अब शिक्षकों-कर्मचारियों के लिए आया नया फरमान, राज्यपाल - मंत्री और सीएम को सीधे पत्र लिखा तो होगी कार्रवाई

देहरादून, 3 अगस्त (आईएएनएस)। उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि दो जून के निर्देश में भी कार्मिकों को शासकीय नियमों की परिधि में रहते हुए उच्चाधिकारियों से पत्राचार करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद कुछ कार्मिकों की ओर से इसका पालन नहीं किया जा रहा है।
अब शिक्षकों-कर्मचारियों के लिए आया नया फरमान, राज्यपाल - मंत्री और सीएम को सीधे पत्र लिखा तो होगी कार्रवाई
अब शिक्षकों-कर्मचारियों के लिए आया नया फरमान, राज्यपाल - मंत्री और सीएम को सीधे पत्र लिखा तो होगी कार्रवाई देहरादून, 3 अगस्त (आईएएनएस)। उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि दो जून के निर्देश में भी कार्मिकों को शासकीय नियमों की परिधि में रहते हुए उच्चाधिकारियों से पत्राचार करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद कुछ कार्मिकों की ओर से इसका पालन नहीं किया जा रहा है।

दरअसल, प्रदेश के महाविद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों ने राज्यपाल, मंत्री और मुख्यमंत्री को सीधे पत्र लिखा तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. संदीप कुमार शर्मा ने इस संबंध में समस्त महाविद्यालय प्राचार्य को निर्देश जारी किए हैं।

उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से सभी प्राचार्य एवं संयुक्त निदेशक को जारी निर्देश में कहा गया है कि उच्च स्तर से इस बात पर नाराजगी जताई गई है कि उच्च शिक्षा विभाग के तहत सेवारत कार्मिक उत्तराखंड कर्मचारी आचरण नियमावली की अवहेलना करते हुए सीधे अपने नाम से राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों को पत्र लिख रहे हैं। विभिन्न प्रकरणों पर सीधे इस तरह से प्रार्थना पत्र लिखा जाना नियमों के विरुद्ध एवं विभागीय गरिमा के प्रतिकूल है।

उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि दो जून के निर्देश में भी कार्मिकों को शासकीय नियमों की परिधि में रहते हुए उच्चाधिकारियों से पत्राचार करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद कुछ कार्मिकों की ओर से इसका पालन नहीं किया जा रहा है।

उच्च शिक्षा निदेशक ने प्राचार्यों को दिए निर्देश में कहा कि इस निर्देश से महाविद्यालय के सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों को अवगत कराते हुए उनके नाम व हस्ताक्षर युक्त प्रति तीन दिन के भीतर निदेशालय को उपलब्ध कराई जाए ताकि आगे से इस तरह से सीधे पत्र लिखने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. संदीप कुमार शर्मा ने कहा कि,

कुछ के शिक्षकों एवं कर्मचारियों की ओर से सीधे मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र लिखकर कर्मचारी आचार नियमावली का उल्लंघन किया जा रहा है। निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई प्रार्थना पत्र है तो वह उचित माध्यम से ही भेजा जाना चाहिए। ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

--आईएएनएस

स्मिता/एएनएम

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