिए दुनिया का पहला रक्त परीक्षण विकसित किया है.  जिसकी मदद से समय रहते ही कैंसर का पता लगाया जा सकेगा . और समय से इलाज होने से रोगियों के जीवित रहने की दर को बढ़ाने में भी मदद मिल सकती है .  कई सालों से ब्रेन ट्यूमर का पता लगाना काफी डिफिकल्ट प्रोसेस रहा है . और हर साल पूरी दुनिया में हजारों लोगों को ये कैंसर इफैक्टेड भी करता आ रहा है . अब इस कैंसर का पता लगाने के लिए रिसर्चेस ने एक विशेष प्रकार का ब्लड टेस्ट डिजाइन किया है जो अधिक तेजी से बीमारी को ठीक करने में मदद करेगा. 

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हर कैंसर का इलाज संभव होगा क्या ?

बता दे कि इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर में प्रकाशित अध्ययन की रिपोर्ट में ये बताया गया, कि यह एक्सपेरिमेंट "दुर्गम" मस्तिष्क ट्यूमर वाले रोगियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है, और जिन्हें जल्द से जल्द इलाज शुरू करने से लाभ हो सकता है . वहीँ इंपीरियल कॉलेज लंदन और इंपीरियल कॉलेज हेल्थकेयर एनएचएस ट्रस्ट द्वारा संचालित ब्रेन ट्यूमर रिसर्च सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के शोधकर्ताओं ने पाया कि इस टेस्ट से  ग्लियोब्लास्टोमा (जीबीएम) सहित ब्रेन ट्यूमर के और भी कई प्रकारों का आसानी से पता लगाया जा सकता है. जो जीबीएम होता है, वो मस्तिष्क का सबसे आम प्रकार का कैंसर है, और वयस्कों में इसका खतरा अधिक देखा जाता रहा है . और अब आपको बताते हैं की ये टेस्ट कैसे काम करता है  .  देखिये साइंटिस्ट इस एक्सपेरिमेंट का अच्छे से अध्ययन कर रहे हैं और अगर ये सफल रहा तो रोगियों को दो वर्षों में इस नए परीक्षण का लाभ मिल सकता है .  ट्राइनेट्रा-ग्लियो नामक ये ब्लड टेस्ट, ग्लियाल कोशिकाओं की पहचान करने में मददगार है। और ये कोशिकाएं ब्रेन ट्यूमर से निकली होती हैं और रक्त में तैरती रहती है . रक्त में इन कोशिकाओं की माइक्रोस्कोप  की मदद से पहचान की जा सकती है  .  और इसके पाए जाने से ये संकेत हो सकता है कि ब्रेन में ट्यूमर का विकास हो रहा है  .  वहीँ अगर  शोधकर्ताओ की बात करे तो ब्रेन ट्यूमर रिसर्च सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का नेतृत्व करने वाली डॉ. नेलोफर सैयद का कहना है, की ब्रेन ट्यूमर का शीघ्र पता लगाने के लिए ये सस्ती विधि है, जो रोगियों के देखभाल में महत्वपूर्ण हो सकती है। अभी भी हमारे लिए कुछ रास्ता तय करना बाकी है, लेकिन ऐसे लोगों के लिए काफी हेल्पफुल है जो ट्यूमर के स्थान या अन्य कारणों से ब्रेन बायोप्सी नहीं करा सकते हैं. वहीँ रिसर्चस का कहना है, की ब्रिटेन में किसी भी अन्य कैंसर की तुलना में ब्रेन ट्यूमर की वजह से 40 वर्ष से कम उम्र के अधिक लोगों की मौत होती है। अगर समय से रोगियों में कैंसर का  पता लगा लेते हैं तो ये उनकी जान बचाने में काफी मददगार साबित होगा .

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