अब इंदौर का शुगर फ्री आलू चर्चा में
राज्य सरकार की एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत इंदौर का आलू के लिए चयन किया गया है। यहां के आलू में न के बराबर शुगर होने से शुगर-फ्री आलू के नाम से पहचान मिली है। जिले में हर साल 45 हजार हेक्टेयर में लगभग 20 लाख मीट्रिक टन आलू उत्पादन होता है।
आलू की खेती अधिक आय वाली होने के कारण किसान बड़ी संख्या में आलू उत्पादन की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इस शुगर-फ्री आलू के चिप्स की खूबी यह है कि यह तलने के बाद लाल नहीं होती, सफेदी बनी रहती है। आलू उत्पादन के लिये जिले में किसानों को 25 से 35 लाख रुपए तक का ऋण मुहैया कराया जा रहा है, जिसमें अधिकतम 10 लाख रुपए की सब्सिडी दी जा रही है।
बताया गया है कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड अनुदान पर आलू फसल आधारित नवीन सूक्ष्म उद्योग लगाने की ओर युवा वर्ग प्रेरित हो रहा है। इंदौरी आलू की विशेषताओं के चलते अनेक छोटी कंपनियों के साथ प्रतिष्ठित कंपनियों ने भी इंदौर में कारखाने स्थापित किये हैं।
यहां के महू क्षेत्र के एक दर्जन से ज्यादा गांव में आलू की खेती की जा रही है। आमतौर पर एक हेक्टेयर में 220 में 240 क्विंटल तक आलू का उत्पादन होता है, लेकिन देपालपुर तहसील के ग्राम चितोड़ा के किसान भरत पटेल ने उन्नत तकनीक अपनाकर प्रति हेक्टेयर 400 क्विंटल आलू उत्पादन में अद्भुत सफलता हासिल की है। उन्होंने सात किस्म के आलू का उत्पादन किया।
--आईएएनएस
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