जानिए क्या है साइटिका और कैसे करें इसका घरेलू इलाज

जानिए क्या है साइटिका और कैसे करें इसका घरेलू इलाज

Health tips sciatica: खराब रहन-सहन की वजह से आजकल लोग तरह-तरह की समस्याओं के शिकार हो रहे हैं। इनमें से कई समस्याएं ऐसी होती हैं जिनको लोग अक्सर नजरअंदाज करते हैं। जो बाद में एक बड़ी बीमारी का रूप धारण कर लेती है। आज हम एक ऐसी ही समस्या के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें व्यक्ति को काफी दर्द से जूझना पड़ता है। आजकल काफी लोग इस समस्या के शिकार हो रहे हैं, जिसे साइटिका के नाम से जाना जाता है। साइटिका को गृध्रसी भी कहा जाता है। साइटिका नसों में होने वाला दर्द है। यह दर्द कमर के निचले हस्से से शुरु होकर पैरों तक फैल जाता है। आपको बता दें, साइटिका कोई बीमारी नहीं बल्कि स्पाइनल इंफेक्शन, सैक्रोलाइटिस, डिस्कलाइटिस आदि बीमारियों का लक्षण हो सकता है।

साइटिका के क्या होते हैं लक्षण?

इसमें सबसे पहले मरीज को कूल्हे में दर्द होता है और फिर बाद में ये दर्द धीरे-धीरे नसों से होते हुए दोनों पैरों तक चला जाता है। जिसकी वजह से व्यक्ति को चलने-फिरने, उठने-बैठने में दिक्कत होती है। इस दौरान पीड़ित को घुटने और टखने के पीछे दर्द का ज्यादा अनुभव होता है।

आमतौर पर 50 साल की उम्र के बाद ही यह समस्या देखने को मिलती है। दरअसल, व्यक्ति के शरीर में जहां-जहां भी हड्डियों का जोड़ होता है, वहां एक चिकनी सतह होती है जो हड्डियों को जोड़ कर रखती है। वहीं जब चिकनी सतह घिसने लगती है तब व्यक्ति की हड्डियों पर इसका बुरा असर पड़ता है और असहनीय दर्द होता है।

साइटिका होने क्या हैं कारण?

अगर व्यक्ति अधिक मेहनत करता है या भारी सामान उठाता है तो यह समस्या हो सकती है। वहीं हाई हील पहनने, खराब जीवनशैली, असंतुलिस खानपान और गलत तरीके से उठने-बैठने की वजह से लोग साइटिका के शिकार हो जाते हैं।

साइटिका का होम्योपैथिक इलाज-

वैसे तो साइटिका का इलाज पेनकिलर दवाएं, फिजियोथेरेपी और लाइफस्टाइल में कुछ सकारात्मक बदलाव लाकर किया जा सकता है। यदि इसके बाद भी मरीज का दर्द कम न हो और उसे अधिक समस्या हो तो ऐसे गंभीर मामलों में सर्जरी भी करनी पड़ सकती है। वहीं साइटिका के होम्योपैथिक इलाज की बात करें तो होम्योपैथिक दवाएं इस समस्या को पूरी तरह से खत्म करने में बेहद कारगर होती हैं। होम्योपैथिक इलाज में मरीज की बीमारी का इलाज करने के साथ-साथ उसकी सेहत को पूरी तरह से सुधार किया जाता है। होम्योपैथिक दवाओं से साइटिका अटैक के दौरान दर्द को कंट्रोल करने, बार-बार होने वाले दर्द को रोकने और जोड़ों के दर्द को ठीक किया जा सकता है। लंबे समय से चल रही साइटिका के उपचार के लिए कैल्केरिया कार्बोनिका, आर्सेनिक एल्बम, फास्फोरस, टॉक्सिकोडेंड्रोन और प्लंबम दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। साइटिका की सर्जरी के बाद जल्दी ठीक होने के लिए भी होम्योपैथिक दवाएं कारगर साबित होती हैं।

साइटिका में अश्वगंधा का इस्तेमाल-

साइटिका के दर्द में मालिश करने से काफी हद तक राहत पाई जा सकती है। अश्वगंधा को तिल के तेल में डालकर मालिश करने के मरीज को दर्द कम होता है। अश्वगंधा के इस्तेमाल से न केवल साइटिका बल्कि मांसपेशियो की ऐंठन, पीठ दर्द व पैरों का सुन्न होना भी दूर किया जा सकता है।

साइटिका के लिए योगासन-

साइटिका को योग करके भी ठीक किया जा सकता है। इसके लिए मरीज को भुजंगासन, अपनासन, अधोमुख श्वान आसन, सुप्त पादांगुष्ठान और शलभासन योग करना चाहिए।

साइटिका में क्या खाना चाहिए?

-साइटिका के जूझ रहे मरीज को विटामिन बी12 से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे कस्तूरी, पनीर आदि खाने चाहिए।

-विटामिन ए जैसे दही, गाजर, गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां, अंडे, पीले रंग की सब्जियां व नारंगी रंग के फल जैसे आम, खुबानी खाने चाहिए।

- मैग्नीशियम से भरभूर खाद्य पदार्थ जैसे- डेयरी उत्पाद, समुद्री भोजन, मछली, चावल, बीन्स आदि खाने चाहिए।

-विटामिन सी से युक्त खाद्य पदार्थ जैसे- नीबू, आलू, गोभी, ब्रोकली, पालक, टमाटर और हरे व पीले रंग की सब्जियां

-साइटिका के मरीजों के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ भी फायदेमंद होते हैं।

साइटिका का घरेलू उपचार-

-बर्फ पैक से तुरंत राहत पाई जा सकती है। हालांकि पैक का असर काफी अंदर तक नहीं जा सकता है जहां सूजन है। बर्फ पैक के तुरंत बाद गरम पैक लगाएं या गर्म पानी से नहा लें। बेहतर परिणाम के लिए नहाने के पानी में कुछ सेंधा नमक या ज्वलनशीलता विरोधी जड़ी-बूटियों या जरूरी तेलों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

-प्रभावित अंगों पर अच्छी तरह से मालिश करें। मालिश के लिए जड़ी-बूटी युक्त तेल अच्छा परिणाम दे सकते हैं।

-भरपूर नींद लेने का प्रयास करें। ऐसा करने पर आपकी नसों और शरीर को आराम करने के लिए पर्याप्त वक्त मिलेगा और दर्द से राहत में मिलेगा। नींद लेने और आराम करने से तंत्रिकातंत्र को फिर से मजबूत बनती हैं।

-कब्ज की समस्या न होने पाए इसके लिए सावधान रहें।

एक्यूप्रेशर से साइटिका का उपचार

-साइटिका के दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए पैरों की सभी अंगुलियों खासकर अंगूठे के साथ वाली दो उंगलियों पर मालिश की तरह दबाएं।

-साइटिका से परेशान व्यक्ति को करवट के बल लिटाकर उसका हाथ टांग पर रखें। अंगूठे के बाद वाली अंगुली टांग के ऊपरी पार्ट को जहां छुए उस पार्ट पर हाथ से अंगूठे से प्रेशर दें।

-टांग के निचले हिस्से, हाथ-पैरों के ऊपर चौथे जोडों में प्रेशर देने से मरीज को आराम मिलता है।

साइटिका का इंजेक्शन-

दवाओं के इस्तेमाल से ऊब चुके मरीज साइटिका से राहत पाने के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। एपीड्यूरल इंजेक्शन के एक कोर्स से दवाइयों से छुटकारा तो पाया ही जा सकता है बल्कि इसके स्थाई इलाज के ऑपरेशन के विकल्प को भी लंबे समय के लिए टाला जा सकता है।

साइटिका में प्रयोग होने वाली जड़ी-बूटियां

अजवाइन, मेथी, हल्दी, सेंधा नमक,सरसों का तेल हरसिंगार, गूंजा,लहसुन, पिप्पली (लेंडी पिप्पल), हल्दी, पारिजात (प्राजक्ता),सहजन, कायफल का इस्तेमाल करके सायटिका के दर्द से राहत पाई जा सकती है।

साइटिका से कैसे करें बचाव?

-साइटिका से बचाव के लिए खड़े होने, बैठने और चलने के सही तरीकों का प्रयोग करें।

-रोजाना ऐसी एक्सरसाइज करें जो आपकी रीढ़ की हड्डियां और मांसपेशियों को मजबूत बनाए।

-किसी भी सामान को उठाते समय अपने घुटनों को मोड़कर सीधा करने का प्रयास करें।

-बैठने के लिए अच्छा बैक सपोर्ट देने वाली कुर्सियों का इस्तेमाल करें और ध्यान रखे कि आपकी पीठ सही तरीके से टिकी हो।नोट

नोट- कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

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