माघ मेला शुरू होते ही लाखों भक्तों ने मकर संक्रांति पर स्नान किया, मास्क और सामाजिक दूरी को लेकर टूटे नियम
भक्तों ने मास्क और सामाजिक दूरी की परवाह किए बिना पवित्र डुबकी लगाई।
47 दिवसीय वार्षिक धार्मिक मेला शुक्रवार सुबह आधिकारिक रूप से शुरू हुआ।
मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर गुरुवार से बड़ी संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत इस अवसर पर पहुंचने लगे थे। इस बीच तीसरी कोरोना लहर का खौफ कहीं नजर नहीं आया।
भीड़ को नियंत्रित करने और कोविड प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने में अधिकारियों को संघर्ष करना पड़ा।
मेला पदाधिकारी शेषमणि पांडेय ने बताया कि नदियों या तटों पर भीड़ को रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस बार तीर्थयात्रियों के लिए दस मुख्य स्नान घाट बनाए गए हैं। ये संगम के पास नागवासुकी से किला घाट तक फैले होंगे ताकि श्रद्धालुओं को एक जगह भीड़भाड़ लगाने से बचाया जा सके।
अधिकारियों को उम्मीद है कि शुक्रवार को करीब पांच लाख तीर्थयात्री पवित्र स्नान करेंगे।
मेला क्षेत्र के विभिन्न सेक्टरों में 13 थाना और 38 पुलिस चौकियां हैं। इनके अलावा 13 फायर स्टेशन हैं और पूरे मेला क्षेत्र पर 13 वाच टावर से नजर रखी जा रही है। इन टावरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
14-15 जनवरी तक भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके अलावा, प्रमुख स्नान के दिनों में मेला क्षेत्र के अंदर दो और चार पहिया वाहनों का प्रवेश भी प्रतिबंधित रहेगा।
हालांकि, गंगा नदी में पानी का बढ़ा हुआ स्तर अधिकारियों के लिए चिंता का विषय है। पानी का स्तर, जो पहले 74-75 मीटर के आसपास रहता था, इस साल 77 मीटर के आसपास है, जिसके कारण कुछ स्थानों पर तेज धाराएं इसके किनारे को नष्ट कर रही हैं।
--आईएएनएस
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