अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं में बढ़ रहे कैंसर से निपटने के लिए माश हॉस्पिटल ने शुरू किया ऑनकोलॉजी डिपार्टमेंट

On the occasion of International Women's Day, Mash Hospital started Oncology Department to deal with the increasing cancer among women.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं में बढ़ रहे कैंसर से निपटने के लिए माश हॉस्पिटल ने शुरू किया ऑनकोलॉजी डिपार्टमेंट
नई दिल्ली। दुनिया भर में कैंसर बीमारी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, खासकर कुछ तरह के कैंसर महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करते हैं। भारत में, महिलाओं में कई तरह के कैंसर पाए जाते हैं। इसीलिए ये बहुत ज़रूरी है कि महिलाओं में कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाई जाए, बचाव के तरीके अपनाए जाएं और इलाज के सही तरीके इस्तेमाल किए जाएं।

भारत में हर 100 कैंसर के मरीजों में से 51 महिलाएं शामिल हैं।

भारत में, स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है। हर 100 में से 27 महिलाओं को यह बीमारी होने का खतरा होता है। इसके बाद सर्वाइकल कैंसर का नंबर आता है, जो 13 महिलाओं में से एक को हो सकता है। पूरी दुनिया की बात की जाए तो, हर साल लाखों महिलाएं इन बीमारियों से अपना जीवन गंवा देती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल 6.85 लाख से ज्यादा महिलाओं की स्तन कैंसर से और 3.42 लाख महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर से मौत हो जाती हैं।

भले ही कैंसर अभी भी एक खतरनाक बीमारी है, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि करीब 30 से 50 फीसदी कैंसर के मामले रोके बचा जा सकते हैं। इसके लिए हमें कुछ ऐसी आदतें त्यागनी होंगी, जो कैंसर का खतरा बढ़ाती हैं और साथ ही नियमित तौर कुछ जरूरी टेस्ट भी करवाने होंगे। इसलिए ये बहुत आवश्यक है कि हम जागरूक रहें और पहले से ही ऐसे कदम उठाएं जिनसे कैंसर का खतरा कम किया जा सके।

माश: कैंसर के इलाज में उम्मीद की नई किरण

कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए, नई दिल्ली के जाने-माने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, मिनिमल एक्सेस स्मार्ट सर्जरी हॉस्पिटल (माश) ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अपने ऑन्कोलॉजी विभाग (कैंसर का इलाज करने वाला विभाग) शुरू करने की घोषणा की है। यह नया विभाग एमएएसएसएच द्वारा अपने मरीजों को कई तरह की बीमारियों के लिए एक ही छत के नीचे इलाज देने के लिए उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

माश, कैंसर के इलाज के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिसमें दवा, कीमोथेरेपी, एडवांस्ड सर्जरी और निवारक दवा शामिल हैं। अनुभवी ऑन्कोलॉजिस्ट (कैंसर विशेषज्ञ) की टीम के नेतृत्व में, माश का समर्पित ऑन्कोलॉजी विभाग कैंसर रोगियों को व्यापक देखभाल प्रदान करता है। कैंसर के इलाज के बाद भी निरंतर फॉलोअप द्वारा रोगियों की निगरानी की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कैंसर वापस न आए।

अस्पताल में आधुनिक मशीनों से जांचें और टिश्यू टेस्ट करने की लैब मौजूद है। साथ ही, यहां कैंसर के इलाज के लिए एक खास टीम भी उपलब्ध है "मल्टी डिसीप्लिनरी ट्यूमर बोर्ड।" इसमें कई तरह के विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हैं, जैसे कैंसर के इलाज के स्पेशलिस्ट (मेडिकल ऑनकोलॉजिस्ट), ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर (सर्जन), एक्स-रे और स्कैन करने वाले डॉक्टर (रेडियोलॉजिस्ट), और जांच करने वाले डॉक्टर (पैथोलॉजिस्ट)। यह सभी मिलकर मरीजों के लिए उपलब्ध सबसे बेहतरीन इलाज का फैसला करते हैं। इस तरह से मरीज़ों को हर तरह से बेहतर इलाज मिलता है।

कैंसर का जल्दी पता लगाना और जांच करवाना बहुत ज़रूरी है

डॉ. सचिन अम्बेकर, डायरेक्टर - मिनिमल एक्सेस सर्जरी व मेडिकल डायरेक्टर एमएएसएच हॉस्पिटल ने बताया, "कैंसर का जल्दी पता लगाना और जांच करवाना बहुत ज़रूरी है। अगर ब्रेस्ट, सर्विकल या ओवरी के कैंसर जैसी बीमारी का जल्दी पता चल जाए और इलाज शुरू कर दिया जाए, तो उसे ठीक करने की संभावना काफी बढ़ जाती है। कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर आपके परिवार में किसी को कैंसर हुआ है, तो आपके लिए भी खतरा ज्यादा होता है। मोटापा, धूम्रपान और शराब पीने की आदत, यह भी कैंसर का कारण बन सकते हैं। खासतौर पर स्तन कैंसर में, अगर माँ या नानी को ये बीमारी हुई है, तो भी खतरा ज्यादा हो सकता है। ऐसा खास जीन बीआरएसी1 या बीआरएसी2 में हुए में म्यूटेशन या बदलाव के कारण भी हो सकता है। यह जीन माता-पिता से बच्चों को मिलते हैं।

हनीश बंसल, चेयरमैन एंड एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर,एमएएसएच हॉस्पिटल  ने बताया,  "माश कैंसर का इलाज करा रहे मरीजों को हर तरह से राहत पहुंचाने के लिए तत्पर रहता है। उन्हें सिर्फ इलाज ही नहीं, बल्कि मानसिक परेशानी को कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह और मनोवैज्ञानिक सहायता, खाने-पीने की सही जानकारी देने वाले डाइट सलाहकार, पेन मैनेजमेंट और ज़रूरत पड़ने पर राहत देने वाली देखभाल जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराता है। इस तरह से मरीजों का शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से ध्यान रखा जाता है।  अस्पताल नई दवाइयां और इलाज खोजने वाले रिसर्च में भी मरीजों को शामिल होने का मौका देता है। इससे जो मरीज इसके लिए उपयुक्त होते हैं वो अत्याधुनिक इलाज करवा सकेंगे और इससे कैंसर की नई दवाइयां लाने में भी मदद मिलती है।"

माश कैंसर रोगियों को न सिर्फ इलाज मुहैया कराता है, बल्कि मरीजों को सशक्त भी बनाता है, उन्हें जीवन जीने की कला भी सिखाता है। हॉस्पिटल रोगियों को विभिन्न प्रकार के शैक्षिक संसाधन प्रदान करता है। रोगियों को सहायता समूहों से भी जोड़ता है, जहां वे अन्य कैंसर रोगियों से संवाद कर सकते हैं और अपनी भावनाओं और अनुभवों को साझा कर सकते हैं। माश रोगियों को सफल इलाज के बाद  कार्यक्रमों में भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है, जो उन्हें कैंसर के बाद जीवन जीने के बारे में जानने में मदद करते हैं।

माश अस्पताल की संस्थापक और सीईओ श्रीमती मानसी बंसल झुनझुनवाला ने बताया, "माश ने कैंसर रोगियों के लिए एक नई व्यवस्था शुरू की है, इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड। इस व्यवस्था के तहत, सभी डॉक्टरों और स्टाफ के पास मरीजों के स्वास्थ्य का एक ही रिकॉर्ड होगा। यह रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप में होगा, यानी इसे कंप्यूटर में रखा जाएगा। इस व्यवस्था के कई फायदे हैं। सबसे पहले, इससे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के बीच बेहतर तालमेल होगा। वे एक-दूसरे के साथ मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में आसानी से जानकारी साझा कर सकेंगे। इससे मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा। दूसरा, इस व्यवस्था से मरीजों को समय पर फॉलो-अप अपॉइंटमेंट मिलेंगे। डॉक्टर मरीजों की प्रगति पर नज़र रख सकेंगे और उन्हें ज़रूरत के अनुसार इलाज में बदलाव कर सकेंगे। तीसरा, इस व्यवस्था से मरीजों के इलाज के परिणामों का बेहतर मूल्यांकन होगा। डॉक्टर यह जान सकेंगे कि कौन सा इलाज किस मरीज के लिए सबसे अच्छा है। यह नई व्यवस्था कैंसर रोगियों को प्रभावी और बेहतर देखभाल प्रदान करने में मदद करेगी।"

भारतीय महिलाओं में कैंसर का खतरा बढ़ रहा है, जो चिंता का विषय है। इस बढ़ते बोझ से निपटने के लिए, हमें एक व्यापक और किफायती स्वास्थ्य देखभाल दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसमें रोकथाम, शीघ्र पता लगाने, सटीक उपचार और समग्र देखभाल शामिल हैं।

माश हॉस्पिटल ने अपना ऑन्कोलॉजी विभाग लॉन्च कर के कैंसर के रोगियों के बीच एक उम्मीद की किरण जगाई है। कैंसर के मरीजों को इलाज के लिए दूर जाने की ज़रूरत नहीं है। आधुनिक इलाज, डॉक्टरों की टीम का पूरा सहयोग और हर कदम पर देखभाल - ये सब अब एक ही छत के नीचे मिल जाएगा। इन सभी सुविधाओं से मरीजों को जल्दी ठीक होने में काफी मदद मिलेगी।

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